User:रविन्द्र प्रसाद/1: Difference between revisions

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==इतिहास सामान्य ज्ञान==
{| class="bharattable-green" width="100%"
|-
| valign="top"|
{| width="100%"
|
<quiz display=simple>
{[[हड़प्पा सभ्यता]] में पक्की [[मिट्टी]] की मूर्तियों का निर्माण किस विधि से किया गया है? (पृ.सं. 181
|type="()"}
-एक साँचा पद्धति
-दो साँचा पद्धति
+चिकोटी पद्धति
-जोड़कर


{'[[राजतरंगिणी]]' में 7826 [[श्लोक]] हैं, जो तरंगों में संगठित हैं। तरंगों की संख्या कितनी है-(पृ.सं. 171
|type="()"}
-चार
-दस
-बारह
+आठ
{[[कौटिल्य]] के [[अर्थशास्त्र]] में नि:सृष्टार्थ शब्द का प्रयोग है। यह शब्द निम्नलिखित में से किसके लिए प्रयुक्त हुआ है? (पृ.सं. 172
|type="()"}
-गुप्तचरों के लिए
-न्यायाधीशों के लिए
-[[अमात्य|अमात्यों]] के लिए
+सन्देशवाहकों के लिए
{निम्नलिखित में से किस [[विदेशी यात्री]] ने [[राष्ट्रकूट|राष्ट्रकूटों]] के बारे में विवरण दिया है? (पृ.सं. 172
|type="()"}
-[[सुलेमान]]
+[[अलमसूदी]]
-मनूची
-[[जीन बैप्टिस्ट टॅवरनियर|टॅवरनियर]]
{'रसीदी टिकट' निम्नलिखित में से किसकी आत्मकथा है?(भारतकोश)
|type="()"}
+[[अमृता प्रीतम]]
-[[इस्मत चुग़ताई]]
-[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]
-[[प्रभा खेतान]]
{निम्नलिखित में से कौन '[[परमवीर चक्र]]' पाने वाले प्रथम व्यक्ति थे?(भारतकोश)
|type="()"}
-[[यदुनाथ सिंह]]
+[[सोमनाथ शर्मा]]
-[[अब्दुल हमीद]]
-[[अल्बर्ट एक्का]]
{[[हड़प्पा]] के नगर और कस्बे किस आकार के विशाल खंडों में विभाजित थे?(पृ.सं. 177
|type="()"}
-वर्गाकार
+आयताकार
-गोलाकार
-अर्द्ध गोलाकार
{किस क्रांतिकारी ने 'मेरे अंत समय का आश्रय- गीता' नामक कृति की रचना की?(भारतकोश)
|type="()"}
-भगत सिंह
-अश्विनी कुमार दत्त
+भाई परमानंद
-कोई नहीं
{'परमाणु ऊर्जा संस्थान', ट्रॉम्बे को [[होमी जहाँगीर भाभा|डॉ. भाभा]] के नाम पर 'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' नाम किसने दिया।
|type="()"}
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
-[[लालबहादुर शास्त्री]]
+[[इंदिरा गाँधी]]
-[[सरदार पटेल]]
||[[चित्र:Homi-Jehangir-Bhabha.jpg|right|100px|होमी जहाँगीर भाभा]]'होमी जहाँगीर भाभा' [[भारत]] के प्रमुख वैज्ञानिक थे, जिन्होंने देश के परमाणु उर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। जब [[होमी जहाँगीर भाभा]] 29 वर्ष के थे, तभी वे उपलब्धियों से भरे 13 वर्ष [[इंग्लैंड]] में बिता चुके थे। भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों को गति देने का प्रयास इन्हीं को जाता है। सन [[1966]] में डॉ. भाभा के अकस्मात निधन से देश को गहरा आघात पहुँचा। उनके द्वारा डाली गई मज़बूत नींव के कारण ही उनके बाद भी देश में परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम अनवरत विकास के मार्ग पर अग्रसर है। उनके उत्कृष्ट कार्यों के सम्मान स्वरूप तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गाँधी]] ने परमाणु ऊर्जा संस्थान, ट्रॉम्बे (AEET) को डॉ. भाभा के नाम पर 'भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र' नाम दिया था। आज यह अनुसंधान केन्द्र [[भारत]] का गौरव है और विश्व-स्तर पर परमाणु ऊर्जा के विकास में पथ प्रदर्शक हो रहा है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[होमी जहाँगीर भाभा]]
{निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य [[सिंधु घाटी]] के निवासियों की सामुद्रिक गतिविधियों से सम्बन्धित नहीं है? (पृ.सं. 180
|type="()"}
-[[लोथल]] में एक गोदी या डॉकयार्ड की खोज।
+एक मुहर पर जलयान का चित्र।
-ऐसी अनेक वस्तुओं की खोज जिनका देश में उत्पादन नहीं होता था अथवा जो देश में नहीं पाई जाती थीं।
-पश्चिमी एशियाई देशों के साथ हड़प्पाकालीन लोगों के वाणिज्यिक सम्बन्ध।
</quiz>
|}
|}
__NOTOC__

Latest revision as of 04:57, 22 November 2022