अखरावट -जायसी: Difference between revisions

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*अखरावट सृष्टि की रचना को वर्ण्य विषय बनाया गया है।  
'''अखरावट''' सृष्टि की रचना को वर्ण्य विषय बनाया गया है।  
*अखरावट के विषय में [[जायसी]] ने इसके काल का वर्णन कहीं नहीं किया है।  
*अखरावट के विषय में [[जायसी]] ने इसके काल का वर्णन कहीं नहीं किया है।  
*सैय्यद कल्ब मुस्तफा के अनुसार यह जायसी की अंतिम रचना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अखरावट [[पद्मावत]] के बाद लिखी गई होगी, क्योंकि जायसी के अंतिम दिनों में उनकी [[भाषा]] ज़्यादा सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित हो गई थी, इस रचना की भाषा ज़्यादा व्यवस्थित है।  
*सैय्यद कल्ब मुस्तफा के अनुसार यह जायसी की अंतिम रचना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अखरावट [[पद्मावत]] के बाद लिखी गई होगी, क्योंकि जायसी के अंतिम दिनों में उनकी [[भाषा]] ज़्यादा सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित हो गई थी, इस रचना की भाषा ज़्यादा व्यवस्थित है।  
*इसी में जायसी ने अपनी वैयक्तिक भावनाओं का स्पष्टीकरण किया है। इससे भी यही साबित होता है, क्योंकि कवि प्रायः अपनी व्यक्तित्व भावनाओं स्पष्टीकरण अंतिम में ही करता है।  
*इसी में जायसी ने अपनी वैयक्तिक भावनाओं का स्पष्टीकरण किया है। इससे भी यही साबित होता है, क्योंकि कवि प्रायः अपनी व्यक्तित्व भावनाओं स्पष्टीकरण अंतिम में ही करता है।  
*मनेर शरीफ़ से प्राप्त '''पद्मावत''' के साथ अखराखट की कई हस्तलिखित प्रतियों में इसका रचना काल दिया है।  
*[[मनेर शरीफ़]] से प्राप्त '''पद्मावत''' के साथ अखराखट की कई हस्तलिखित प्रतियों में इसका रचना काल दिया है।  
*'अखरावट' की हस्तलिखित प्रति पुष्पिका में जुम्मा 8 जुल्काद 911 हिजरी का उल्लेख मिलता है। इससे अखरावट का रचनाकाल 911 हिजरी या उसके आस पास प्रमाणित होता है।
*'अखरावट' की हस्तलिखित प्रति पुष्पिका में जुम्मा 8 जुल्काद 911 हिजरी का उल्लेख मिलता है। इससे अखरावट का रचनाकाल 911 हिजरी या उसके आस पास प्रमाणित होता है।


 
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Latest revision as of 09:56, 25 May 2013

अखरावट सृष्टि की रचना को वर्ण्य विषय बनाया गया है।

  • अखरावट के विषय में जायसी ने इसके काल का वर्णन कहीं नहीं किया है।
  • सैय्यद कल्ब मुस्तफा के अनुसार यह जायसी की अंतिम रचना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अखरावट पद्मावत के बाद लिखी गई होगी, क्योंकि जायसी के अंतिम दिनों में उनकी भाषा ज़्यादा सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित हो गई थी, इस रचना की भाषा ज़्यादा व्यवस्थित है।
  • इसी में जायसी ने अपनी वैयक्तिक भावनाओं का स्पष्टीकरण किया है। इससे भी यही साबित होता है, क्योंकि कवि प्रायः अपनी व्यक्तित्व भावनाओं स्पष्टीकरण अंतिम में ही करता है।
  • मनेर शरीफ़ से प्राप्त पद्मावत के साथ अखराखट की कई हस्तलिखित प्रतियों में इसका रचना काल दिया है।
  • 'अखरावट' की हस्तलिखित प्रति पुष्पिका में जुम्मा 8 जुल्काद 911 हिजरी का उल्लेख मिलता है। इससे अखरावट का रचनाकाल 911 हिजरी या उसके आस पास प्रमाणित होता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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