प्रयोग:Ruby: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
(पन्ने को खाली किया)
 
(25 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{चित्र सामान्य ज्ञान}}
{{सामान्य ज्ञान नोट15}}
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>
{ निम्न में से यह कौन-से [[भारत के पुष्प|फूल]] है? <br />
[[चित्र:Tobacco-Flower.jpg|link=प्रयोग:Ruby|200px]]
| type="()" }
-[[कनेर]] के फूल
-कचनार के फूल
-[[सदाबहार]] के फूल
+[[तम्बाकू]] के फूल
||तम्बाकू के फूलों को तोड़ना अति आवश्यक है, नहीं तो पत्ते हलके पड़ जाएँगे और फलस्वरूप उपज कम हो जाएगी तथा पत्तियों के गुणों में भी कमी आ जाएगी। फूल तोड़ने के बाद पत्तियों के बीच की सहायक कलियों से पत्तियाँ निकलने लगती हैं, उनको भी समयानुसार तोड़ते रहना चाहिए। बीज के लिये छोड़े जाने वाले पौधों के फूलों को नहीं तोड़ना चाहिए। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[तम्बाकू]]


{निम्न में से यह कौन-सी कढ़ाई है? <br />
[[चित्र:Kimkhab brocades.gif|link=प्रयोग:Ruby|200px]]
| type="()" }
+[[किमखाब]]  की
-रेशम की
-[[ज़री]] की
-ब्रोकेड
||किमखाब एक प्रकार की कढ़ाई होती है जो [[ज़री]] और रेशम से की जाती है। बनारसी साड़ियों के पल्लू, बार्डर (किनारी) पर मुख्यत: इस प्रकार की कढ़ाई की जाती है। इस कढ़ाई में रेशम के कपडे का प्रयोग किया जाता है। इसका धागा विशेष रूप से [[सोना|सोने]] या [[चाँदी]] के तार से बनाया जाता है। [[लोहा|लोहे]] की प्लेट में छेद करके महीन से महीन तार तैयार किया जाता है। सोने के तार को 'कलाबत्तू' कहा जाता है और किमखाब की क़ीमत भी इस सोने या चाँदी के तार से निर्धारित होती है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[किमखाब]]
{यह कौन-सा [[स्तूप]] है? <br />
[[चित्र:Vaishali-Bihar-1.jpg|link=प्रयोग:Ruby|250px]]
| type="()" }
-धामेख स्तूप, [[सारनाथ]]
-बुद्ध स्तूप, [[साँची]]
+आनन्द स्तूप, [[वैशाली]]
-[[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] का समाधि स्तूप, [[कुशीनगर]]
||[[गंगा नदी|गंगा]] घाटी के नगर जो आज के बिहार एवं बंगाल प्रान्त के बीच सुशोभित हैं इनमें वैशाली का नाम आदर के साथ लिया जाता है। इस नगर का एक दूसरा नाम विशाला भी था। इसकी स्थापना महातेजस्वी विशाल नामक राजा ने की थी, जो भारतीय परम्परा के अनुसार [[इक्ष्वाकु]]-वंश में उत्पन्न हुए थे। इसकी पहचान मुजफ्फरपुर ज़िले में स्थित आधुनिक बसाढ़ से की जाती है। वहाँ के एक प्राचीन टीले को स्थानीय जनता अब भी 'राजा विशाल का गढ़' कहती है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वैशाली]]
{यह कौन-सा महल है? <br />
[[राणा कुंभ का महल, चित्तौड़गढ़|link=प्रयोग:Ruby|250px]]
| type="()" }
-जहाज़ महल, [[माण्डू]]
+राणा कुंभ का महल, [[चित्तौड़गढ़]]
-जहाँगीर महल, [[ओरछा]]
-[[प्राग महल]], [[कच्छ]]
||चित्तौड़ के अन्य उल्लेखनीय स्थान हैं—श्रंगार चवरी, कालिका मन्दिर, तुलजा भवानी, अन्नपूर्णा, नीलकंठ, शतविंश देवरा, मुकुटेश्वर, सूर्यकुंड, चित्रांगद-तड़ाग तथा पद्मिनी, जयमल, पत्ता और हिंगलु के महल। प्राचीन [[संस्कृत साहित्य]] में चित्तौड़ का चित्रकोट नाम मिलता है। चित्तौड़ इसी का अपभ्रंश हो सकता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[चित्तौड़गढ़]]
{यह कौन-सा [[मुग़ल]] शासक है? <br />
[[चित्र:Babar.jpg|link=प्रयोग:Ruby|250px]]
| type="()" }
-[[हुमायूँ]]
-[[बहादुर शाह ज़फ़र]]
-[[जहाँगीर]]
+[[बाबर]]
||1526 में ई. [[पानीपत]] के प्रथम युद्ध में [[दिल्ली सल्तनत]] के अंतिम वंश ([[लोदी वंश]]) के सुल्तान [[इब्राहीम लोदी]] की पराजय के साथ ही [[भारत]] में [[मुग़ल वंश]] की स्थापना हो गई। इस वंश का संस्थापक "ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर" था। बाबर का पिता 'उमर शेख़ मिर्ज़ा', 'फ़रग़ना' का शासक था, जिसकी मृत्यु के बाद बाबर राज्य का वास्तविक अधिकारी बना। पारिवारिक कठिनाईयों के कारण वह मध्य [[एशिया]] के अपने पैतृक राज्य पर शासन नहीं कर सका। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[बाबर]]
</quiz>
|}
|}
{{चित्र सामान्य ज्ञान}}
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{प्रचार}}
__INDEX__
__NOTOC__

Latest revision as of 12:23, 29 October 2011