Difference between revisions of "प्रयोग:दीपिका"

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'''एलेन मैथिसन ट्यूरिंग''' (अंग्रेज़ी: ''Alan Mathison Turing''; जन्म- [[23 जून]], [[1912]] [[लंदन]], [[इंग्लैंड]]; मृत्यु- [[7 जून]], [[1954]], [[इंग्लैण्ड]], [[यूनाइटेड किंगडम]]) [[अंग्रेज़]] गणितज्ञ और कम्प्युटर वैज्ञानिक थे। ये पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कम्प्यूटर के बहुप्रयोग की बात सोची। उन्होंने लोगों को बताया की कम्प्यूटर अलग-अलग प्रोग्रामों को चला सकता है। ट्युरिंग ने 1936 में ट्युरिंग यंत्र का विचार प्रस्तुत किया। ये डिजिटल कम्प्यूटरों पर काम करने वाले सर्वप्रथम लोगों में से थे।
 
 
== परिचय ==
 
एलेन ट्युरिंग का जन्म [[23 जून]], [[1912]] को  [[लंदन]], [[इंग्लैंड]] में हुआ था। इनको व्यापक रूप से सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धि के पिता माना जाता है।
 
ये महान गणितज्ञ और कम्प्युटर वैज्ञानिक थे। एलेन डिजिटल कम्प्यूटरों पर काम करने वाले सर्वप्रथम लोगों में से थे। ये पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने [[कम्प्यूटर]] के बहुप्रयोग की बात सोची। उन्होंने लोगों को बताया की कम्प्यूटर अलग-अलग प्रोग्रामों को चला सकता है। एलेन ने [[1936]] में ट्युरिंग यंत्र का विचार प्रस्तुत किया। यह एक काल्पनिक यंत्र था जो अनुदेशों के समूह पर काम करता था। एलेन के पिता इंडियन सिविल सर्विस में अफसर थे और छतरपुर में कार्यरत थे। जो कि बिहार और उड़ीसा प्रांत में आता था। इनके नाना मद्रास रेलवे में इंजिनियर थे। ऐलन का जन्म स्थान उनके माता-पिता ने लंदन में चुना। यहां से उन्होने अवकाश लिया ओर लंदन पहुंच गये। जहां ऐलन पैदा हुए।
 
 
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, एलेन सरकार के लिये गवर्नमेंट कोड तथा सायफर स्कूल में काम करते थे। जो [[ब्रिटेन]] के कोड ब्रेकिंग केंद्र के तौर पर काम करते थे। जर्मनी प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बुरी तरह हार गया था। बदला लेने को [[जर्मनी]] बेकरार था वह द्वितीय विश्व युद्ध का खांचा खीचने लगा। युद्ध के तैयारी के दौरान नए-नए हथियार बनाने लगा। जर्मनी ने एक ऐसी मशीन बनाई जिसे एनिग्मा मशीन कहा जाता था। यह मशीन गुप्त सन्देशों के कूटलेखन या कूटलेखों के पठन के लिये प्रयुक्त होती थी। युद्ध में इसका प्रयोग सरकार और सेना के बीच भेजे गये संदेशो के लिये किया जा रहा था। एलेन ने बॉम्ब मेथड में सुधार लाकर तथा एल्कट्रो मेकेनिकल मशीन बनाकर एनिग्मा मशीन का कोड तोड़ दिया। इसके आने से [[ब्रिटेन]] को काफी लाभ मिला और विश्व युद्ध को कम से कम 4 साल छोटा कर दिया।
 
 
युद्ध के बाद वे राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (National Physical Laboratory) से जुड़े जहां उन्होने एसीई (एटोमेटीक कंप्युटिंग इंजीन) का डिजाईन किया। जो की स्टोर्ड प्रोग्राम [[कंप्युटर]] का डिजाइन करने वाले पहले व्यक्तियों में से एक थे।
 

Revision as of 12:27, 14 July 2017