मणिपुर के उद्योग: Difference between revisions

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[[मणिपुर]] में [[कृषि]] के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाला कुटीर उद्योग हथकरघा उद्योग है।  
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*यह उद्योग आय का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है विशेषकर महिला बुनकरों के लिए यह आदर्श है। हरथकरघा बुनाई का पारंपरिक कौशल महिलाओं के लिए प्रतिष्‍ठा का प्रतीक है।  
*यह उद्योग आय का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है विशेषकर महिला बुनकरों के लिए यह आदर्श है। हरथकरघा बुनाई का पारंपरिक कौशल महिलाओं के लिए प्रतिष्‍ठा का प्रतीक है।  
*यह उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन का एक अविभाज्‍य अंग है।  
*यह उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन का एक अविभाज्‍य अंग है।  

Latest revision as of 13:56, 29 January 2013

मणिपुर में कृषि के बाद सबसे अधिक रोज़गार देने वाला कुटीर उद्योग हथकरघा उद्योग है।

  • यह उद्योग आय का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है विशेषकर महिला बुनकरों के लिए यह आदर्श है। हरथकरघा बुनाई का पारंपरिक कौशल महिलाओं के लिए प्रतिष्‍ठा का प्रतीक है।
  • यह उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन का एक अविभाज्‍य अंग है।
  • खाद्य प्रसंस्‍करण मणिपुर का एक अन्‍य लोकप्रिय उद्योग है।
  • इस उद्योग के महत्‍व को देखते हुए राज्‍य सरकार ने इम्फाल में खाद्य प्रसंस्‍करण प्रशिक्षण केन्‍द्र और खाद्य प्रसंस्‍करण प्रशिक्षण हॉल स्थापित किया है।
  • इम्‍फाल में एक 'फूड पार्क' भी बनाया जा रहा है।
  • 12 अप्रैल 1995 से भारत सरकार और म्यांमार के बीच सीमा व्‍यापार शुरू होने से राज्‍य सरकार का वाणिज्‍य और उद्योग विभाग सीमा व्‍यापार के प्रोत्‍साहन और विकास के लिए कार्य कर रहा है।
  • सीमा व्‍यापार को बढ़ाने के लिए सीमावर्ती शहर मोरेह में वेयर हाउस, सम्‍मेलन कक्ष और ठहरने की सुविधा के लिए एक विश्रामगृह स्‍थापित किया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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