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==इतिहास सामान्य ज्ञान==
{| class="bharattable-green" width="100%"
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| valign="top"|
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<quiz display=simple>


{1526 ई. में [[बाबर]] ने किस वंश के शासक को परास्त करके [[भारत]] में [[मुग़ल]] साम्राज्य की नींव डाली?
|type="()"}
-[[सैय्यद वंश]]
+[[लोदी वंश]]
-[[तुग़लक़ वंश]]
-[[ख़िलजी वंश]]
||[[दिल्ली]] की गद्दी पर अधिकार करने वाले इस वंश की स्थापना [[बहलोल लोदी]] ने 1451 ई॰ में की थी। यह वंश 1526 ई॰ तक सत्ता में रहा। इस वंश के राजा भी [[भारत]] के इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। [[दिल्ली सल्तनत]] में इन राजाओं ने अपने काफ़ी योगदान दिया है। [[इब्राहीम लोदी]] इस वंश का अन्तिम शासक था। इब्राहीम लोदी [[पानीपत]] की पहली लड़ाई में [[बाबर]] के हाथों मारा गया और उसी के साथ ही लोदी वंश भी समाप्त हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोदी वंश]]
{[[पानीपत]] का प्रथम युद्ध कब लड़ा गया था?
|type="()"}
-[[21 अप्रैल]], 1529 ई.
-[[20 अप्रैल]], 1527 ई.
+[[21 अप्रैल]], 1526 ई.
-[[15 अप्रैल]], 1528 ई.
{[[गुजरात]] विजय की याद में [[अकबर]] ने निम्न में से किसका निर्माण करवाया था?
|type="()"}
-[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]]
-जामा मस्जिद
-लाल क़िला
+[[बुलन्द दरवाज़ा]]
||[[File:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra.jpg|right|120px|बुलन्द दरवाज़ा, फ़तेहपुर सीकरी]][[फ़तेहपुर सीकरी]] में [[अकबर]] के समय के अनेक भवनों, प्रासादों तथा राजसभा के भव्य अवशेष आज भी वर्तमान हैं। यहाँ की सर्वोच्च इमारत बुलन्द दरवाज़ा है, जिसकी ऊंचाई भूमि से 280 फुट है। 52 सीढ़ियों के पश्चात दर्शक दरवाज़े के अंदर पहुंचता है। दरवाज़े में पुराने जमाने के विशाल किवाड़ ज्यों के त्यों लगे हुए हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बुलन्द दरवाज़ा]]
{[[पानीपत]] की दूसरी लड़ाई निम्न में से किनके बीच लड़ी गई थी?
|type="()"}
+[[अकबर]] और [[हेमू]]
-[[राजपूत]] और [[मुग़ल]]
-[[बाबर]] और [[इब्राहीम लोदी]]
-[[सिकन्दर और आदिलशाह]]
||[[दिल्ली]] और [[आगरा]] के हाथ से चले जाने पर दरबारियों ने सलाह दी कि [[हेमू]] इधर भी बढ़ सकता है। इसीलिए बेहतर है कि, यहाँ से [[काबुल]] चला जाए। लेकिन [[बैरम ख़ाँ]] ने इसे पसन्द नहीं किया। बाद में बैरम ख़ाँ और अकबर अपनी सेना लेकर [[पानीपत]] पहुँचे और वहीं जुआ खेला, जिसे तीन साल पहले दादा ने खेला था। हेमू की सेना संख्या और शक्ति, दोनों में बढ़-चढ़कर थी। पोर्तुगीजों से मिली तोपों का उसे बड़ा अभिमान था। 1500 महागजों की काली घटा मैदान में छाई हुई थी। 5 नवम्बर को हेमू ने [[मुग़ल]] दल में भगदड़ मचा दी। युद्ध का प्रारम्भिक क्षण हेमू के पक्ष में जा रहा था, लेकिन इसी समय उसकी आँख में एक तीर लगा, जो भेजे के भीतर घुस गया, वह संज्ञा खो बैठा। नेता के बिना सेना में भगदड़ मच गई। हेमू को गिरफ्तार करके बैरम ख़ाँ ने मरवा दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अकबर]]
||हेमचंद्र ([[हेमू]]) [[शेरशाह]] का योग्य [[दीवान]], कोषाध्यक्ष और सेनानायक था। शेरशाह की सफलता में उसकी प्रबंध कुशलता और वीरता का हाथ रहा था। आर्थिक सूझ−बूझ में उसके समान कोई दूसरा व्यक्ति नहीं था। शेरशाह के बाद उसका पुत्र इस्लामशाह अपने शासन का भार हेमचंद्र पर डाल निश्चिंत हो गया था। इस्लामशाह के बाद आदिलशाह बादशाह हुआ तब राज्य के [[पठान]] सरदारों में आपसी संघर्ष होने लगा था। हेमचंद्र आदिलशाह का वज़ीर और प्रधान सेनापति था। वह [[बिहार]] में अव्यवस्था दूर करने में लगा हुआ था, तभी [[हुमायूँ]] ने [[दिल्ली]] पर अधिकार कर लिया; किंतु 7 महीने बाद ही हुमायूँ मृत्यु हो गई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हेमू]]
{मुग़लकालीन शासन व्यवस्था में मनसबदारी प्रणाली को किसने प्रारम्भ किया था?
|type="()"}
-शाहजहाँ
-जहाँगीर
+अकबर
-बाबर
{सती प्रथा की आलोचना करने वाला मुग़ल बादशाह कौन था?
|type="()"}
+अकबर
-औरंगज़ेब
-दारा शिकोह
-हुमायूँ
{‘हुमायूँनामा’ की रचना किसने की थी?
|type="()"}
-मुमताज महल
-जहाँआरा बेगम
-रोशनआरा बेगम
+गुलबदन बेगम
{मुग़ल बादशाह बाबर मूल रूप से कहाँ का शासक था?
|type="()"}
+फरगना
-कंधार
-तक्षशिला
-अफ़ग़ानिस्तान
{किस शासक ने मुग़ल साम्राज्य की राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानान्तरित किया था?
|type="()"}
-शिवाजी
-औरंगज़ेब
+शाहजहाँ
-जहाँगीर
{निम्न में से किसे ‘राजा बीरबल’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था?
|type="()"}
+महेशदास
-राजा भगवानदास
-राजा टोडरमल
-राजा मानसिंह
{शेरशाह सूरी का मक़बरा कहाँ पर स्थित है?
|type="()"}
-दिल्ली
-आगरा
+सासाराम
-लाहौर
{अकबर का राज्याभिषेक कहाँ हुआ था?
|type="()"}
+कालानौर में
आगरा में
-फ़तेहपुर सीकरी में
-हैदराबाद में
{किस बादशाह ने [[चौसा]] की लड़ाई में [[हुमायूँ]] को पराजित किया था?
|type="()"}
+[[शेरशाह सूरी]]
-[[महाराणा प्रताप]]
-[[शिवाजी]]
-[[टीपू सुल्तान]]
||[[चित्र:Shershah Tomb2.jpg|right|120px|शेरशाह सूरी का मक़बरा, सासाराम बिहार]][[26 जून]], 1539 ई. को [[हुमायूँ]] एवं शेर ख़ाँ (शेरशाह सूरी) की सेनाओं के मध्य [[गंगा नदी]] के उत्तरी तट पर स्थित 'चौसा' नामक स्थान पर संघर्ष हुआ। यह युद्ध हुमायूँ अपनी कुछ ग़लतियों के कारण हार गया। संघर्ष में [[मुग़ल]] सेना की काफ़ी तबाही हुई। हुमायूँ ने युद्ध क्षेत्र से भागकर एक भिश्ती का सहारा लेकर किसी तरह गंगा नदी पार कर अपने जान बचाई। जिस भिश्ती ने चौसा के युद्ध में उसकी जान बचाई थी, उसे हुमायूँ ने एक दिन के लिए [[दिल्ली]] का बादशाह बना दिया था। चौसा के युद्ध में सफल होने के बाद शेर ख़ाँ ने अपने को 'शेरशाह' (राज्याभिषेक के समय) की उपाधि से सुसज्जित किया, साथ ही अपने नाम के खुतबे खुदवाये तथा सिक्के ढलवाने का आदेश दिया।{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शेरशाह सूरी]]
{[[भारत]] में [[बीबी का मक़बरा]] कहाँ पर स्थित है?
|type="()"}
-[[हैदराबाद]] में
+[[औरंगाबाद]] में
-[[बीजापुर]] में
-[[दिल्ली]] में
||[[चित्र:Bibi-Ka-Maqbara-Aurangabad.jpg|right|120px|बीबी का मक़बरा, औरंगाबाद]]औरंगाबाद नगर की स्थापना 1610 ई. में [[मलिक अम्बर]] ने की थी। 1626 ई. में मलिक अम्बर के पुत्र फ़तेह ने इस नगर का नाम अपने नाम पर 'फ़तेहनगर' रख दिया। कालांतर में [[मुग़ल]] शहंशाह [[औरंगज़ेब]] ने इसके समीप ही [[ताजमहल]] जैसा [[बीबी का मक़बरा]] बनवाया और नगर का नाम 'खाड़की' से बदलकर औरंगाबाद कर दिया। [[हैदराबाद]] के राजधानी बन जाने की वजय से, पहले स्वतन्त्र निज़ाम का मुख्यालय रह चुके इस शाहीनगर का विकास नहीं हो सका। [[1947]] में हैदराबाद के अधिमिलन के बाद यह भारतीय गणराज्य का अंग बन गया।{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगाबाद]]
{[[शेरशाह सूरी]] के बचपन का नाम क्या था?
|type="()"}
-हसन ख़ाँ
-बहार ख़ाँ
+फ़रीद ख़ाँ
-हुसैन ख़ाँ
</quiz>
|}
|}
__NOTOC__

Latest revision as of 04:45, 27 June 2011