अनुपलब्धि
अनुपलब्धि (स्त्रीलिंग) [उप+लभ+क्तिन्, न. त]
- पहचान न होना, प्राप्ति न होना, न मिलना, प्रत्यक्ष न होना, मीमांसकों की दृष्टि में ज्ञान का एक साधन, परन्तु नैयायिकों की दृष्टि में नहीं।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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