आक्षार:
आक्षारः [आ+क्षर्+णिच्+घञ्]
- कलंक लगाना, (व्यभिचारादिकका) दोषारोपण करना।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 149 |
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