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| {| class="bharattable-green" width="100%"
| | #REDIRECT [[पहेली 3 सितम्बर 2020]] |
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| | [[चित्र:Paheli-logo.png|right|120px]]
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| <quiz display=simple>
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| {हरिषेण किस शासक का दरबारी कवि था?
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| |type="()"}
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| +[[समुद्रगुप्त]]
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| -[[अशोक]]
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| -[[कनिष्क]]
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| -[[चन्द्रगुप्त द्वितीय]]
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| ||[[चन्द्रगुप्त प्रथम]] के बाद [[समुद्रगुप्त]] [[मगध]] के सिंहासन पर बैठा। चन्द्रगुप्त के अनेक पुत्र थे, पर गुण और वीरता में समुद्रगुप्त सबसे बढ-चढ़कर था। [[लिच्छवी]] कुमारी श्रीकुमारदेवी का पुत्र होने के कारण भी उसका विशेष महत्त्व था। चन्द्रगुप्त ने उसे ही अपना उत्तराधिकारी चुना और अपने इस निर्णय को राज्यसभा बुलाकर सभी सभ्यों के सम्मुख उद्घोषित किया। सम्राट समुद्रगुप्त के वैयक्तिक गुणों और चरित्र के सम्बन्ध में [[प्रयाग]] की प्रशस्ति में बड़े सुन्दर संदर्भ पाये जाते हैं। इसे महादण्ड नायक ध्रुवभूति के पुत्र, संधिविग्रहिक महादण्डनायक [[हरिषेण]] ने तैयार किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[समुद्रगुप्त]]
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| </quiz>
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| <noinclude>
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| {{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली 2 सितंबर 2020]]|अगली=[[पहेली 4 सितंबर 2020]]}}
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| <br />
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| {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
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| [[Category:भारतकोश पहेली]]
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| __INDEX__
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