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बिंदी स्त्रियों के श्रृंगार में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह उनके 16 श्रंगार में से एक है। बिंदी का महत्व केवल सौंदर्य बढ़ाने वाले श्रंगार तक ही सीमित नहीं है। इसके अन्य लाभ भी हैं। लड़कियों के माथे पर चमकती बिंदी उनकी सुंदरता में चार चांद लगा देती है।
==उपयोगिता==
लड़कियाँ बिंदी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है। हिंदू धर्म में शादी के बाद हर स्त्री को माथे पर लाल बिंदी लगाना आवश्यक परंपरा माना गया है।
;योग शास्त्र
बिंदी का संबंध हमारे मन से भी जुड़ा हुआ है। योग शास्त्र के अनुसार जहाँ बिंदी लगाई जाती है वहीं आज्ञा चक्र स्थित होता है। यह चक्र हमारे मन को नियंत्रित करता है। हम जब भी ध्यान लगाते हैं तब हमारा ध्यान यहीं केंद्रित होता है। यह स्थान काफी महत्त्वपूर्ण माना गया है। मन को एकाग्र करने के लिए इसी चक्र पर दबाव दिया जाता है। लड़कियाँ बिंदी इसी स्थान पर लगाती है।
;परंपरा
बिंदी लगाने की परंपरा आज्ञा चक्र पर दबाव बनाने के लिए प्रारंभ की गई ताकि मन एकाग्र रहे। महिलाओं का मन अति चंचल होता है, अत: उनके मन को नियंत्रित और स्थिर रखने के लिए बिंदी बहुत कारगर उपाय है। इससे उनका मन शांत और एकाग्र रहता है।
==बाहरी कडियाँ==


*[http://hradaypushp.blogspot.com/2010/09/blog-post_12.html बिंदी]

Latest revision as of 06:23, 26 June 2011