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| '''ऋषिकेश पर्यटन'''
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| [[गढ़वाल]], [[उत्तरांचल]] में [[हिमालय]] पर्वतों के तल में बसा [[ॠषिकेश]] धार्मिक दृष्टि के अतिरिक्त अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। ॠषिकेश पर्यटन के लिए सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। पर्यटकों के आकर्षण के लिए यहाँ बहुत कुछ है। दूर-दूर से पर्यटक ॠषिकेश की प्राकृतिक सौन्दर्य देखने के लिए आते है। सुबह के समय पहाड़ियों के पीछे से निकलता हुआ [[सूर्य देवता|सूर्य]], [[गंगा नदी|गंगा]] के बहते पानी की कलकल, कोहरे से ढकी पहाड़ी चोटियाँ, यह एक ऐसा अनुभव होता है जिसको ॠषिकेश में महसूस किया जा सकता है। ॠषिकेश में बहती गंगा की ख़ूबसूरती तो देखती ही बनती है।
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| ==पर्यटन स्थल==
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| *[[लक्ष्मण झूला ऋषिकेश|लक्ष्मण झूला]]
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| *[[राम झूला ऋषिकेश|राम झूला]]
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| *[[त्रिवेणी घाट ऋषिकेश|त्रिवेणी घाट]]
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| *[[स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश|स्वर्ग आश्रम]]
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| *[[वसिष्ठ गुफा ऋषिकेश|वसिष्ठ गुफा]]
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| *[[गीता भवन ऋषिकेश|गीता भवन]]
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| *[[योग केन्द्र ऋषिकेश|योग केन्द्र]]
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| ==धार्मिक स्थल==
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| ऋषिकेश धार्मिक दृष्टि के लिए भी पर्यटकों के आकर्षण का विषय रहा है। ऋषिकेश में अनेक मंदिर व मठ हैं। सबका वर्णन किया जाना यहाँ संभव नहीं है। मगर उक्त स्थानों के अलावा सत्यनारायण मंदिर, स्वर्गाश्रम, शिवानन्द आश्रम, काली कमलीवाला पंचायती क्षेत्र देखने योग्य है, जिनकी जीवन पद्धति, सिद्धांत, जनकल्याण का भाव, भक्ति प्रवाह अतुलनीय है। ऋषिकेश कुल मिलाकर आत्म चेतना का केन्द्र है, जो न केवल ज्ञान और भक्ति का अलख जगाता है बल्कि भविष्य का पथ प्रदर्शक भी है। यहाँ माया कुंद नामक जगह है जहाँ पर [[हनुमान]]जी का मन्दिर है तथा यहाँ मन्दिर की नीति नियमों के साथ रहना पड़ता है एवं यहाँ शाम को सुंदर आरती होती है।
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| [[नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश|नीलकंठ महादेव मंदिर]]
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| ====भरत मंदिर====
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| यह ऋषिकेश का सबसे प्राचीन मंदिर है जिसे 12 शताब्दी में आदि गुरू [[शंकराचार्य]] ने बनवाया था। यह मन्दिर बहुत ही सुंदर है। भगवान राम के छोटे भाई [[भरत]] को समर्पित यह मंदिर त्रिवेणी घाट के निकट ओल्ड टाउन में स्थित है। मंदिर का मूल रूप 1398 में [[तैमूर आक्रमण]] के दौरान क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। हालांकि मंदिर की बहुत सी महत्वपूर्ण चीजों को उस हमले के बाद आज तक संरक्षित रखा गया है। मंदिर के अंदरूनी गर्भगृह में भगवान [[विष्णु]] की प्रतिमा एकल [[शालिग्राम]] पत्थर पर उकेरी गई है। आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा रखा गया [[श्रीयंत्र]] भी यहाँ देखा जा सकता है।
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| ====अय्यपा मन्दिर====
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| ऋषिकेश में इसी तरह अय्यपा मन्दिर जो कि बहुत दर्शनीय है। यह दिल्ली से महज 225 किमी की दूरी पर है। यहीं से 25 किमी की दूरी पर हरिद्वार है जहाँ रेल एवं बस सेवा प्रचुर मात्रा में हैं यहाँ पर पर्यटक वर्षभर आते रहते हैं और यहाँ ठहरने के लिए होटल, आश्रम, एवं धर्मशाला हैं
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| ==== कैलाश निकेतन मंदिर====
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| लक्ष्मण झूले को पार करते ही कैलाश निकेतन मंदिर है। 12 खंड़ों में बना यह विशाल मंदिर ऋषिकेश के अन्य मंदिरों से भिन्न है। इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
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