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भीमताल इस अंचल का बड़ा ताल है। यह [[झील]] समुद्र तल से 1332 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसकी लम्बाई 1674 मीटर, चौड़ाई 427 मीटर और गहराई 30 मीटर है। यह ताल [[नैनीताल]] से भी बड़ा है। खुले आसमान और विस्तृत धरती का सही आनन्द लेने वाले पर्यटक अधिकतर भीमताल में ही रहना पसन्द करते हैं। नैनीताल की तरह इसके भी दो कोने हैं।
*तल्ली ताल 
*मल्ली ताल 
यह दोनों कोने सड़कों से जुडे हुए है। यहाँ पर नौका विहार का भरपूर आनन्द लिया जा सकता है। [[उत्तर प्रदेश]] के मत्सय विभाग की ओर से मछली के शिकार की भी यहाँ अच्छी सुविधा है।
==स्थिति==
*नैनीताल से 22 किलोमीटर तथा [[अल्मोडा़]] से 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह प्रसिद्ध स्थान है।
*भीमताल सवाँ किमी तक फैला हुआ बड़ा ताल है तथा यह नैनीताल से भी बड़ा ताल है
*यह [[उत्तराखंड]] के [[कुमाऊँ]] क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है।
*यह [[काठगोदाम]] से 10 किमी॰ उत्तर में स्थित है।
*इसकी आकृति त्रिभुजाकार है।
*इस झील के मध्य में एक छोटा सा द्वीप है, जो [[ज्वालामुखी]] चट्टानों से निर्मित है।
*इस झील में से अनेक छोटी-छोटी नहरें निकाली गयी हैं जिनकी सहायता से भीमताल झील के आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई की जाती है ।
==विशेषता==
भीमताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सुन्दर घाटी में ओर खिले हुए अंचल में स्थित है। इस ताल के बीच में एक टापू है, यह टापू पिकनिक स्थल के रुप में प्रयुक्त होता है। जिससे इस ताल की शोभा और भी बढ़ जाती है। नावों से टापू में पहुँचने का प्रबन्ध है। अधिकाँश सैलानी नैनीताल से प्रायः भीमताल चले जाते हैं। टापू में पहुँचकर मनपसन्द भोजन करते हैं और खुले ताल में बोटिंग करते हैं। इस टापू में अच्छे स्तर के रेस्तरां हैं। यहाँ पर पर्यटन विभाग की ओर से 34 शैय्याओं वाला आवास-गृह बनाया गया है। इसके अलावा भी यहाँ पर रहने खाने की समुचित व्यवस्था है।
==महत्व==
नैनीताल की खोज होने से पहले भीमताल को ही लोग महत्व देते थे। 'भीमकार' होने के कारण शायद इस ताल को भीमताल कहते हैं। परन्तु कुछ विद्वान इस ताल का सम्बन्ध [[पाण्डु]]-पुत्र [[भीम]] से जोड़ते हैं। कहते हैं कि पाण्डु-पुत्र भीम ने भूमि को खोदकर यहाँ पर विशाल ताल की उत्पति की थी। वैसे यहाँ पर भीमेश्वर महादेव का मन्दिर है। यह प्राचीन मन्दिर है, शायद यह भीम का ही स्थान हो या भीम की स्मृति में बनाया गया हो। परन्तु आज भी यह मन्दिर भीमेश्वर [[महादेव]] के मन्दिर के रुप में जाना और पूजा जाता है।<br/>


भीमताल उपयोगी झील भी है। इसके कोनों से दो-तीन छोटी- छोटी नहरें निकाली गयीं हैं, जिनसे खेतों में सिंचाई होती है। एक जलधारा निरन्तर बहकर 'गौला' नदी के जल को शक्ति देती है।

Latest revision as of 06:32, 26 June 2011