प्रयाणगीत -जयशंकर प्रसाद: Difference between revisions

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{{सूचना बक्सा कविता
|चित्र=Jaishankar-Prasad.jpg
|चित्र का नाम=जयशंकर प्रसाद
|कवि=[[जयशंकर प्रसाद]]
|जन्म=[[30 जनवरी]], 1889
|जन्म स्थान=[[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]]
|मृत्यु=[[15 नवम्बर]], सन 1937
|मृत्यु स्थान=
|मुख्य रचनाएँ=चित्राधार, [[कामायनी]], आँसू, लहर, झरना, एक घूँट, विशाख, [[अजातशत्रु नाटक|अजातशत्रु]]
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! जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ
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{{जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ}}
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<poem>
हिमाद्री तुंग श्रृंग से,
प्रबुद्ध शुद्ध भारती।
स्वयं प्रभो समुज्ज्वला,
स्वतंत्रता पुकारती॥
अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञा सोच लो।
प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो बढ़े चलो॥
असंख्य कीर्ति रश्मियाँ,
विकीर्ण दिव्य दाह-सी।
सपूत मातृभूमि के,
रुको न शूर साहसी॥
अराती सैन्य सिन्धु में, सुवाढ़ वाग्नी से जलो।
प्रवीर हो जयी बनो, बढ़े चलो बढ़े चलो॥
 
</poem>
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