आख्या
आख्या [आख्यायतेऽनया-आख्या+अङ्]
- 1. नाम, अभिधान-किं वा शकुन्तलेत्यस्य मातुराख्या[1], पश्चादुमाख्यां सुमुखी जगाम[2], तदाख्यया भुवि पप्रथे[3]; बहुधा समास के अन्त में जब प्रयुक्त होता है तो इसका अर्थ होता है 'नामक' या 'नाम वाला'-अथ किमाख्यस्य राजर्षेः सा धर्मपत्नी[4] रघुवंशाख्यं काव्यम् आदि।[5]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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