User:प्रीति चौधरी/अभ्यास पन्ना1: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
(पन्ने को खाली किया)
 
(139 intermediate revisions by 9 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[गोआ]] की रूमानियत, पोर्टब्लेयर की हरियाली, [[मुंबई]] की चंचलता और [[चेन्नई]] की सहजता को अपने में समेटे दिउ भारत का एक ऐसा [[पर्यटन]] स्थल है जिसे देखते हुए पर्यटकों का मन कभी तृप्त नहीं होता। यहाँ 14 वीं और 12 वीं सदी एक साथ जीवंत नजर आती हैं। [[सागर]] किनारे 21 किलोमीटर तक फैला दिउ एक छोटा सा द्वीप है, जो देश में और कहीं नहीं पाए जाते।
यहाँ के जीवन और [[कला]] में [[गुजरात]] की परंपराओं, [[पुर्तगाल |पुर्तगालियों]] का वैभव इस तरह घुलमिल गया है कि उस ने एक नई [[संस्कृति]] का सृजन कर डाला है। लोक कला, [[संगीत]], नृत्य और साथ ही लगभग सालभर ही सुहावना रहने वाला मौसम एवं इस के 6 तट यहाँ की अलौकिक पूँजी हैं।


==ऐतिहासिक किला==
यह किला दिउ के [[इतिहास]] का झरोखा है। पहली नजर में सागरतट पर इस का भव्य विस्तार किसी संतरी के समान दिउ के रक्षक के रूप में नजर आता है।
किले का द्वार दोहरा है। इस में 7 बुर्ज हैं। 3 बुर्ज बाहरी दिशा के पश्चिमी हिस्से में और 4 अंदर बनाए गए हैं। मुख्यद्वार के बीच लुसिया बुर्ज एवं राजारानी कुडं है। इस का निर्माण 1535 में नुनोद-द-कुन्हा ने कराया था। 1546 में ख्वाजा सफर और उन के पुत्र रूमी खान ने पुर्तगालीयों से मुक्ति हेतु इस पर आक्रमण किया किंतु वे पराजित हुए।
किले के अंदर राज्यपाल निवास, बैरक, शस्त्रागार, चर्च एवं अन्य राजकीय इमारतों के टुटे अवशेष आज भी मौजूद हैं। इसे [[एशिया]] का सब से महत्त्वपूर्ण पुर्तगाली किला होने का गौरव प्राप्त है। 56,738 वर्ग मीटर में फैले इस किले में संकटकाल में भागने के लिए भूमिगत सुरंगें हैं, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से अब बंद कर दिया गया है। किले के अंदर सुन्दर डिजाइन पत्थरों पर उकरी गई हैं। किले के ऊपरी भागों से सारा द्वीप एवं सामने सागर किनारे बना लाइट हाउस साफ नजर आता है।
==सैंट पौल चर्च==
दिउ का सैंट पौल चर्च एक बेहद ख़ूबसूरत इमारत है। इस के मेहराब अंदर से सीपी के आकार के हैं और स्तंभों पर लकड़ी का नक्काशादार काम इतना बारीक है कि देखते ही बनता है। इस के अलंकरण में हिन्दु, इसलाम और [[ईसाई धर्म]] के प्रतीक शामिल किए गए हैं।
==शैल संग्रहालय==
सागर का अपना एक अलग संसार है और इस संसार में हजारों जीवजंतु अपनी अलग दुनिया बसाए हुए हैं। ऐसे ही 2,800 से भी अधिक सागर प्राणियों का यह संग्रह है। यहाँ विश्व का प्रथम शैल संग्रहालय है। इसे नागोआ एअरपोर्ट के निकट कैंटेन फुलाबरजा, जिन्हें मास्टर औफ मेरीन के नाम से जाना जाता है, द्वारा स्थापित किया गया है। इस शैल म्यूजियम में [[भारत]] के [[अरब सागर]] और [[बंगाल की खाड़ी]] के शैल्स तो हैं ही, [[श्रीलंका]], [[अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह|अंडमान-निकोबार]], फिलीपींस, [[सिंगापुर]], [[चीन]], आस्ट्रेलिया, ताइवान, कोरिया, वियतनाम, [[म्यांमार]], [[जापान]], [[अमेरिका]], ब्राजील आदि देशों की सागर संपदा भी मौजूद है। यहाँ कई अद्भुत आर्कषण शैलों को मैग्नीफाइंग जार में सहजा हुआ है। इन्हें देखना ही एक रोमांचक अनुभव है।
==खुखरी मैमोरियल==
यह दिउ का तीसरा महत्त्वपूर्ण आर्कषण है। सनसेट बीच पर एन. एस. खुखरी मैमोरियल है। 1971 में भारत-[[पाकिस्तान |पाक]] युद्ध के मौके पर युद्धपोत एन. एस. खुखरी पर पाक सेना द्वारा 3 तारपीडो दागे गए जिन के कारण इस ने अपने 18 अधिकारियों एवं 176 नौसैनिकों के साथ जलसमाधि ले ली। इस के कमांडिंग अधिकारी कैप्टन महेंद्रनाथ मुल्ला को उन की इस बहादुरी के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। इसी घटना की याद को सम्मान देने के लिए इस स्थल का निर्माण किया गया। यहाँ उस युद्धपोत का एक मौडल रखा गया है।
यहाँ का नागोआ बीच मुंबई के चौपाटी एवं जुहू जैसा आर्कषक है और अत्यंत स्वच्छ तथा सपाट रेतीले तट के कारण घंटों सैलानियों को बांधे रखने में समर्थ है। घोड़े की नाल के आकार का यह तट दिउ का सर्वाधिक आर्कषक तट माना जाता है।
[[फरवरी]] से [[दिसंबर]] तक दिउ में कई उत्सव आयोजित होते हैं। दिउ तक सड़क मार्ग के साथ वायु मार्ग भी है। रेल मार्ग 90 किलोमीटर दूर वेरावल तक है। यहाँ हर श्रेणी के होटल मौजूद हैं। अन्य जानकारियों के लिए यू. टी. ऐड-मिनिस्ट्रेशन ऑफ टूरिज्म इनफौर्मेशन से संपर्क किया जा सकता है।

Latest revision as of 07:08, 16 July 2012