पौधों की लुप्तप्राय प्रजातियाँ: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "स्त्रोत" to "स्रोत") |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 9: | Line 9: | ||
अध्ययन के अनुसार दुनिया की लगभग तीन लाख 80 हज़ार पादप प्रजातियों को विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है। | अध्ययन के अनुसार दुनिया की लगभग तीन लाख 80 हज़ार पादप प्रजातियों को विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है। | ||
इसकी मुख्य वजह मानवीय हस्तक्षेप है... | इसकी मुख्य वजह मानवीय हस्तक्षेप है... | ||
====<u>समाचार को विभिन्न | ====<u>समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें</u>==== | ||
*[http://thatshindi.oneindia.in/news/2010/09/29/plantsextinctionac.html thatshindi.oneindia.in] | *[http://thatshindi.oneindia.in/news/2010/09/29/plantsextinctionac.html thatshindi.oneindia.in] | ||
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2010/09/100929_plants_extinction_ac.shtml बी.बी.सी] | *[http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2010/09/100929_plants_extinction_ac.shtml बी.बी.सी] | ||
Line 21: | Line 21: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Latest revision as of 13:25, 12 July 2011
32px | यह पन्ना पौधों की लुप्तप्राय प्रजातियाँ लेख के संबंध में प्रकाशित समाचार ही दर्शाता है। इस प्रकार के समाचार भारतकोश पर अनेक लेखों के शीर्षक चुनने में सहायक होते हैं। यह लेख की आधार अवस्था है। इसे प्रगति की ओर ले जाने का कार्य प्रारम्भ किया जाना है। आप भी इसमें सहायता कर सकते हैं। |
समाचार
बुधवार, 29 सितंबर, 2010
पौधों की प्रजातियों के विलुप्त होने का ख़तरा thumb वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया के पौधों की प्रजातियों के पाँचवां हिस्से पर लुप्त होने का ख़तरा है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि ये अब तक पौधों की प्रजातियों पर किया गया अब तक सबसे अहम अध्ययन है। इस अध्ययन का नेतृत्व लंदन के रॉयल बॉटेनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों ने किया है। अध्ययन के अनुसार दुनिया की लगभग तीन लाख 80 हज़ार पादप प्रजातियों को विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है। इसकी मुख्य वजह मानवीय हस्तक्षेप है...
समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ