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| यज्ञपुर को जाजपुर अथवा जाजनगर (उड़ीसा)के नाम से भी जाना जाता था।
| | #REDIRECT [[जाजनगर]] |
| यज्ञपुर वैतरणी नदी के तट पर स्थित है कहा जाता है कि इसकी स्थापना [[उड़ीसा]] के राजा ययाति केसरी ने छठी शती ई० में की थी। यह प्राचीन पौराणिक स्थान है जहां किंवदंती के अनुसार [[पृथ्वी]] 'यज्ञ वेदी' के रूप मे पूजित हुई थी। वैखानस का स्वयंभू नामक [[आश्रम]] इसी स्थान पर था। पीछे यज्ञपुर को [[विष्णु]] का गदाक्षेत्र भी माना गया है। इस स्थान का उल्लेख [[महाभारत]] [[वनपर्व महाभारत|वनपर्व]] मे [[पांडव|पांडवों]] की [[तीर्थ]] यात्रा के प्रसंग में भी है। इसको महाभारत में 'विरजा क्षेत्र' भी कहा गया है। विरजा का अर्थ रजोगुणहीन देवी माना जाता था। विरजा ययाति केसरी की इष्ट देवी थी। 1421 ई० में [[मालवा]] के सुल्तान होशंगशाह ने जाजनगर पर आक्रमण किया था। जाजपुर में वैतरणी के तट पर यज्ञदेवी के चिन्ह आज भी देखे जा सकते हैं।
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| *पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अकादमी जयपुर, पृष्ठ संख्या-768
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| ==बाहरी कड़ियाँ==
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| ==संबंधित लेख==
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| {{उड़ीसा के ऐतिहासिक स्थान}}
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| [[Category:इतिहास कोश]]
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| [[Category:उड़ीसा]][[Category:उड़ीसा के ऐतिहासिक स्थान]] [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
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