प्रयोग:कविता बघेल 7: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
(पृष्ठ को खाली किया)
 
(23 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
'''विश्वनाथ नाना पाटेकर''' (अंग्रेज़ी: ''Vishwanath Nana Patekar'', जन्म: मुरुड-जंजिरा, [[महाराष्ट्र]]) भारतीय फ़िल्‍म अभिनेता के साथ-साथ वह लेखक और फ़िल्‍म निर्माता भी हैं। नाना हिन्‍दी फ़िल्‍मों के मशहूर अभिनेता माने जाते हैं। उनके अभिनय के सभी कायल हैं और यही कारण है कि उन्‍हें आज तक कई बार राष्‍ट्रीय फ़िल्‍म पुरस्‍कार और फ़िल्‍मफेयर पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जा चुका हैा उन्‍हें [[पद्मश्री]] सम्‍मान भी मिल चुका है। वे इंडस्‍ट्री में अपने डॉयलाग को बोलने की स्‍टाइल को लेकर काफी मशहूर हैं।<ref>{{cite web |url=https://hindi.filmibeat.com/celebs/nana-patekar/biography.html |title=नाना पाटेकर |accessmonthday=20 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.filmibeat.com |language=हिंदी}}</ref>
==परिचय==
नाना पाटेकर का जन्म [[1 जनवरी]], [[1951]] को मराठी परिवार में हुआ था। उनका असली नाम विश्वनाथ पाटेकर है। इनके पिता दिनकर पाटेकर कपड़े के व्यापारी और माँ संजनाबाई पाटेकर एक गृहणी थी। नाना पाटेकर ने अपनी स्नातक की पढाई मुंबई में की।<ref>{{cite web |url=https://gajabkhabar.com/biography-and-movies-of-nana-patekar/ |title=नाना पाटेकर |accessmonthday=20 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=gajabkhabar.com |language=हिंदी}}</ref>
====विवाह====
नाना पाटेकर ने नीलकंठी पाटेकर से विवाह किया, लेकिन वैवाहिक जीवन में समस्याओं के चलते उनका बाद में तलाक हो गया। उनका एक बेटा मल्हार पाटेकर है। नाना पाटेकर ने अपने साथी मकरंद अनासपुरे के साथ मिलकर “नाम फाउंडेशन” की स्थापना की जो किसानो की मदद करती है।
==कॅरियर==
नाना पाटेकर ने शुरू में कई सालो तक थिएटर में काम किया। नाना पाटेकर ने फ़िल्मों की शुरुआत 1974 में मुज्जफर अली द्वारा निर्देशित “गमन” से की। इसके बाद उन्होंने 'मोहरे' (1987) और 'सलाम बॉम्बे' (1988) फ़िल्मो में काम किया। [[1989]] में आयी 'परिंदा' फ़िल्म में विलन का किरदार निभाकर फ़िल्मकारों की नजरों में आ गये। इस फ़िल्म ने उनको इंडस्ट्री में अहम स्थान दिलाया और उनको इस फ़िल्म के लिए सपोर्टिंग एक्टर का रास्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
====निर्देशन के रूप में====
[[1991]] में नाना पाटेकर ने अपनी पहली फ़िल्म 'प्रहार' निर्देशित की और इस फ़िल्म में वो खुद एक्टर और [[माधुरी दीक्षित]] एक्ट्रेस थीं। इसके बाद [[1992]] में 'अंगार' फ़िल्म में उनको बेस्ट विलेन का अवॉर्ड मिला। [[1994]] में उनकी फ़िल्म 'क्रान्तीवीर' के  लिए उनको राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला। इस फ़िल्म में उनके दमदार डायलाग को भुलाया नहीं जा सकता। [[1994]] में 'अभय' फ़िल्म में उन्होंने एक भूत का किरदार निभाया जिसके लिए भी उनको अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने 'अग्नी साक्षी' (1996) , 'खामोशी' (1996) और 'वजूद' (1998)। फ़िल्म में अलग अलग किरदार निभाएँ। 


नाना पाटेकर ने बॉलीवुड में हीरो और विलन दोनों तरह के किरदार निभाएँ। [[1996]] में संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'खामोशी' में एक गूंगे पिता का किरदार निभाया।  हालंकि फ़िल्म सफल नहीं हुई, लेकिन उनके अभिनय को काफी सराहा गया। इसके बाद कई सालो तक ये फ़िल्मो से दूर रहे और [[2005]] में 'अब तक छप्पन' से फ़िल्मों में वापसी की इसमें उन्होंने एक पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार निभाया। [[1999]] में नाना ने अमिताभ के साथ मिलकर एक एक्शन फ़िल्म कोहराम में काम किया।

Latest revision as of 12:09, 29 September 2017