Difference between revisions of "वर्षकृत्य"
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− | '''वर्षकृत्य''' [[विद्यापति|महाकवि विद्यापति]] द्वारा रचिक एक ग्रंथ हैं। इसमें कवि ने एक सधे हुए धर्मशास्त्री के रुप में अर्थात् वर्षकृत्य में वर्षभर में होने वाले पर्वों तथा शुभ कार्यों का विस्तृत विधान प्रस्तुत किया है। इसके अतिरिक्त इस ग्रन्थ में [[पूजा]], अर्चना, [[व्रत]], दान आदि के नियम भी बतलाए गए हैं। | + | '''वर्षकृत्य''' [[विद्यापति|महाकवि विद्यापति]] द्वारा रचिक एक ग्रंथ हैं। |
+ | * इसमें कवि ने एक सधे हुए धर्मशास्त्री के रुप में अर्थात् वर्षकृत्य में वर्षभर में होने वाले पर्वों तथा शुभ कार्यों का विस्तृत विधान प्रस्तुत किया है। | ||
+ | * इसके अतिरिक्त इस ग्रन्थ में [[पूजा]], अर्चना, [[व्रत]], दान आदि के नियम भी बतलाए गए हैं। | ||
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Latest revision as of 14:48, 24 January 2013
varshakrity mahakavi vidyapati dvara rachik ek granth haian.
- isamean kavi ne ek sadhe hue dharmashastri ke rup mean arthath varshakrity mean varshabhar mean hone vale parvoan tatha shubh karyoan ka vistrit vidhan prastut kiya hai.
- isake atirikt is granth mean pooja, archana, vrat, dan adi ke niyam bhi batalae ge haian.
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tika tippani aur sandarbh