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| |-
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| | valign="top"|
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| {| width="100%"
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| <quiz display=simple>
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| {[[चौपाई]] में होती हैं- (यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-186
| |
| |type="()"}
| |
| +प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण 14 मात्राएँ
| |
| -इनमें से कोई नहीं
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| {[[हिन्दी भाषा]] के विकास का सही अनुक्रम कौन-सा है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-52,प्रश्न-571
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| |type="()"}
| |
| +पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी
| |
| -प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी, पालि
| |
| -अपभ्रंश, पालि, प्राकृत, हिन्दी
| |
| -हिन्दी, पालि, अपभ्रंश, प्राकृत
| |
|
| |
| {संचार माध्यमों में प्रयोग होता है-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-160
| |
| |type="()"}
| |
| +[[हिन्दी]] का शासकीय रूप
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| -हिन्दी का साहित्यिक रूप
| |
| -[[हिन्दी]] का शुद्ध व्याकरणिक रूप
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सा सही सुमेलित है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-49;प्रश्न-536
| |
| |type="()"}
| |
| -साहित्य लहरी - पद्माकर
| |
| -लोकायतन - सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
| |
| -एक कंठ विषपायी - नागार्जुन
| |
| +वैराग्य संदीपनी - तुलसीदास
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| |
| {[[कन्नड़ भाषा]] में पद्य के स्थान पर गद्य का आरम्भ करने वाले [[संत]] कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-43
| |
| |type="()"}
| |
| -पुण्डरीक
| |
| -पंय
| |
| +बसवेश्वर
| |
| -नरसी मेहता
| |
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| |
| {ध्वनि-मयी कर के गिरि-कंदरा,कलित-कानन-केलि-निकुंज को।<br />
| |
| उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-16
| |
| |type="()"}
| |
| -छेकानुप्रास
| |
| +वृत्त्यनुप्रास
| |
| -लाटानुप्रास
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| -यमक
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| |
| {[[तुलसीदास]] को '''कलिकाल का बाल्मीकि''' किसने कहा था?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-328
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| |type="()"}
| |
| -[[रामचन्द्र शुक्ल]]
| |
| -जॉर्ज ग्रियर्सन
| |
| +नाभादास
| |
| -स्मिथ
| |
|
| |
| {मुहावरा 'कूपमंडूक होना' का क्या अर्थ है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-120
| |
| |type="()"}
| |
| -घर में ही रहना
| |
| -कुएँ में गिरना
| |
| +अत्यंत सीमित ज्ञान होना
| |
| -मूर्ख होना
| |
|
| |
| {‘सृष्टि’ का विलोम शब्द बताइए?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-35
| |
| |type="()"}
| |
| -मरण
| |
| +प्रलय
| |
| -वृष्टि
| |
| -मोक्ष
| |
|
| |
| {हिन्दी भाषा का सम्बंध निम्न में से किससे है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-317,प्रश्न-01
| |
| |type="()"}
| |
| +शैरसेनी अपभ्रंश
| |
| -अपभ्रंश
| |
| -पश्चिमी प्राकृत
| |
| -प्राकृत
| |
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|
| |
|
| |
| {[[चौपई]] में होती हैं-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-187
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रत्येक चरण में 17 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ
| |
| +प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 14 मात्राएँ
| |
|
| |
| {निम्न में से कौन-सी साहित्येतिहास लेखन की विधि नहीं है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-151
| |
| |type="()"}
| |
| +अकारादि क्रम
| |
| -लेखकों का कालक्रम
| |
| -रचनाओं का कालक्रम
| |
| -परिस्थिति-प्रवृत्ति मूलक क्रम
| |
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| |
| {'सखि वे मुझसे कह कर जाते' - यह किस [[कवि]] की काव्य-पंक्ति है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-511
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| |type="()"}
| |
| -सियाराम शरण गुप्त
| |
| +[[मैथिलीशरण गुप्त]]
| |
| -[[अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध']]
| |
| -जगदीश गुप्त
| |
|
| |
| {निम्न में से विष्णुस्वामी की रचना कौन-सी है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-34
| |
| |type="()"}
| |
| -सिद्धांतपंचमात्रा
| |
| +सर्वज्ञसूक्त
| |
| -वेदांतसार
| |
| -आगम प्रमाण्य
| |
|
| |
| {[[भक्ति काल]] की दूसरी मुख्य [[भाषा]] थी-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-319
| |
| |type="()"}
| |
| +[[अवधी भाषा]]
| |
| -[[ब्रज भाषा]]
| |
| -[[राजस्थानी भाषा]]
| |
| -[[संस्कृत]]
| |
|
| |
| {<poem>दिवसावसान का समय
| |
| मेघमय आसमान से उत्तर रही है
| |
| वह संध्या-सुन्दरी परी सी
| |
| धीरे-धीरे-धीरे।</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-7
| |
| |type="()"}
| |
| -उपमा
| |
| +रूपक
| |
| -मानवीकरण
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {'ठीकरा फूटना' इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-110
| |
| |type="()"}
| |
| -जोर-जोर से हँसना
| |
| -दु:खी होना
| |
| +किसी के सर झूठा दोष लगाना
| |
| -बर्तन तोड़ना
| |
|
| |
| {कोई भी [[छंद]] किसमें विभक्त रहता है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-2
| |
| |type="()"}
| |
| -चरणों में
| |
| -यति में
| |
| +उपरोक्त दोनों
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {‘अति’ का विपरीतार्थक शब्द क्या है? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-37
| |
| |type="()"}
| |
| -न्यून
| |
| -कम
| |
| +अल्प
| |
| -नगण्य
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-29,प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| +शारीरिक
| |
| -शारीरीक
| |
| -शरीरिक
| |
| -सारीरिक
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {[[रोला]] में होती हैं-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-188
| |
| |type="()"}
| |
| -क्रम से चार चरणों में 12-12 मात्राएँ
| |
| +क्रम से चार चरणों में 11 और 13 मात्राएँ
| |
| -क्रम से चार चरणों में 12 और 14 मात्राएँ
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {'शब्दानुशासन' के लेखक निम्न में से कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-152
| |
| |type="()"}
| |
| -आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
| |
| +हेमचन्द्र
| |
| -सरहपाद
| |
| -स्वयंभू
| |
|
| |
| {'शिवशम्भु के चिट्ठे' के लेखक कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-512
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रताप नारायण मिश्र
| |
| -बालकृष्ण भट्ट
| |
| -श्रीनिवास दास
| |
| +बालमुकुन्द गुप्त
| |
|
| |
| {आचार्य वल्लभ ने निम्नलिखित में से किसकी रचना नहीं की थी?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-35
| |
| |type="()"}
| |
| +प्रपन्नकल्पवल्ली
| |
| -सुबोधिनी
| |
| -अणुभाष्य
| |
| -तत्वदीप निबंध
| |
|
| |
| {'रसिक सम्प्रदाय' का आधारभूत [[ग्रंथ]] कौन-सा है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-320
| |
| |type="()"}
| |
| +पांचरात्र संहिताएँ
| |
| -भक्ति पावन
| |
| -उपरोक्त दोनों
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {"तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं" में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-17;प्रश्न-8
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुप्रास
| |
| -श्लेष
| |
| +यमक
| |
| -अन्योक्ति
| |
|
| |
| {मुहावरा 'उलट-फेर होना' का सही अर्थ है-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-111
| |
| |type="()"}
| |
| -करवट लेना
| |
| -हिंसा होना
| |
| -अपेक्षा के विरुद्ध काम करना
| |
| +परिवर्तन होना
| |
|
| |
| {चारों चरणों में समान मात्राओं वाले [[छंद]] को क्या कहते हैं?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-3
| |
| |type="()"}
| |
| +सम मात्रिक छंद
| |
| -विषम मात्रिक छंद
| |
| -अर्द्धसम मात्रिक छंद
| |
| -उपरोक्त सभी
| |
|
| |
| {‘ब्रह्म’ का विपरीतार्थक शब्द क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-38
| |
| |type="()"}
| |
| +जीव
| |
| -माया
| |
| -जगत
| |
| -अज्ञान
| |
|
| |
| {"वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।" इस वाक्य में 'पर' कौन-सा कारक है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-73,प्रश्न-29
| |
| |type="()"}
| |
| -कर्म
| |
| -करण
| |
| +अपादान
| |
| -अधिकरण
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {'रूपमाला' में मात्राएँ होती हैं-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-189
| |
| |type="()"}
| |
| +क्रमश: 14 और 10 मात्राएँ
| |
| -क्रमश: 14 और 12 मात्राएँ
| |
| -क्रमश: 11 और 13 मात्राएँ
| |
| -क्रमश: 10 और 14 मात्राएँ
| |
|
| |
| {'खालिकबारी' निम्न में से किसकी रचना है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-153
| |
| |type="()"}
| |
| -खालिक खलक
| |
| -रहीम
| |
| +[[अमीर ख़ुसरो]]
| |
| -[[अकबर]]
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सा देश-विभाजन को लेकर लिखा गया [[उपन्यास]] है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-513
| |
| |type="()"}
| |
| -अमृत और विष
| |
| +झूठा सच
| |
| -अपने-अपने अजनबी
| |
| -अंतराल
| |
|
| |
| {'सिद्धांतपंचमात्रा' के रचनाकार कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-36
| |
| |type="()"}
| |
| -विष्णुस्वामी
| |
| -आचार्य वल्लभ
| |
| +राघवानन्द
| |
| -रामानुज
| |
|
| |
| {'पद्मावत' किस प्रकार का [[काव्य]] है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-321
| |
| |type="()"}
| |
| -अन्योक्ति
| |
| +समासोक्ति
| |
| -अन्योक्ति एवं समासोक्ति
| |
| -अतिशयोक्ति
| |
|
| |
| {"अब अलि रही गुलाब में, अपत कटीली डार में" कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-9
| |
| |type="()"}
| |
| -उपमा
| |
| -उत्प्रेक्षा
| |
| +अन्योक्ति
| |
| -अतिशयोक्ति
| |
|
| |
| {'पेट में दाढ़ी होना' इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-112
| |
| |type="()"}
| |
| -धूर्त प्राणी
| |
| -रोगग्रसित होना
| |
| -पेट तक लम्बी दाढ़ी होना
| |
| +देखने में सीधा, किंतु चालाक होना
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में सम मात्रिक छंद का कौन-सा उदाहरण है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-4
| |
| |type="()"}
| |
| -[[दोहा]]
| |
| -[[सोरठा]]
| |
| +[[चौपाई]]
| |
| -उपरोक्त सभी
| |
|
| |
| {‘बहिरंग’ का विलोम शब्द है-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
| |
| +अन्तरंग
| |
| -रंगारंग
| |
| -जलतरंग
| |
| -रागरंग
| |
|
| |
| {इनमें से कौन-सा शिव का पर्यायवाची नहीं है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-83,प्रश्न-20
| |
| |type="()"}
| |
| +पिनाकी
| |
| -लम्बोदर
| |
| -पिपासु
| |
| -पिनाक
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {'हरीगीतिका' में मात्राएँ होती हैं-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-190
| |
| |type="()"}
| |
| +क्रमश: दो चरणों में14 और12 मात्राएँ
| |
| -क्रमश: दो चरणों में 12 और 14 मात्राएँ
| |
| -क्रमश: दो चरणों में 14 और 16 मात्राएँ
| |
| -इनमें से कोई नहीं
| |
|
| |
| {सूफ़ी काव्य का उद्देश्य है-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-154
| |
| |type="()"}
| |
| +प्रेम-निरूपण
| |
| -काव्यशास्त्र निरूपण
| |
| -[[इस्लाम धर्म]] का प्रचार
| |
| -राष्ट्रीय चेतना
| |
|
| |
| {'धातुसेन' [[जयशंकर प्रसाद]] के किस [[नाटक]] का पात्र है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-514
| |
| |type="()"}
| |
| -राज्यश्री
| |
| -चन्द्रगुप्त
| |
| -ध्रुवस्वामिनी
| |
| +स्कन्दगुप्त
| |
|
| |
| {'महानुभाव सम्प्रदाय' चलाने वाले [[भक्त]] [[कवि]] कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-37
| |
| |type="()"}
| |
| -[[ज्ञानेश्वर]]
| |
| -पुण्डरीक
| |
| -[[नामदेव]]
| |
| +चक्रधर
| |
|
| |
| {प्रेमाख्यानक काव्यों में किस [[रस]] की प्रधानता है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-322
| |
| |type="()"}
| |
| +[[शृंगार रस]]
| |
| -[[भक्ति रस]]
| |
| -[[वीर रस]]
| |
| -अद्भुत रस
| |
|
| |
| {<poem>अति मलीन वृषभानुकुमारी।
| |
| अधोमुख रहति, उरध नहिं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी।
| |
| छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी॥</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| -अनुप्रास
| |
| -उत्प्रेक्षा
| |
| -रूपक
| |
| +उपमा
| |
|
| |
| {'पापड़ बेलना' का सही अर्थ बताइए?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-113
| |
| |type="()"}
| |
| -पापड़ बनाना
| |
| +मुसीबत उठाना
| |
| -खाना बनाना
| |
| -पतली रोटी बनाना
| |
|
| |
| {शिल्पगत आधार पर दोहे से उल्टा छंद कौन-सा है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-6
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रोला]]
| |
| -[[चौपाई]]
| |
| +[[सोरठा]]
| |
| -बरवै छन्द
| |
|
| |
| {‘अनागत’ का विलोम शब्द क्या है? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| -वर्तमान
| |
| -भूतकालिक
| |
| -विगत
| |
| +आगत
| |
|
| |
| {'कुआनो नदी' के रचनाकार कौन थे?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-317,प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| +सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
| |
| -रघुवीर सहाय
| |
| -श्रीकान्त वर्मा
| |
| -नरेश मेहता
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {बरवै छन्द में मात्राओं की संख्या होती है-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-191
| |
| |type="()"}
| |
| -विषम चरणों में 11 और समचरणों में 7 मात्राएँ
| |
| -विषम चरणों में 14 और समचरणों में 7 मात्राएँ
| |
| -विषम चरणों में 12 और समचरणों में 8 मात्राएँ
| |
| +विषम चरणों में 12 और समचरणों में 7 मात्राएँ
| |
|
| |
| {निम्न में से कौन-सा रीतिमुक्त [[कवि]] नहीं हैं?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-155
| |
| |type="()"}
| |
| -घनानन्द
| |
| -बोधा
| |
| +जसवंत सिंह
| |
| -ठाकुर असनी
| |
|
| |
| {निम्नलिखित रचनाओं में से कौन-सा यात्रा वृत्त है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-515
| |
| |type="()"}
| |
| +चीड़ों पर चाँदनी
| |
| -भूले बिसरे चित्र
| |
| -अपनी खबर
| |
| -पथ के साथी
| |
|
| |
| {निम्न में से कौन-सी निम्बार्काचार्य की रचना नहीं है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-38
| |
| |type="()"}
| |
| -वेदांत परिजात सौरभ
| |
| -श्रीकृष्ण स्तवराज
| |
| +गीता आष्टा
| |
| -प्रपन्नकल्पवल्ली
| |
|
| |
| {भारतीय सूफ़ी किस सम्प्रदाय के थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-323
| |
| |type="()"}
| |
| +बेशरा सम्प्रदाय
| |
| -शरा सम्प्रदाय
| |
| -चिश्मी सम्प्रदाय
| |
| -कादिरी सम्प्रदाय
| |
|
| |
| {<poem>नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल।
| |
| अली कली ही सौं बिध्यौं, आगे कौन हवाल॥</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-11
| |
| |type="()"}
| |
| -रूपक
| |
| -विशेषोक्ति
| |
| +अन्योक्ति
| |
| -अतिशयोक्ति
| |
|
| |
| {'कान का कच्चा होना' इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-114
| |
| |type="()"}
| |
| -कम सुनना
| |
| +सुनी बात पर विश्वास करना
| |
| -दूसरे की बात न मानना
| |
| -कान का कमजोर होना
| |
|
| |
| {<poem>सुन सिय सत्य असीस हमारी।
| |
| पूजहि मन कामना तुम्हारी॥</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[छन्द]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-07
| |
| |type="()"}
| |
| -बरवै
| |
| -[[सोरठा]]
| |
| -[[दोहा]]
| |
| +[[चौपाई]]
| |
|
| |
| {‘उत्तम’ का विलोम शब्द क्या है? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-41
| |
| |type="()"}
| |
| -निकृष्ट
| |
| -विकृत
| |
| +अधम
| |
| -कीर्ति
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सी हिन्दी पत्रिका है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-318,प्रश्न-19
| |
| |type="()"}
| |
| -केरल दर्शन
| |
| -दक्षिण निधि
| |
| -देशपोषिणी
| |
| +केरल ज्योति
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| {इन्द्रवज्रा में मात्राओं की संख्या कितनी होती है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-192
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| |type="()"}
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| -प्रत्येक चरण में 13-13 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 15-15 मात्राएँ
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| -प्रत्येक चरण में 14-14 मात्राएँ
| |
| +प्रत्येक चरण में 11-11 मात्राएँ
| |
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| |
| {'जूही की कली' नामक [[कविता]] के रचनाकार [[कवि]] कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-156
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| |type="()"}
| |
| -[[सुमित्रानन्दन पंत]]
| |
| +[[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']]
| |
| -[[जयशंकर प्रसाद]]
| |
| -[[महादेवी वर्मा]]
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| {'नया ज्ञानोदय' नाम की [[पत्रिका]] के सम्पादन कौन हैं?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-516
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| |type="()"}
| |
| -मृणाल पाण्डेय
| |
| -रवीन्द्र कालिया
| |
| +प्रभाकर श्रोत्रिय
| |
| -ज्ञान रंजन
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| |
| {'गोविन्दभाष्य' निम्न में से किसकी रचना है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-39
| |
| |type="()"}
| |
| -[[चैतन्य महाप्रभु]]
| |
| -रूपगोस्वामी
| |
| +बलदेव विद्या भूषण
| |
| -जीव गोस्वामी
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सी [[तुलसीदास]] की रचना नहीं है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-324
| |
| |type="()"}
| |
| -बरवै रामायण
| |
| -गीतावली
| |
| +[[रामायण]]
| |
| -दोहावली
| |
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| |
| {<poem>कबिरा सोई पीर है, जे जाने पर पीर।
| |
| जे पर पीर न जानई, सो काफिर बेपीर।</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-12
| |
| |type="()"}
| |
| +यमक
| |
| -रूपक
| |
| -पुनरुक्ति
| |
| -श्लेष
| |
|
| |
| {मुहावरा 'उन्नीस-बीस होना' का क्या अर्थ है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-115
| |
| |type="()"}
| |
| +बहुत कम अंतर होना
| |
| -बहुत अंतर होना
| |
| -हिसाब जोड़ना
| |
| -भाग जाना
| |
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| |
| {<poem>निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति कौ मूल।
| |
| बिन निज भाषा ज्ञान के मिटे न हिय कौ शूल॥</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[छन्द]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-08
| |
| |type="()"}
| |
| -[[सोरठा]]
| |
| +[[दोहा]]
| |
| -[[रोला]]
| |
| -हरिगीतिका
| |
|
| |
| {‘नीरस’ का विलोम शब्द क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-42
| |
| |type="()"}
| |
| -रसीला
| |
| +सरस
| |
| -विरस
| |
| -अरस
| |
|
| |
| {निम्न में उपादान कारक की विभक्ति क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-321,प्रश्न-08
| |
| |type="()"}
| |
| -ने
| |
| -को
| |
| -के लिए
| |
| +से
| |
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| |
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| |
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| |
| {वंशस्थ में मात्राओं की संख्या कितनी होती है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-193
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रत्येक चरण में 11-11 मात्राएँ
| |
| +प्रत्येक चरण में 12-12 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 13-13 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 14-14 मात्राएँ
| |
|
| |
| {'हालावाद' के प्रवर्तक कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-157
| |
| |type="()"}
| |
| -नरेन्द्र शर्मा
| |
| -रामेश्वर शुक्ल 'अंचल'
| |
| -जगदीश गुप्त
| |
| +[[हरिवंशराय बच्चन]]
| |
|
| |
| {'दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा' का मुख्यालय कहाँ है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-517
| |
| |type="()"}
| |
| -[[बैंगलोर]]
| |
| +[[चेन्नई]]
| |
| -[[हैदराबाद]]
| |
| -एर्नाकुलम
| |
|
| |
| {'षट्संदर्भ' किसकी रचना है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-40
| |
| |type="()"}
| |
| -रूप गोस्वामी
| |
| -जीव गोस्वामी
| |
| -बलदेव विद्याभूषण
| |
| +सनातन गोस्वामी
| |
|
| |
| {[[उत्तरी भारत]] में 'राम भक्ति वित' का प्रवर्तन आचार्य रामानुज की परम्परा में किसने प्रारम्भ किया था?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-325
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रामानंद]]
| |
| -श्री रंगनाथ मुनि
| |
| +राघवानंद
| |
| -कांचीपूर्ण
| |
|
| |
| {'संदेसनि मधुवन-कूप भरे' में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-13
| |
| |type="()"}
| |
| -रूपक
| |
| -वक्रोक्ति
| |
| -अन्योक्ति
| |
| +अतिशयोक्ति
| |
|
| |
| {'कलेजा होना' इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-117
| |
| |type="()"}
| |
| -द्रवित होना
| |
| -विवश होना
| |
| -विकल होना
| |
| +हिम्मत होना
| |
|
| |
| {जिस [[छन्द]] के पहले तथा तीसरे चरणों में 13-13 और दूसरे तथा चौथे चरणों में 11-11 मात्राएँ होती हैं, वह छन्द कहलाता है-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-09
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रोला]]
| |
| -[[चौपाई]]
| |
| -कुण्डलिया
| |
| +[[दोहा]]
| |
|
| |
| {‘मुख्य’ का विलोम क्या होगा? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-43
| |
| |type="()"}
| |
| +गौण
| |
| -विमुख
| |
| -प्रतिमुख
| |
| -सामान्य
| |
|
| |
| {'नाश कर देना' के लिए सही मुहावरा क्या है?(ल्युसेंट सा.हिंदी,पृ.सं.-136,प्रश्न-16
| |
| |type="()"}
| |
| -पानी में आग लगा देना
| |
| +पानी फेर देना
| |
| -पानी-पानी होना
| |
| -पानी भरना
| |
|
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {वसन्ततलिका में मात्राओं की संख्या होती है-(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-194
| |
| |type="()"}
| |
| -प्रत्येक चरण में 13-11 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 12-13 मात्राएँ
| |
| +प्रत्येक चरण में 14-14 मात्राएँ
| |
| -प्रत्येक चरण में 12-12 मात्राएँ
| |
|
| |
| {'तुम विद्युत बन आओ पाहुन, मेरे नयनों पर पग धर-धर'।<br />
| |
| उपरोक्त पंक्तियाँ किसके द्वारा लिखी गईं?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-158
| |
| |type="()"}
| |
| +[[महादेवी वर्मा]]
| |
| -[[मीरा]]
| |
| -श्रीनरेश मेहता
| |
| -लीलाधर जगूड़ी
| |
|
| |
| {व्यंजना शक्ति का कार्य क्या है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-518
| |
| |type="()"}
| |
| -मूल अर्थ को व्यक्त करना
| |
| -प्रयोजन को व्यक्त करना
| |
| -मुख्यार्थ की व्याख्या करना
| |
| +मुख्यार्थ में छिपे अकथित अर्थ को व्यक्त करना
| |
|
| |
| {सातवें आलवार संत कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-41
| |
| |type="()"}
| |
| -काठकोय
| |
| -नम्म
| |
| -आण्डाल
| |
| +कुलशेखर
| |
|
| |
| {'श्री सम्प्रदाय' के प्रथम आचार्य कौन थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-326
| |
| |type="()"}
| |
| -[[रामानुज]]
| |
| -राघवानंद
| |
| +श्री रंगनाथ मुनि
| |
| -[[रामानंद]]
| |
|
| |
| {'पट-पीत मानहुं तड़ित रुचि, सुचि नौमी जनक सुतावरं' में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-14
| |
| |type="()"}
| |
| +उपमा
| |
| -रूपक
| |
| -उत्प्रेक्षा
| |
| -यमक
| |
|
| |
| {'दाँतों तले उँगली दबाना' इस मुहावरे का सही अर्थ होगा-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-118
| |
| |type="()"}
| |
| -बहुत पछताना
| |
| -चुप रह जाना
| |
| +हैरान होना
| |
| -दर्द महसूस करना
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से अशुद्ध वाक्य कौन-सा है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-10
| |
| |type="()"}
| |
| +देखो शत्रु दौड़ रहा है
| |
| -मैंने आम खाया
| |
| -लड़ाई में जीत हुई
| |
| -वह जीत गया
| |
|
| |
| {‘महान’ का विलोम बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-44
| |
| |type="()"}
| |
| +क्षुद्र
| |
| -अनुचित
| |
| -अल्प
| |
| -नगण्य
| |
|
| |
| {आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने निम्न में से किसे प्रेमाख्यान काव्य परम्परा का प्रथम कवि माना?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-313,प्रश्न-05
| |
| |type="()"}
| |
| -मंझन
| |
| -जायसी
| |
| -मुल्ला दाऊद
| |
| +कुतुबन
| |
|
| |
|
| |
|
| |
| {मनहरण कविन्त में मात्राओं की संख्या कितनी होती है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-388प्रश्न-195
| |
| |type="()"}
| |
| -क्रमश: 15 और 17 मात्राएँ
| |
| +क्रमश: 16 और 15 मात्राएँ
| |
| -क्रमश: 15 और 16 मात्राएँ
| |
| -क्रमश: 11 और 13 मात्राएँ
| |
|
| |
| {[[अपभ्रंश]] को 'पुरानी हिन्दी' किसने कहा है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-15प्रश्न-159
| |
| |type="()"}
| |
| -जॉर्ज ग्रियर्सन
| |
| -श्यामसुन्दरदास
| |
| +चन्द्रधर शर्मा गुलेरी
| |
| -[[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन 'विखंडनवाद' के प्रवर्तक हैं?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-47प्रश्न-519
| |
| |type="()"}
| |
| +देरिदा
| |
| -लीविस
| |
| -फ़ूकोयामा
| |
| -ग्राम्शी
| |
|
| |
| {आलवार संख्या में कितने थे?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-60प्रश्न-42
| |
| |type="()"}
| |
| -दस
| |
| +बारह
| |
| -आठ
| |
| -ग्यारह
| |
|
| |
| {निम्नलिखित में से कौन-सी [[रामानंद]] की रचना नहीं है?(यू.जी.सी.हिन्दी सामान्य ज्ञान;पृ.सं.-72प्रश्न-327
| |
| |type="()"}
| |
| -वैष्णव मताब्द भास्कर
| |
| -श्री रामार्जुन पद्धति
| |
| -रामरक्षा स्त्रोत
| |
| +शृंगार रस मंडन
| |
|
| |
| {<poem>रहिमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।
| |
| बारे उजियारै लगै, बढ़ै अंधेरो होय॥</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[अलंकार]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-178;प्रश्न-15
| |
| |type="()"}
| |
| -उपमा
| |
| -रूपक
| |
| -यमक
| |
| +श्लेश
| |
|
| |
| {'आँखों पर चर्बी छाना' का अर्थ है-(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-141;प्रश्न-119
| |
| |type="()"}
| |
| -धोखा खाना
| |
| -कुछ समझ न आना
| |
| +अभिमान करना
| |
| -निर्लज्ज होना
| |
|
| |
|
| |
| {<poem>किसको पुकारे यहाँ रोकर अरण्य बीच,
| |
| चाहे जो करो शरण्य शरण तिहारे हैं।</poem>
| |
| प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा [[छन्द]] है?(ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.सं.-171;प्रश्न-11
| |
| |type="()"}
| |
| -उल्लाला
| |
| -छप्पय
| |
| -[[रोला]]
| |
| +घनाक्षरी
| |
|
| |
| {निम्न में से ‘धनवान’ का विलोम शब्द बताइए? (ल्युसेंट सा.हिंदी;पृ.स.-90;प्रश्न-45
| |
| |type="()"}
| |
| +अकिंचन
| |
| -किंकर
| |
| -कंचन
| |
| -धनाढ्य
| |
|
| |
| {आदिकालीन साहित्य में वीर रस की रचनाओं में किस भाषा का प्रयोग किया गया?(ल्युसेन्ट सा.हिन्दी,पृ.सं.-313,प्रश्न-03
| |
| |type="()"}
| |
| -पिंगल
| |
| -बुन्देली
| |
| +डिंगल
| |
| -प्राकृत
| |
| </quiz>
| |
| |}
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| |}
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| __NOTOC__
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