User:प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना2: Difference between revisions

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==छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान==
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
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<quiz display=simple>
{[[छत्तीसगढ़]] राज्य के किस ज़िले में धनवार जनजाति पायी जाति है?
|type="()"}
-[[रायपुर ज़िला|रायपुर]]
-[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]]
+[[दुर्ग ज़िला|दुर्ग]]
-[[कोरबा ज़िला|कोरबा]]


{कोरकू जनजाति में [[अंत्येष्टि संस्कार|मृत्यु-संस्कार]] को क्या कहा जाता है?
|type="()"}
-दमनच
+नवाधानी
-कुंमारी
-दसमार
{'मामा-भांजा मन्दिर' [[छत्तीसगढ़]] में कहाँ स्थित है?
|type="()"}
-रतनपुर में
+[[बरसुर]] में
-रामगढ़ में
-[[चांपा]] में
||[[चित्र:Ganesh-Temple-Barsur.jpg|right|100px|गणेश मन्दिर, बरसुर]][[बरसुर]] [[छत्तीसगढ़]] राज्य के दन्तेवाड़ा ज़िले में स्थित है। मन्दिरों और तालाबों के लिए प्रसिद्ध बरसुर गीदम की उत्तरी दिशा में 24 किलोमीटर की दूरी पर [[इन्द्रावती नदी]] के किनारे पर स्थित है। बरसुर में 'मामा-भांजा', 'चन्द्रादित्य', 'बत्तीसा' और 'भगवान [[गणेश]]' के भी मन्दिर आकर्षण का केंद्र हैं। यह माना जाता है कि प्राचीन समय में बरसुर में लगभग 147 मन्दिर और लगभग इतने ही तालाब थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बरसुर]]
{'कुरहा' किस जनजाति का प्रमुख व्यक्ति है?
|type="()"}
+कमार
-[[गोंड]]
-मुड़िया
-माड़िया
{[[छत्तीसगढ़]] में [[आदिवासी]] समाज की 'ठुकू' प्रथा क्या है?
|type="()"}
-एक पति को त्यागकर दूसरा पति रखना
-पुनर्विवाह करना
+[[बाल विवाह]] करना
-रखनी प्रथा
||'बाल विवाह' का सम्बन्ध आमतौर पर [[भारत]] के कुछ समाजों में प्रचलित सामाजिक प्रक्रियाओं से जोड़ा जाता है, जिसमें एक युवा बच्चे, आमतौर पर 15 वर्ष से कम आयु की लडकी का [[विवाह]] एक वयस्क पुरुष से किया जाता है। [[बाल विवाह]] की दूसरे प्रकार की प्रथा में दो बच्चों, लड़का एवं लड़की के [[माता]]-[[पिता]] भविष्य में होने वाला विवाह तय करते हैं। इस प्रथा में दोनों व्यक्ति, लड़का एवं लड़की उनकी विवाह योग्य आयु होने तक नहीं मिलते।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाल विवाह]]
{[[छत्तीसगढ़]] में [[गोंड]] जनजाति का सर्वाधिक केंद्रण किस ज़िले में पाया जाता है?
|type="()"}
-[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]]
+[[बस्तर ज़िला|बस्तर]]
-[[कवर्धा ज़िला|कवर्धा]]
-[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]]
||[[चित्र:Bastar-District-Map.jpg|right|140px|बस्तर ज़िले का मानचित्र]][[छत्तीसगढ़]] राज्य के दक्षिणी दुर्गम क्षेत्र, जिसमें [[बस्तर ज़िला]] सम्मिलित है, आते हैं। यहाँ गोंडों की संख्या अधिक है। इसके अतिरिक्त इनकी बिखरी हुई बस्तियाँ [[गोदावरी नदी]] एवं बैनगंगा नदियों तथा पूर्वी घाट के बीच के पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं। [[बालाघाट ज़िला|बालाघाट]], [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग]], [[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]], [[रायसेन ज़िला|रायसेन]] और [[खरगोन]] ज़िलों में भी यह जाति उपस्थित हैं। [[उड़ीसा]] के दक्षिण-पश्चिमी भाग तथा [[आन्ध्र प्रदेश]] के पठारी भागों में भी यह जनजाति रहती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोंड]]
{[[छत्तीसगढ़]] में सर्वप्रथम किसके नाम पर शासकीय पुरस्कार की घोषणा की गई थी?
|type="()"}
-गुरु घासीदास पुरस्कार
+शहीद वीर नारायण सिंह
-पंडित सुंदरलाल शर्मा पुरस्कार
-पंडित रविशंकर पुरस्कार
{[[छत्तीसगढ़]] में 'खल्लारी का मेला' कहाँ लगता है?
|type="()"}
+[[महासमुन्द ज़िला|महासमुन्द]]
-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]]
-[[कोरबा ज़िला|कोरबा]]
-[[दन्तेवाड़ा ज़िला|दन्तेवाड़ा]]
{[[छत्तीसगढ़]] की कौन-सी जनजाति 'मेघनाथ पर्व' मनाती है?
|type="()"}
+[[गोंड]]
-बैगा
-[[रिजले]]
-कमार
||गोंड जनजाति की लगभग 60 प्रतिशत आबादी [[मध्य प्रदेश]] में निवास करती है। शेष आबादी का अधिकांश भाग संकलन, [[आन्ध्र प्रदेश]] एवं [[उड़ीसा]] में बसा हुआ है। [[गोंड]] जनजाति के वर्तमान निवास स्थान मध्य प्रदेश एवं [[छत्तीसगढ़]] राज्यों के पठारी भाग, जिसमें [[छिंदवाड़ा ज़िला|छिंदवाड़ा]], बेतूल, सिवानी और माडंला के ज़िले सम्मिलित हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिणी दुर्गम क्षेत्र, जिसमें [[बस्तर ज़िला]] सम्मिलित है, आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोंड]]
{विश्व का सबसे विशाल [[शिवलिंग]] [[छत्तीसगढ़]] की किस तहसील में है?
|type="()"}
-अभनपुर
+गरियाबंद
-[[कवर्धा ज़िला|कवर्धा]]
-[[कोरिया ज़िला|कोरिया]]
{[[भोरमदेव मंदिर]] का निर्माण किस काल में हुआ था?
|type="()"}
-नलवंश काल में
+फणिनागवंश काल में
-[[कलचुरी वंश]] काल में
-[[नंद वंश]] काल में
{किस [[वेद]] में [[छत्तीसगढ़]] का वर्णन नहीं है?
|type="()"}
-[[सामवेद]]
+[[ऋग्वेद]]
-[[यजुर्वेद]]
-[[अथर्ववेद]]
||[[चित्र:Rigveda.jpg||100px|right|[[ॠग्वेद]] का आवरण पृष्ठ ]]'ऋग्वेद' सबसे प्राचीनतम [[वेद]] है। 'ऋक' का अर्थ होता है 'छन्दोबद्ध रचना' या [[श्लोक]]। [[ऋग्वेद]] के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ऋग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्रोतों की प्रधानता है। ऋग्वेद में कुल दस मण्डल हैं और उनमें 1,029 सूक्त हैं और कुल 10,580 ऋचाएँ हैं। ऋग्वेद के दस मण्डलों में कुछ मण्डल छोटे हैं और कुछ मण्डल बड़े हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ऋग्वेद]]
{[[छत्तीसगढ़]] में संत घासीदास की जन्म-स्थली कौन-सी है?
|type="()"}
-[[अम्बिकापुर]]
-दामाखेड़ा
+गिरौदपुरी
-पलारी
{[[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]], [[कोरिया ज़िला|कोरिया]] व [[जशपुर ज़िला|जशपुर]] ज़िले आज़ादी से पूर्व किस प्रांत में थे?
|type="()"}
+[[बंगाल]]
-[[महाराष्ट्र]]
-[[उड़ीसा]]
-[[बिहार]]
||[[चित्र:Hill-Myna.jpg|100px|right|पहाड़ी मैना, छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी]]सन 1854 में [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के आक्रमण के बाद [[छत्तीसगढ़]] का महत्त्व बढ़ गया। [[1904]] में [[संबलपुर ज़िला|संबलपुर]] [[उड़ीसा]] में चला गया और [[सरगुजा ज़िला|सरगुजा]] रियासत [[बंगाल]] से छत्तीसगढ़ के पास आ गई। छत्तीसगढ़ पूर्व में दक्षिणी [[झारखण्ड]] और उड़ीसा से, पश्चिम में [[मध्य प्रदेश]] और [[महाराष्ट्र]] से, उत्तर में [[उत्तर प्रदेश]] और पश्चिमी झारखण्ड और दक्षिण में [[आंध्र प्रदेश]] से घिरा है। छत्तीसगढ़ का भू-भाग सम्पूर्ण [[भारत]] के भू-भाग का कुल 4.14% है। इस प्रकर छत्तीसगढ़ राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से देश का 9वाँ बड़ा राज्य है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
</quiz>
|}
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Latest revision as of 08:38, 28 April 2012