हिमाचल प्रदेश का यातायात: Difference between revisions

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[[हिमाचल प्रदेश]] राज्य में सड़कें ही यहाँ की जीवन रेखा हैं और यही संचार के प्रमुख साधन हैं। इसके 55,673 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से 36,700 किलोमीटर में रहने योग्य स्थान है, जिसमें से 16,807 गांव अनेक पर्वतीय शृंखलाओं और घाटियों के ढलानों पर फैले हुए हैं। उत्पादन क्षेत्रों और बाज़ार केंद्रों को जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत को सड़क से जोड़ने का निर्णय किया है। यह राज्य जब1948 में बना, तो यहाँ पर केवल 288 कि.मी. लंबी सड़कें थीं जिनको 15 अगस्त 2007 तक बढ़ाकर 30,264 कि.मी. तक विकसित कर दिया गया है।
[[हिमाचल प्रदेश]] राज्य में सड़कें ही यहाँ की जीवन रेखा हैं और यही संचार के प्रमुख साधन हैं। इसके 55,673 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से 36,700 किलोमीटर में रहने योग्य स्थान है, जिसमें से 16,807 गांव अनेक पर्वतीय श्रृंखलाओं और घाटियों के ढलानों पर फैले हुए हैं। उत्पादन क्षेत्रों और बाज़ार केंद्रों को जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत को सड़क से जोड़ने का निर्णय किया है। यह राज्य जब1948 में बना, तो यहाँ पर केवल 288 कि.मी. लंबी सड़कें थीं जिनको 15 अगस्त 2007 तक बढ़ाकर 30,264 कि.मी. तक विकसित कर दिया गया है।


पर्यटन उद्योग को हिमाचल प्रदेश में उच्‍च प्राथमिकता दी गई है और हिमाचल सरकार ने इसके विकास के लिए समुचित ढांचा विकसित किया है जिसमें जनोपयोगी सेवाएं, सड़कें, संचार तंत्र, हवाई अड्डे, यातायात सेवाएं, जलापूर्ति और जन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं शामिल हैं। राज्‍य सरकार राज्‍य को ‘हर मौसम में, हर सूरत में गंतव्‍य’ का रूप देने के लिए कटिबद्ध है। राज्‍य पर्यटन विकास निगम राज्‍य की आय में 10 प्रतिशत का योगदान करता है। यह निगम बिक्री कर, सुख-सुविधा कर और यात्री कर के रूप में 2 करोड़ रुपए वार्षिक आय का योगदान करता है। वर्ष 2007 में राज्‍य में 83 लाख पर्यटक आए जिनमें 2,008 विदेशी थे।
पर्यटन उद्योग को हिमाचल प्रदेश में उच्‍च प्राथमिकता दी गई है और हिमाचल सरकार ने इसके विकास के लिए समुचित ढांचा विकसित किया है जिसमें जनोपयोगी सेवाएं, सड़कें, संचार तंत्र, हवाई अड्डे, यातायात सेवाएं, जलापूर्ति और जन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं शामिल हैं। राज्‍य सरकार राज्‍य को ‘हर मौसम में, हर सूरत में गंतव्‍य’ का रूप देने के लिए कटिबद्ध है। राज्‍य पर्यटन विकास निगम राज्‍य की आय में 10 प्रतिशत का योगदान करता है। यह निगम बिक्री कर, सुख-सुविधा कर और यात्री कर के रूप में 2 करोड़ रुपए वार्षिक आय का योगदान करता है। वर्ष 2007 में राज्‍य में 83 लाख पर्यटक आए जिनमें 2,008 विदेशी थे।

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हिमाचल प्रदेश राज्य में सड़कें ही यहाँ की जीवन रेखा हैं और यही संचार के प्रमुख साधन हैं। इसके 55,673 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से 36,700 किलोमीटर में रहने योग्य स्थान है, जिसमें से 16,807 गांव अनेक पर्वतीय श्रृंखलाओं और घाटियों के ढलानों पर फैले हुए हैं। उत्पादन क्षेत्रों और बाज़ार केंद्रों को जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत को सड़क से जोड़ने का निर्णय किया है। यह राज्य जब1948 में बना, तो यहाँ पर केवल 288 कि.मी. लंबी सड़कें थीं जिनको 15 अगस्त 2007 तक बढ़ाकर 30,264 कि.मी. तक विकसित कर दिया गया है।

पर्यटन उद्योग को हिमाचल प्रदेश में उच्‍च प्राथमिकता दी गई है और हिमाचल सरकार ने इसके विकास के लिए समुचित ढांचा विकसित किया है जिसमें जनोपयोगी सेवाएं, सड़कें, संचार तंत्र, हवाई अड्डे, यातायात सेवाएं, जलापूर्ति और जन स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं शामिल हैं। राज्‍य सरकार राज्‍य को ‘हर मौसम में, हर सूरत में गंतव्‍य’ का रूप देने के लिए कटिबद्ध है। राज्‍य पर्यटन विकास निगम राज्‍य की आय में 10 प्रतिशत का योगदान करता है। यह निगम बिक्री कर, सुख-सुविधा कर और यात्री कर के रूप में 2 करोड़ रुपए वार्षिक आय का योगदान करता है। वर्ष 2007 में राज्‍य में 83 लाख पर्यटक आए जिनमें 2,008 विदेशी थे।


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