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| <quiz display=simple>
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| {'अजलानशाह हॉकी टूर्नामेंट' की मेजबानी कौन-सा देश करता है?
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| +[[मलेशिया]]
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| -[[चीन]]
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| -[[जापान]]
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| -[[भारत]]
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| ||[[चित्र:Malaysia-Flag.jpg|right|100px|मलेशिया का ध्वज]]'मलेशिया' दक्षिण-पूर्वी [[एशिया]] में स्थित एक संघ है। यह दक्षिण चीन सागर द्वारा दो भागों में विभाजित है। यह एक ऐसा देश है, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचने की पूरा क्षमता रखता है। [[16 सितम्बर]], [[1963]] ई. को मलाया प्रायद्वीप, [[सिंगापुर]], साबाह एवं सारावाक नामक ब्रिटिश उपनिवेशों के विलयन के फलस्वरूप [[मलेशिया]] गणतंत्र की स्थापना हुई थी। [[9 अगस्त]], [[1965]] ई. को आपसी समझौते द्वारा सिंगापुर मलेशिया से अलग हो गया एवं एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। मलेशिया दो हिस्सों में बँटा हुआ है। 'ईस्ट मलेशिया' और 'वेस्ट मलेशिया'। पूरे देश में कुल 13 राज्य और 3 संघीय प्रदेश हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मलेशिया]]
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| {'चिन्नास्वामी स्टेडियम' कहाँ स्थित है?
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| -[[दिल्ली]]
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| -[[कोलकाता]]
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| +[[बंगलोर]]
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| -[[चेन्नई]]
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| ||[[चित्र:Bull-Temple-Bangalore.jpg|right|80px|बुल मन्दिर, बंगलोर]]'बंगलोर' [[भारत]] का सातवाँ सबसे बड़ा शहर है। इसे "भारत का बगीचा" भी कहा जाता है। समुद्र तल से 949 मीटर की ऊँचाई पर [[कर्नाटक]] पठार की पूर्वी-पश्चिमी श्रृंखला सीमा पर स्थित यह शहर राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित है। [[बंगलोर]] के पुराने भाग में सघन इमारतें हैं, साथ ही आधुनिक उपनगर हैं, जिन्हें उत्तर तथा दक्षिण में जालीदार नमूने के अनुसार बनाया गया है। यहाँ के दर्शनीय स्थलों में 500 एकड़ में फैला 'कब्बन पार्क' है, जिसमें [[भारत]] के सबसे पुराने [[श्रेणी:संग्रहालय|संग्रहालयों]] में से एक स्थित हैं। आस-पास के क्षेत्र में [[कावेरी नदी|कावेरी]] और उसकी सहायक अर्कावती नदियाँ बहती हैं। [[बाजरा]] व [[तिलहन]] यहाँ की प्रमुख [[कृषि]] फ़सलें हैं तथा मवेशी व भेड़ पालन भी पर्याप्त मात्रा में होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंगलोर]]
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| {मानवजीत सिंह संधू किस खेल से सम्बंधित है?
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| -[[हॉकी]]
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| -[[तैराकी]]
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| -[[बिलियर्ड्स]]
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| +निशानेबाजी
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| {पेनल्टी स्ट्रोक शब्द किस खेल से सम्बंधित है?
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| |type="()"}
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| -[[क्रिकेट]]
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| +[[हॉकी]]
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| -[[टेबल टेनिस]]
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| -फ़ुटबॉल
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| ||[[चित्र:Hocky-and-Ball.jpg|right|100px|हॉकी स्टिक व गेंद]]'हॉकी' [[भारत]] का राष्ट्रीय खेल है। इसका प्रारम्भ [[वर्ष]] [[2010]] से 4,000 वर्ष पूर्व ईरान में हुआ था। इसके बाद बहुत से देशों में [[हॉकी]] का आगमन हुआ, किंतु इसे उचित स्थान नहीं मिल सका। अन्त में इसे भारत में विशेष सम्मान मिला और यह यहाँ का राष्ट्रीय खेल बन गया। मैदान के केंद्र से पास-बैक द्वारा, जिसमें एक खिलाड़ी अपनी टीम के अन्य खिलाड़ियों की ओर गेंद फेंकता है और गेंद पुनः उस तक पहुँचाई जाती है, से खेल प्रारंभ होता है। किसी को चोट लगने पर या तकनीकी कारण से खेल रुकने पर, दोनों दलों द्वारा क्रमशः एक-एक पेनल्टी करने पर या खिलाड़ियों के कपड़ों में गेंद के उलझने पर खेल को फिर से शुरू करने के लिए फ़ेस-ऑफ़ या बुली का प्रयोग किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हॉकी]]
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| {पहली बार आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन कहाँ पर हुआ था?
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| -[[लन्दन]]
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| -[[भारत]]
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| +[[यूनान]]
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| -[[चीन]]
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| ||[[चित्र:Olympics.jpg|right|100px|ओलम्पिक खेल]]प्राचीन काल में शांति के समय योद्धाओं के बीच प्रतिस्पर्धा के साथ खेलों का विकास हुआ था। दौड़, मुक्केबाजी, कुश्ती और रथों की दौड़ सैनिक प्रशिक्षण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हुआ करते थे। इनमें से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले योद्धा प्रतिस्पर्धी खेलों में अपना दमखम दिखाते थे। रोम के सम्राट थियोडोसिस ने इसे मूर्तिपूजा वाला उत्सव करार देकर इस पर प्रतिबंध लगा दिया। बाद के समय में पुरातन काल की इस परंपरा को [[फ़्राँस]] के अभिजात पुरुष 'बैरों पियरे डी कुवर्तेन' ने फिर से जीवित किया। कुवर्तेन मानते थे कि खेल युद्धों को टालने के सबसे अच्छे माध्यम हो सकते हैं। कुवर्तेन की इस परिकल्पना के आधार पर वर्ष [[1896]] में पहली बार आधुनिक [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] का आयोजन 'ग्रीस' ([[यूनान]]) की राजधानी एथेंस में हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ओलम्पिक खेल]], [[यूनान]]
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| {'[[लंदन ओलम्पिक 2012|लंदन ओलम्पिक-2012]]' में [[भारत]] ने कुल कितने पदक जीते थे?
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| -5
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| +6
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| -7
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| -4
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| ||[[चित्र:Sushil-Kumar.jpg|right|100px|सुशील कुमार पहलवान]]'ओलम्पिक खेल' अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है। [[ओलम्पिक खेल]] प्रत्येक चार [[वर्ष]] बाद विश्व के किसी प्रसिद्ध स्थान पर आयोजित किये जाते हैं। सन [[2008]] के ओलम्पिक खेल [[चीन]] के बीजिंग में तथा सन [[2012]] के ओलंपिक खेल [[ब्रिटेन]] के [[लंदन]] में आयोजित किए गए थे। [[लंदन ओलम्पिक 2012|लंदन ओलम्पिक, 2012]] में [[भारत]] ने कुल 6 पदक जीते थे, जिसमें 2 रजत और 4 कांस्य पदक शामिल हैं। पदकों की संख्या के हिसाब से यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत इस प्रतियोगिता में 55वें नम्बर पर रहा। पदक तालिका में अमेरिका शीर्ष पर रहा जिसने 104 पदक जीते। इनमें 46 स्वर्ण, 29 रजत और 29 कांस्य शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ओलम्पिक खेल]]
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| {महिला मुक्केबाज़ [[मैरी कॉम]] को [[2009]] में सर्वोच्च खेल सम्मान '[[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]' किन दो खिलाड़ियों के साथ संयुक्त रूप से दिया गया?
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| |type="()"}
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| +[[विजेन्द्र कुमार सिंह|विजेन्द्र कुमार]] तथा [[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]]
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| -[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] तथा [[विश्वनाथन आनंद]]
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| -[[माइकल फ़रेरा]] तथा [[विजेन्द्र कुमार सिंह|विजेन्द्र कुमार]]
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| -[[विजय अमृतराज]] तथा [[विश्वनाथन आनंद]]
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| ||[[चित्र:Mary-Kom.jpg|right|100px|मेरी कॉम]]'मैरी कॉम' [[भारत]] की प्रसिद्ध महिला मुक्केबाज़ हैं, जो [[मणिपुर|मणिपुर राज्य]] से हैं। इनका पूरा नाम "मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम" है। [[मैरी कॉम]] ने वर्ष [[2001]] में पहली बार 'नेशनल वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप' जीती थी। मुक्केबाजी की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष [[2003]] में उन्हें '[[अर्जुन पुरस्कार]]' से नवाजा एवं वर्ष [[2006]] में उन्हें '[[पद्म श्री]]' से सम्मानित किया गया। [[29 जुलाई]], [[2009]] को वे भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान '[[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]' के लिए मुक्केबाज [[विजेन्द्र कुमार सिंह|विजेन्द्र कुमार]] तथा [[सुशील कुमार पहलवान|पहलवान सुशील कुमार]] के साथ संयुक्त रूप से चुनीं गयी थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैरी कॉम]], [[विजेन्द्र कुमार सिंह|विजेन्द्र कुमार]], [[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]]
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| {'विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप' में [[भारत]] के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम पहलवान का नाम है-
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| |type="()"}
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| -रमेश कुमार
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| +[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]]
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| -विशंभर सिंह
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| -उपरोक्त में से कोई नहीं
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| ||[[चित्र:Sushil-Kumar-2.jpg|right|100px|सुशील कुमार]]सुशील कुमार 'विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप' में स्वर्ण पदक जीतने वाले [[भारत]] के पहले पहलवान हैं। 'बीजिंग ओलम्पिक्स' में कांस्य पदक जीतने वाले [[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] ने [[12 सितम्बर]], [[2010]] को मॉस्को में 'विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप' में फ़्रीस्टाइल में 66 कि.ग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर [[इतिहास]] बनाया। यद्यपि विश्व कुश्ती में [[भारत]] ने रजत व कांस्य पदक पूर्व वर्षों में भी जीता है। सुशील कुमार से पूर्व भारत के रमेश कुमार ने सितम्बर, [[2009]] में डेनमार्क के हर्निंग में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक तथा विशंभर सिंह ने [[1967]] में 'विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप' में रजत पदक जीता था। भारतीय रेलवे में कार्यरत सुशील कुमार को उनकी इस उपलब्धि के लिए 10 लाख रुपये का पुरस्कार रेलवे ने दिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]]
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| {वर्ष [[1928]] में 'एमस्टर्डम ओलम्पिक' में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान कौन थे?
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| -[[ध्यानचन्द]]
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| +[[जयपाल सिंह]]
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| -धनराज पिल्ले
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| -गगन नारंग
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| {आधिकारिक रूप से 'अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मैच' कब से शुरू हुए?
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| |type="()"}
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| -[[1871]]
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| -[[1866]]
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| -[[1870]]
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| +[[1877]]
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| ||[[चित्र:Sachin-Tendulkar-4.jpg|right|80px|सचिन तेन्दुलकर]][[क्रिकेट]] एक बल्ले व [[गेंद (क्रिकेट)|गेंद]] से ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ियों के दो दलों के बीच एक बड़े मैदान में खेला जाने वाला खेल है। मुख्यतः यह एक बाहरी (आउटडोर) खेल है, जिसके कुछ मुक़ाबले कृत्रिम प्रकाश (फ्लड लाइट्स) की रौशनी में भी खेले जाते हैं। क्रिकेट के खेल का इतिहास 16वीं शताब्दी से आज तक अत्यन्त विस्तृत रूप में विद्यमान है। पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1844 के बाद खेला गया, यद्यपि आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट क्रिकेट मैच]] [[1877]] से प्रारम्भ हुए। इस समय से यह खेल मूल रूप से [[इंग्लैंड]] में विकसित हुआ, जो कि अब पेशेवर रूप में अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों में खेला जाता है। [[इंग्लैंड]], [[ऑस्ट्रेलिया]], [[भारत]], [[श्रीलंका]], [[पाकिस्तान]], न्यूजीलैंड, जिम्वावे आदि देशों में [[क्रिकेट]] बहुत खेला जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[टेस्ट क्रिकेट]]
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| {[[पूर्वी भारत]] और [[बांग्लादेश]] में किस खेल को "हा-दो-दो" के नाम से जाना जाता है?
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| |type="()"}
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| -कुश्ती
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| +[[कबड्डी]]
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| -[[तैराकी]]
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| -[[खो-खो]]
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| ||[[चित्र:Kabaddi-6.JPG|right|100px|कबड्डी मैच का दृश्य]]'कबड्डी' एक सामूहिक खेल है, जो प्रमुख रूप से [[भारत]] में खेला जाता है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: [[उत्तर भारत]] में किया जाता है। इस खेल को [[दक्षिण भारत]] में 'चेडुगुडु' और पूरब में 'हु तू तू' के नाम से जानते हैं। भारत के साथ पड़ोसी देशों में भी कबड्डी खेली जाती है। विभिन्न क्षेत्रों में इसके अलग-अलग नाम हैं, जैसे- [[पश्चिमी भारत]] में 'हु-तू-तू', [[पूर्वी भारत]] और [[बांग्लादेश]] में 'हा-दो-दो'; [[श्रीलंका]] में 'गुड्डु' और थाईलैंण्ड में 'थीचुब'। यद्यपि यह खेल थोड़ी भिन्नता के साथ खेला जाता है, पर शत्रु क्षेत्र में आक्रमण का मूलतंत्र सभी में समान रहता है। इस खेल में एक खिलाड़ी द्वारा विरोधी दल के पाले (क्षेत्र) में 'कबड्डी,कबड्डी' या 'हु-तू-तू' दोहराया जाता है। विरोधी दल के खिलाड़ियों को छूने के प्रयास में तेज़ी से घूमता है और वापस अपने पाले (क्षेत्र) में आ जाता है; यह सभी एक ही साँस में और विरोधियों की गिरफ़्त से बचकर होना चाहिए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबड्डी]]
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| {निम्न में से किस खेल को 'पूना' के नाम से भी जाना जाता है?
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| |type="()"}
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| +[[बैडमिंटन]]
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| -[[टेबल टेनिस]]
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| -[[स्नूकर]]
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| -[[बास्केटबॉल]]
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| ||[[चित्र:Racket-Shuttlecock.jpg|right|100px|शटलकॉक और रैकेट]]'बैडमिंटन' रैकेट से खेला जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय खेल है। [[बैडमिंटन]] महान उत्साह और रोमांच का खेल है, क्योंकि एक छोटी-सी चिड़िया या शटलकॉक एक मैच में जीत या हार के बिंदु के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। बैडमिंटन खेल को 'पूना' के नाम से भी जाना जाता है। इस खेल की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। सन् [[1860]] में यह खेल सर्वप्रथम 'बैडमिंटन हाउस' में प्रस्तुत किया गया, जहाँ इस खेल को अधिकारिक रूप से '[[बैडमिंटन]]' का नाम दिया गया। सन् [[1887]] तक यह खेल [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार [[इंग्लैंड]] में खेला जाता रहा। 'बैडमिंटन एसोशिएसन ऑफ़ इंग्लैंड' ने सन् [[1893]] में बैडमिंटन खेलने के नियम बनाए और [[1899]] में विश्व की पहली चैम्पियनशिप 'ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप' की शुरुआत की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बैडमिंटन]]
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| {निम्न खिलाड़ियों में से कौन 'सनी डेज़' नामक पुस्तक का लेखक है?
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| |type="()"}
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| -[[रवि शास्त्री]]
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| -[[कपिल देव]]
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| +[[सुनील गावस्कर]]
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| -[[सी. के. नायडू]]
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| ||[[चित्र:Sunil-Gavaskar-2.jpg|right|80px|सुनील गावस्कर]]सुनील गावस्कर वर्तमान युग में [[क्रिकेट]] के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। [[सुनील गावस्कर]] के बारे में एक आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि वह अपने शरीर को हष्ट-पुष्ट और ठीक-ठाक रखने के लिए क्रिकेट के मैदान से सीधे [[बैडमिंटन]] के मैदान में पहुँच जाते हैं। पुस्तकें पढ़ने और [[संगीत]] सुनने का उन्हें बहुत शौक़ है। उन्होंने स्वयं भी 'सनी डेज़' नामक एक पुस्तक लिखी है और हमेशा लोगों से क्रिकेट की शब्दावली में बात करते हैं। [[सुनील गावस्कर]] विश्व क्रिकेट में 10,000 रन और 30 शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज़ थे। [[भारत]] में सुनील गावस्कर को वर्ष [[1975]] में '[[अर्जुन पुरस्कार]]' एवं [[1980]] में '[[पद्म भूषण]]' प्राप्त हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनील गावस्कर]]
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| {[[कपिल देव]] ने अपना पहला [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट क्रिकेट मैच]] कहाँ पर खेला था?
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| |type="()"}
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| -[[ऑस्ट्रेलिया]]
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| -[[इंग्लैण्ड]]
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| +[[पाकिस्तान]]
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| -[[हैदराबाद]]
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| ||[[चित्र:Kapil-Dev.jpg|right|100px|कपिल देव]]'कपिल देव' [[भारत]] के प्रथम [[क्रिकेट]] विश्व कप विजेता दल के कप्तान एवं सफलतम हरफनमौला खिलाड़ी हैं। उनका खेल और उनके आँकड़े इस बात के प्रमाण हैं कि वे एक श्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी हैं। [[कपिल देव]] ने सन् [[1978]] में [[पाकिस्तान]] में प्रथम [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट मैच]] खेला था। वे [[गेंद (क्रिकेट)|गेंद]] को सही दिशा देने में माहिर थे। भारतीय क्रिकेट दल में मध्यम तीव्र गति के एक गेंदबाज़ की कमी को उन्होंने बहुत हद तक दूर कर दिया था। कपिल अपनी प्रभावशाली मध्यम गति की गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी से विश्व के सफलतम हरफनमौला (आलराउंडर) बने। वे [[इंग्लैंड]] के [[क्रिकेट]] खिलाड़ी इयान बॉथम के बाद विश्व के ऐसे दूसरे आलराउंडर हैं, जिन्होंने 83 मैचों में 300 विकेट लेकर तथा 3000 से अधिक रन बनाकर दोहरी सफलता प्राप्त की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कपिल देव]]
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| {वर्ष [[2001]] में [[भारत]] के लिए 'ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप' किस खिलाड़ी ने जीती?
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| |type="()"}
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| -[[विजय अमृतराज]]
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| -[[प्रकाश पादुकोण]]
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| +[[पुलेला गोपीचंद]]
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[चित्र:Pullela Gopichand.jpg|right|100px|पुलेला गोपीचंद]]'पुलेला गोपीचंद' ने वर्ष [[1991]] से [[भारत]] के लिए [[बैडमिंटन]] खेलना आरम्भ किया था। उन्होंने कई टूर्नामेंट में विजय हासिल कर भारत को गौरवांवित किया है। [[प्रकाश पादुकोण]] के रिटायर होने के पश्चात, जब भारत में कोई उत्तम [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी बचा ही नहीं था, तब [[पुलेला गोपीचंद]] का आगमन हुआ था, जिसमें बैडमिंटन की असीम संभावनाएँ दिखाई दीं। अतः प्रकाश पादुकोण के बाद आगे बढ़ कर चमकने वाले बैंडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद ही है। [[11 मार्च]], [[2001]] को 'ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप' जीत कर [[भारत]] के स्टार शटलर पुलेला गोपीचंद ने भारतीय खेल जगत में एक नया [[इतिहास]] लिख डाला। इससे 21 वर्ष पूर्व प्रकाश पादुकोण ने भारत में बैडमिंटन की ऊँचाइयों को छुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पुलेला गोपीचंद]]
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| </quiz>
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