स्वच्छ भारत अभियान: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 30: | Line 30: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत सरकार की योजनाएँ}} | {{भारत सरकार की योजनाएँ}} | ||
[[Category:भारत सरकार की योजनाएँ]][[Category:भारत सरकार]] | [[Category:भारत सरकार की जन योजनाएँ]][[Category:भारत सरकार]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 11:04, 21 January 2021
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है, जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ करना है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, परन्तु 'स्वच्छ भारत' का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता की ओर ध्यान देने वाला अभियान है। हालाँकि इससे पहले की सरकारों द्वारा भी इसे अलग-अलग नाम से अलग-अलग तरीके से शुरू किया गया था, परन्तु मोदी सरकार द्वारा शुरू किये गए इस प्रोजेक्ट में पहले की तुलना में काफी हद तक लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैली है।
शुरुआत
भारत की निरंतर बिगड़ती छवि में सुधार के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर 2 अक्टूबर, 2014 को 'स्वच्छ भारत अभियान' की शुरुआत की थी। इसके लिए प्रधानमंत्री ने पांच वर्षों का लक्ष्य रखा था ताकि 2 अक्टूबर, 2019 को जब देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा हो, तब तक महात्मा गांधी की ‘स्वच्छ भारत’ की परिकल्पना साकार होते हुए देख रहें हों।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को जब स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी तो अपने संदेश में कहा था कि, ‘एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं'। चूंकि स्वच्छ भारत अभियान को महात्मा गांधी के जन्मसती पर शुरू किया गया था और इसको उनके 150वीं जयंती पर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था, इसलिए इसका नामकरण महात्मा गांधी के नाम पर ही ‘महात्मा गांधी स्वच्छ भारत अभियान’ रखा गया। स्वच्छ भारत अभियान को ही सामान्य तौर पर ‘स्वच्छ भारत’ और ‘क्लीन इंडिया मूवमेंट’ कहा जाता है।
उद्देश्य
- अभियान का उद्देश्य 2 अक्टूबर 2019 तक देश को पूर्णतः खुले में शौच से मुक्त बनाना था। इसके लिए व्यक्तिगत, सामूहिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण का लक्ष्य रखा गया।
- खुले में शौच की खामियों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता करना।
- 2014 से 2019 के 5 साल में 2 करोड़ टॉयलेट्स बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
- ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित रूप से अलग-अलग करने का लक्ष्य रखा गया।
- अधिक-से अधिक पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया, ताकि शुद्ध वायु के स्तर में वृद्धि हो।
- देश में कचरा मुक्त वातावरण बनाना।
- स्वच्छ भारत के निर्माण एवं देश की छवि विश्व में सुधारने का कृतसंकल्प।
- नागरिकों में स्वच्छता संबंधी आदतों में सुधार करते हुए इसी जीवन जीने का नियमित लक्ष्य बनाना।
- हाथों से मल की सफाई करने की व्यवस्था को पूर्ण रूप से हटाना।
अभियान के नारे
'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत कुछ नारे जो बहुत प्रसिद्ध हुए, वे इस प्रकार हैं-
- हम सबका यही सपना, स्वच्छ भारत हो अपना।
- क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी, यही मेरी है ड्रीम सिटी।
- सफाई से खुद को स्वच्छ बनाना है, स्वछता से पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाना है।
- क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया।
- न गंदगी करेंगे, न करने देंगे।
- एक कदम स्वच्छता की ओर
स्वच्छ भारत अभियान शहर
'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत भारत सरकार हर साल स्वच्छता रैंकिंग प्रदान करती है, जिसके लिए सरकार ने कुछ नियम निर्धारित किए हैं, जैसे सूखा कचरा, गीला कचरा निष्पादन, सड़क किनारे कूड़ेदान की व्यवस्था आदि। इस अभियान के बाद से बहुत से शहर प्रतिस्पर्धा के तहत टॉप रैंक पर आने के लिए प्रयासरत रहते हैं जिससे साफ़-सफाई की स्थिति में निरंतर सुधार आ रहा है। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर विगत तीन वर्षों से इस रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है और 2020 के अर्धवार्षिकी रिपोर्ट में भी प्रथम स्थान पर आकर लगातार चौथी बार शीर्ष स्थान प्राप्त करने की रेस में सबसे आगे रहा है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख