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==स्थापना==
बीकानेर शहर, उत्तर-मध्य राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में स्थित है। यह दिल्ली से 386 किमी पश्चिम में पड़ता है। यह राजस्थान का एक नगर तथा पुरानी रियासत था। यह शहर भूतपूर्व बीकानेर रियासत की राजधानी था। लगभग 1465 में राठौर जाति के एक राजपूत सरदार बीका ने अन्य राजपूत जातियों का भूभाग जीतना प्रारंभ किया। 1488 में उन्होंने बीकानेर (बीका का आवास क्षेत्र) शहर का निर्माण प्रारंभ किया। 1504 में बीका की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों ने उनके राज्य क्षेत्र का क्रमिक विस्तार किया।


==इतिहास==
यह राज्य मुग़ल बादशाहों, जिन्होंने 1526 से 1857 तक दिल्ली पर शासन किया, के प्रति निष्ठावान बना रहा। राय सिंह, जिन्होंने 1571 में बीकानेर की सरदारी पाई, बादशाह अकबर के सबसे प्रतिष्ठित सेनापतियों में से एक बन गए और बीकानेर के पहले राजा नियुक्त हुए। 18वीं शाताब्दी में मुग़लों के पतन के साथ ही बीकानेर और जोधपुर की रियासतों में बार-बार लड़ाईयाँ होती रहीं। 1818 में एक संधि हुई, जिसने ब्रिटिश वर्चस्व की स्थापना की और रियासत में ब्रिटिश सेना पुनर्व्यवस्था ले आई। 1833 में इसे राजपूताना एजेंसी में शामिल किए जाने से पहले तक स्थानीय ठाकुरों या ज़मींदारों के विद्रोही तेवर जारी रहे।
राज्य की सैन्य सेवा में बीकानेरी ऊँट सवार सेना शामिल है, जिसने बक्सर विद्रोह (1900) के दौरान चीन और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मध्य-पूर्व में ख्याति अर्जित की थी। बीकानेर को, जिसका क्षेत्रफल तब 60,000 वर्ग किमी से अधिक हो गया था, 1949 में राजस्थान का अंग बनाकर तीन ज़िलों में बाँट दिया गया। महाराज बीकानेर नरेन्द्र-मंडल (चेम्बर ऑफ़ प्रिन्सेज) के आरम्भ से ही एक महत्वपूर्ण सदस्य रहे। स्वाधीनता के उपरान्त बीकानेर रियासत भारत में विलीन हो गयी।
==यातायात और परिवहन==
यह जोधपुर, जयपुर, दिल्ली, नागौर और गंगानगर से रेलमार्ग और सड़क मार्ग द्वारा जुडा हुआ हैं। ज़िले की सीमा जहाँ चूरू, नागौर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर व जैसलमेर की सीमा को छूती है, वहीं अन्तरराष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान से मिलती हैं। ज़िले के दो प्राकृतिक भागों को उतरी व पश्चिमी रेगिस्तान व दक्षिणी व पूर्व अर्द्ध मरूस्थल में विभाजित किया सकता है।
==कृषि और खनिज==
यहाँ कोई नदी न होने के कारण मुख्यत: गहरे नलकूपों से ही सिंचाई की जाती है। बाजरा, ज्वार और दलहन यहाँ की प्रमुख फ़सलें हैं।
==उद्योग और व्यापार==
बीकानेर अब ऊन, चमड़ा, इमारती पत्थर, नमक और खाद्यान्न का व्यापारिक केंद्र है। बीकानेरी ऊनी शाल, कालीन और मिश्री प्रसिद्ध है, साथ ही यहाँ हाथीदाँत और लाख की हस्तनिर्मित वस्तुऐं मिलती हैं। यहाँ विद्युत और अभियांत्रिकी कार्यशालाऐं, रेलवे कार्यशालाऐं और काँच, मिट्टी के बर्तन, नमदा, रसायन, जूते और सिगरेट बनाने की औद्योगिक इकाइयाँ हैं। बीकानेर लहरदार बालू के टीलों वाले बंजर क्षेत्र में स्थित है, जहाँ ऊँटों, घोड़ों की नस्लें तैयार करना प्रमुख व्यवसाय है।
==शिक्षण संस्थान==
यहाँ के महाविद्यालय (मेडिकल स्कूल और शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान सहित) राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।
==जनसंख्या==
बीकानेर शहर की जनसंख्या (2001) 5,29,007 है। बीकानेर ज़िले की कुल जनसंख्या 16,73,562 है।
==पर्यटन==
राजस्थान के मरूस्थल की गोद में बसा बीकानेर अपने ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ भौगोलिक विशिष्टता के लिए विख्यात हैं। लाल पत्थर के भव्य प्रासाद, हवेलियाँ, कोलायत, गजनेर के रमणीक स्थल, राज्य अभिलेखागार, म्यूजियम, अनुपम संस्कृत पुस्तकालय व टेस्सीतोरी कर्मस्थली होने के कारण यह जिला ऐतिहासिक व सांस्कृतिक दृष्टि से अपना विशिष्ट स्थान रखता हैं। बीकानेर में मुतात्विक दृष्टि से बीका-की-टेकरी का भव्य किला(पुराना किला), संग्रहालय, लक्ष्मीनारायण मंदिर, भंडेसर मंदिर, नागणेची जी का मंदिर, देवकृण्डसागर में प्राचीन शासकों की छतरियॉ, शिवबाडी मंदिर और लालगढ महल महत्वपूर्ण हैं। शहर से मात्र 32 किलोमीटर दूर स्थित गजनेर भव्य महलों की सुन्दरता और प्रवासी पक्षियों के लिये प्रसिद्ध हैं। देशनोक स्थित करणीमाता का मंदिर देवी और चूहों के लिये प्रसिद्ध हैं। राजस्थान के उतर-पश्चिम में बसा बीकानेर 27244 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ हैं। बीकानेर ऊँटों के लिए प्रसिद्ध है।
====बीकानेर का क़िला====
बीकानेर शहर का पुराना हिस्सा पाँच से नौ मीटर ऊँची पत्थर की दीवार से घिरा है और इसके पाँच द्वार हैं। शहर का पुराना भाग एक क़िले के ऊपर से दिखाई देता है, यहाँ बड़ी संख्या में चटकीले लाल और पीले बलुआ पत्थरों से निर्मित भवन हैं। क़िले के भीतर विभिन्न कालों के महल, राजपूत शैली के लद्युचित्रों वाला एक संग्रहालय और संस्कृत व फ़ारसी पांडुलिपियों का पुस्तकालय है।

Latest revision as of 13:20, 25 June 2011