User:प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना5: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
(पन्ने को खाली किया)
 
(105 intermediate revisions by 6 users not shown)
Line 1: Line 1:
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Vaijayanti-Mala.jpg
|चित्र का नाम=वैजयंती माला
|पूरा नाम=
|अन्य नाम=
|जन्म=[[13 अगस्त]], 193
|जन्म भूमि=[[मद्रास]], [[तमिलनाडु]]
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अविभावक=पिता- ए.डी.रमन, माता- वसुंधरा देवी
|पति/पत्नी=चमनलाल बलि
|संतान=
|गुरु=वझूवूर रमिआह पिल्लै
|कर्म भूमि=[[मुंबई]]
|कर्म-क्षेत्र=[[अभिनेत्री]], राजनीतज्ञ, भारतीय शास्त्रीय नर्तकी
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=1956 में सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेत्री, 1958-1961 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, 1996 में लाइफटाइम अचीवमेंट
|प्रसिद्धि=वैजयंती माला अभिनय के साथ भरतनाट्यम की भी एक अच्छी नृत्यांगना रही हैं। वैजयंती माला का नृत्य उनके अभिनय के साथ सोने पर सुहागा की तरह लगता था।
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1= मुख्य फ़िल्में
|पाठ 1=नागिन (1954), [[देवदास]] (1955),
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=वैजयंती माला ने गुरु वझूवूर रमिआह पिल्लै से [[भरतनाट्यम]] सीखा था। 13 साल की उम्र से ही उन्होंने स्टेज शो के द्वारा अपने भारतनाट्यम की कला को दिखाना शुरू कर दिया था।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''वैजयंती माला''' पहली ऐसी दक्षिण भारतीय [[अभिनेत्री]] थीं जिन्होंने हिंदी सिनेमा में ऊँचाइयों को छुआ और पूरे देश में स्टार का दर्जा रखने वाली अभिनेत्री बनीं (जन्म [[13 अगस्त]], 1936, [[मद्रास]], [[तमिलनाडु]])। दिग्गज सिने [[अभिनेता]] [[दिलीप कुमार]] के साथ उनकी जोड़ी काफी लोकप्रिय रही थी।<ref>{{cite web |url=http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2007/08/070830_autobiography_vajyantimala.shtml |title=दिल की बात है 'बॉन्डिंग' |accessmonthday=[[25 अक्टूबर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=बी.बी.सी. हिंदी |language=हिंदी }}</ref>


==जीवन परिचय==
वैजयंती माला का जन्म 13 अगस्त, 1936 को मद्रास, तमिलनाडु में ब्राहमण परिवार हुआ था। दक्षिण से आकर [[बंबई]] फ़िल्म इंडस्ट्री में भाग्य चमकाने वाली पहली अभिनेत्रियों में ये एक हैं।। उनकी माँ वसुंधरा देवी भी तमिल फ़िल्मों की एक प्रमुख नायिका रही हैं। वैजयंती माला का बचपन धार्मिक वातावरण में बीता। उनके पिता का नाम ए.डी.रमन था।
====पहला स्टेज शो====
पाँच साल की उम्र में ही वैजयंती माला ने स्टेज शो किया। इस शो में उन्होंने पारंपरिक भारतीय नृत्य की प्रस्तुति दी थी। वैजयंती माला ने गुरु वझूवूर रमिआह पिल्लै से [[भरतनाट्यम]] सीखा था। 13 साल की उम्र से ही उन्होंने स्टेज शो के द्वारा अपने भारतनाट्यम की कला को दिखाना शुरू कर दिया था।
====शिक्षा====
वैजयंती माला अपनी सफलता का श्रेय अपनी नानी यदुगिरी देवी को देती हैं जिन्होंने उनका पालन पोषण करने के साथ उन्हें नृत्य की शिक्षा भी दिलाई जो बाद में उनके करियर का आधार बना।
====सफलता====
दक्षिण सिनेमा से हिन्दी सिनेमा में सबसे पहले सफल होने वाली अभिनेत्रियों में वैजयंती माला का नाम सबसे ऊपर आता है। अपने अभिनय और कला के दम पर वैजयंती माला ने ऐसे मानक स्थापित किए जिस पर चलकर आज की नायिकाएँ खुद को सफल बनाने की कोशिश करती हैं। एक क्लासिकल डांसर की छवि के साथ वैजयंती माला ने हिन्दी फ़िल्मों में नायिका के नृत्य को अहम बना दिया।
==फ़िल्मी सफर==
1949 में साउथ की फ़िल्म वाझकई से अपने फ़िल्मी कॅरियर की शुरुआत की। यह फ़िल्म एक हिट फ़िल्म साबित हुई। इस फ़िल्म का तमिल संस्करण भी एक हिट फ़िल्म साबित हुई थी जिसमें वैजयंती माला ने ही काम किया था।
वैजयंती माला ने ''संगम'',''साधना'',''सूरज'',''प्रिंस'',''मधुमती'',''गंगा जमुना'',''अमरपाली'' जैसी हिट फ़िल्मों में भी अपने अभिनय का लौहा मनवाया। ''मधुमती'' और ''गंगा जमुना'' जैसी फ़िल्मों में मुख्य रोल से हटकर निभाए गए उनके किरदारों को हर तरफ से सराहना मिली।
====पहली हिंदी फ़िल्म====
1951 में वाझकई के हिन्दी संस्करण ''बहार'' के साथ वैजयंती माला ने हिन्दी फ़िल्मों में अपने कॅरियर की शुरुआत की। हिन्दी में भी यह फ़िल्म सुपरहिट साबित हुई। वैजयंती माला पहली ऐसी दक्षिण की हिरोइन थीं जिन्हें अपने डायलॉग डब नहीं करने पड़े थे। उन्होंने हिन्दी में डायलॉग बोलने के लिए हिन्दी भी सीखी थी।
1954 में फ़िल्म ''नागिन'' उनकी पहली सफल फ़िल्म थी। इसके बाद 1955 में [[देवदास]] में उन्होंने चंद्रमुखी के किरदार को कालजयी बना दिया। इस फ़िल्म में वैजयंती माला के अभिनय को बहुत सराहना मिली और उन्हें पहला फ़िल्मफेयर अवार्ड भी मिला। फ़िल्म ''नया दौर'' में दिलीप कुमार के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब सराहा। ''नया दौर'' बॉलिवुड की सबसे सफल और बेहतरीन फ़िल्मों में से एक मानी जाती है।
वैजयंती माला और दिलीप कुमार की जोड़ी को दर्शकों ने एक समय बहुत पसंद किया था। वैजयंती माला ने दिलीप कुमार के साथ ''मधुमती'', ''नया दौर'', ‘पैगाम'',''लीडर'' और ''संघर्ष'' जैसी हिट फ़िल्में कीं।
====नृत्यांगना====
वैजयंती माला अभिनय के साथ भरतनाट्यम की भी एक अच्छी नृत्यांगना रही हैं। वैजयंती माला का नृत्य उनके अभिनय के साथ सोने पर सुहागा की तरह लगता था। वेस्टर्न के साथ क्लासिकल डांस को मिलाकर वैजयंती माला ने नृत्य की अनोखी कला इजाद की थी।
==पुरस्कार==
* 1956 में फ़िल्म ''देवदास'' के लिए पहली बार वैजयंती माला को सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार।
* 1958 में फ़िल्म ''मधुमती'' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर अवार्ड।
* 1961 में फ़िल्म ''गंगा-जमुना'' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर अवार्ड।
* 1964 में फ़िल्म ''संगम'' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर अवार्ड।
* 1996 में फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड।
==राजनीति में प्रवेश==
फ़िल्मों में काम करने के बाद वैजयंती माला सक्रिय रुप से राजनीति में कार्यरत हैं। वैजयंती माला राजनीति से जुड़ी और 1984 में संसद सदस्य बनीं। आज वैजयंती माला साउथ चेन्नई की सबसे ताकतवर राजनैतिक शख्सियतों में से एक हैं। इस समय वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं।<ref>{{cite web |url=http://days.jagranjunction.com/2011/08/13/vaijayantimala-bali-indian-actress/ |title=दक्षिण की सुंदरी वैजयंती माला |accessmonthday=[[25 अक्टूबर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जागरण जंक्शन |language=हिंदी }}</ref>
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{अभिनेत्री}}
__NOTOC__

Latest revision as of 05:37, 8 May 2012