नेली सेनगुप्ता: Difference between revisions

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'''नेली सेनगुप्ता''' (जन्म- [[1886]], केम्ब्रिज ([[इंग्लैंड]]); मृत्यु- [[1973]], [[कोलकाता]]) को '[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]' में योगदान देने और क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। वे [[महात्मा गाँधी]] के '[[असहयोग आन्दोलन]]' में भाग लेने वाले [[जतीन्द्र मोहन सेनगुप्ता]] की पत्नी थीं। नेली सेनगुप्ता ने वर्ष [[1933]] की कोलकाता कांग्रेस की अध्यक्षता भी की। उन्हें [[1940]] और [[1946]] में निर्विरोध 'बंगाल असेम्बली' की सदस्य भी चुना गया था।
#REDIRECT [[नेली सेनगुप्त]]
==जन्म तथा शिक्षा==
नेली सेनगुप्ता का जन्म सन 1886 ई. में केम्ब्रिज, इंग्लैंड में हुआ था। उन्होंने वहीं से अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। जब [[चटगांव]] ([[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]]) के निवासी [[जतीन्द्र मोहन सेनगुप्ता]] अध्ययन के लिए इंग्लैंड गए तो वहीं पर वर्ष [[1909]] में नेली से उनका [[विवाह]] हुआ। इसके बाद जब जतीन्द्र जी अपनी शिक्षा पूर्ण करके [[भारत]] वापस आये तो नेली भी उनके साथ यहीं आ गईं।<ref name="ab">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=442|url=}}</ref>
====क्रांतिकारी गतिविधि====
वर्ष [[1921]] के '[[असहयोग आन्दोलन]]' में जब उनके पति जतीन्द्र मोहन सेनगुप्ता कूद पड़े तो नेली ने भी सुख-सुविधा का जीवन त्याग कर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने का निश्चय कर लिया। [[असम]]-[[बंगाल]] की रेल हड़ताल के सिलसिले में जब जतीन्द्र मोहन गिरफ्तार हुए तो उनके बाद नेली ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने खद्दर बेचने पर लगा प्रतिबंध तोड़ा, जिस कारण [[अंग्रेज़]] पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और जेल में डाल दिया।
==कांग्रेस की अध्यक्षता==
नेली सेनगुप्ता का सबसे साहसपूर्ण कार्य था, सन [[1933]] की कोलकाता कांग्रेस की अध्यक्षता। इस अधिवेशन के लिए निर्वाचित अध्यक्ष [[महामना मदन मोहन मालवीय]] पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। इस पर चुपचाप नेली को अध्यक्ष चुन लिया गया। पर ब्रिटिश सरकार अधिवेशन रोकने के लिए हर उपाय कर रही थी। जो स्वागताध्यक्ष बनाया जाता उसे गिरफ्तार कर लिया जाता, जो स्थान निर्धारित होता, उस पर पुलिस कब्ज़ा कर लेती। इस पर लोगों ने बिना विचार किये 'इसप्लेनेड' नामक स्थान में अधिवेशन आयोजित किया और अध्यक्ष पद से नेली ने भाषण दिया। उन्हें तुरन्त गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पति पहले से ही जेल में बन्द थे।<ref name="ab"/>
===='बंगाल असेम्बली' की सदस्य====
नेली सेनगुप्ता वर्ष [[1940]] और [[1946]] में निर्विरोध 'बंगाल असेम्बली' की सदस्य चुनी गई थीं। [[1947]] के बाद वे पूर्वी बंगाल में ही रहीं और [[1954]] में निर्विरोध पूर्वी पाकिस्तान असेम्बली की सदस्य बनीं।
==निधन==
[[भारत]] की आज़ादी में योगदान देने वाली नेली सेनगुप्ता जब बहुत बीमार हुईं तो वर्ष [[1973]] में इलाज के लिए [[कोलकाता]] आयीं, तभी उनका देहान्त हुआ।
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{स्वतंत्रता सेनानी}}
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:औपनिवेशिक काल]]
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Latest revision as of 07:45, 6 November 2013