शाहजहाँनाबाद: Difference between revisions
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*बादशाह शाहजहाँ ने इस नगर में चतुर्भुज आकार का ‘लाल क़िला’ नामक एक क़िले का निर्माण करवाया, जिसका निर्माण कार्य 1648 ई. में पूर्ण हुआ। | *बादशाह शाहजहाँ ने इस नगर में चतुर्भुज आकार का ‘लाल क़िला’ नामक एक क़िले का निर्माण करवाया, जिसका निर्माण कार्य 1648 ई. में पूर्ण हुआ। | ||
*लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला [[लाल क़िला दिल्ली|दिल्ली का लाल क़िला]], हमीद एवं अहमद नामक दो वास्तुकारों के निरीक्षण में बनकर तैयार हुआ था। | *लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला [[लाल क़िला दिल्ली|दिल्ली का लाल क़िला]], हमीद एवं अहमद नामक दो वास्तुकारों के निरीक्षण में बनकर तैयार हुआ था। | ||
* | *1650-1656 के बीच यहाँ [[जामा मस्जिद दिल्ली|जामा मस्जिद]] का निर्माण करवाया गया। | ||
*शाहजहाँनाबाद के चारों तरफ़ क्वार्टजाइट पत्थर की एक चहार दिवारी बनवाई गई थी, जिसके चारों तरफ़ मुख्य द्वार- 'दिल्ली गेट', 'कश्मीरी गेट', 'अजमेरी गेट' और 'लाहौरी गेट' के नाम से लगे हुए थे। | |||
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शाहजहाँनाबाद (वर्तमान पुरानी दिल्ली) नगर की नींव 1638 ई. में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने डाली थी। शाहजहाँ ने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिए यमुना नदी के दाहिने तट पर इस नगर को स्थापित किया था। शाहजहाँनाबाद, दिल्ली शहर की सातवीं मुस्लिम नगरी थी।
- बादशाह शाहजहाँ ने इस नगर में चतुर्भुज आकार का ‘लाल क़िला’ नामक एक क़िले का निर्माण करवाया, जिसका निर्माण कार्य 1648 ई. में पूर्ण हुआ।
- लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला दिल्ली का लाल क़िला, हमीद एवं अहमद नामक दो वास्तुकारों के निरीक्षण में बनकर तैयार हुआ था।
- 1650-1656 के बीच यहाँ जामा मस्जिद का निर्माण करवाया गया।
- शाहजहाँनाबाद के चारों तरफ़ क्वार्टजाइट पत्थर की एक चहार दिवारी बनवाई गई थी, जिसके चारों तरफ़ मुख्य द्वार- 'दिल्ली गेट', 'कश्मीरी गेट', 'अजमेरी गेट' और 'लाहौरी गेट' के नाम से लगे हुए थे।
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