अपक्षेप:

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अपक्षेपः (पुल्लिंग)-क्षेपणम् (नपुं.) [अप+क्षिप्+घञ् ल्युट् वा]

1. दूर करना या नीचे फेंकना
2. फेंक देना, नीचे रखना, वैशेषिक दर्शन में निर्दिष्ट पांच कर्मों में से एक कर्म, दे. कर्मन्।[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 62 |

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