लाल रक्त कोशिका: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Red-and-White-Blood-Cells.jpg|thumb|250px|लाल तथा [[श्वेत रक्त कोशिका|श्वेत रक्त कोशिकाएँ]]]] | [[चित्र:Red-and-White-Blood-Cells.jpg|thumb|250px|लाल तथा [[श्वेत रक्त कोशिका|श्वेत रक्त कोशिकाएँ]]]] | ||
'''लाल रक्त कोशिका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Red Blood Cells'' or '' | '''लाल रक्त कोशिका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Red Blood Cells'' or ''RBCs'') [[मानव शरीर]] में [[रक्त]] की सबसे प्रमुख [[कोशिका]] है। यह कोशिकाएँ रीढ़धारी प्राणियों के श्वसन अंगों से [[ऑक्सीजन]] लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। | ||
*इन कोशिकाओं में केन्द्रक अनुपस्थित होता है। | *इन कोशिकाओं में केन्द्रक अनुपस्थित होता है। | ||
Line 6: | Line 6: | ||
*इनकी कमी से '[[रक्त क्षीणता|रक्ताल्पता]]' (एनिमिया) का रोग हो जाता है। | *इनकी कमी से '[[रक्त क्षीणता|रक्ताल्पता]]' (एनिमिया) का रोग हो जाता है। | ||
*लाल रक्त कोशिका की आयु कुछ दिनों से लेकर 120 दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थिमज्जा में इनका उत्पादन भी होता रहता है। | *लाल रक्त कोशिका की आयु कुछ दिनों से लेकर 120 दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थिमज्जा में इनका उत्पादन भी होता रहता है। | ||
*इन कोशिकाओं के बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में रुधिर की कमी नहीं हो पाती। | *इन कोशिकाओं के बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में [[रुधिर]] की कमी नहीं हो पाती। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
Latest revision as of 14:41, 16 December 2014
[[चित्र:Red-and-White-Blood-Cells.jpg|thumb|250px|लाल तथा श्वेत रक्त कोशिकाएँ]] लाल रक्त कोशिका (अंग्रेज़ी: Red Blood Cells or RBCs) मानव शरीर में रक्त की सबसे प्रमुख कोशिका है। यह कोशिकाएँ रीढ़धारी प्राणियों के श्वसन अंगों से ऑक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का कार्य करती हैं।
- इन कोशिकाओं में केन्द्रक अनुपस्थित होता है।
- लाल रक्त कोशिकाएँ श्वसन अंगों से ऑक्सीजन लेकर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का कार्य करती हैं।
- इनकी कमी से 'रक्ताल्पता' (एनिमिया) का रोग हो जाता है।
- लाल रक्त कोशिका की आयु कुछ दिनों से लेकर 120 दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थिमज्जा में इनका उत्पादन भी होता रहता है।
- इन कोशिकाओं के बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में रुधिर की कमी नहीं हो पाती।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख