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| ==भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन==
| | <gallery> |
| {| width=100% class="wikitable" border="1"
| | चित्र:Fountain-Pen.jpg |
| |-
| | चित्र:Fountain-Pen-1.jpg |
| !क्रम
| | चित्र:Fountain-Pen-2.jpg |
| !ईसवी/वर्ष
| | चित्र:Fountain-Pen-3.jpg |
| !विवरण
| | चित्र:Bricks.jpg |
| |-
| | </gallery> |
| |1
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| |7000 ई.पू.
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| |[[राजस्थान]] (साम्भर) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य।
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| |2
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| |6000 ई.पू.
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| |मेहरगढ़ ([[सिंध प्रांत|सिंध]]-[[बलूचिस्तान]] सीमा), बुर्जहोम ([[कश्मीर]]) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष।
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| |-
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| |3
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| |5000–4000 ई.पू.
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| |बागोर (भीलवाड़ा) तथा आदमगढ़ (होशंगाबाद) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष।
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| |-
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| |4
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| |4000–3000 ई.पू.
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| |खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ।
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| |-
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| |5
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| |2500 ई.पू.
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| |सिंधु घाटी में पूर्व-[[हड़प्पा]] सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष।
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| |-
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| |6
| |
| |2500–1750 ई.पू.
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| |रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार।
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| |-
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| |7
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| |2250–2000 ई.पू.
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| |[[हड़प्पा]] सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय।
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| |-
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| |8
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| |1500 ई.पू.
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| |भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, गंगा मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता।
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| |-
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| |9
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| |1000 ई.पू.
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| |आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, '[[ब्राह्मण ग्रन्थ|ब्राह्मण ग्रन्थों]]' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ।
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| |-
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| |10
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| |950 ई.पू.
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| |[[महाभारत]] का युद्ध।
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| |-
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| |11
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| |800 ई.पू.
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| |महर्षि [[व्यास]] के द्वारा [[महाभारत]] महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व ([[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]) की ओर विस्तार, [[रामायण]] का प्रथम वृत्तान्त।
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| |-
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| |12
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| |600–550 ई.पू.
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| |उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित।
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| |-
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| |13
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| |563–483 ई.पू.
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| |[[बौद्ध धर्म]] के संस्थापक [[गौतम बुद्ध]] की जीवन काल, जन्म-[[लुम्बिनी]], मृत्यु-[[कुशीनगर]]।
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| |-
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| |14
| |
| |599–257 ई.पू.
| |
| |[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-कुन्डग्राम, [[वैशाली]]), मृत्यु-[[पावापुरी]], [[कुशीनगर]]।
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| |-
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| |15
| |
| |544–492 ई.पू.
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| |[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार (हर्यक वंश) का राज्यकाल, [[मगध]] राज्य की श्रेष्ठता।
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| |-
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| |16
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| |517–509 ई.पू.
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| |हखमनी वंश ([[ईरान]]) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा [[सिन्धु नदी]] पर गवेषण अभियान।
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| |-
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| |17
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| |492–460 ई.पू.
| |
| |[[बिम्बिसार]] के पुत्र [[अजातशत्रु]] का राज्यकाल।
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| |-
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| |18
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| |412–344 ई.पू.
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| |शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का [[मगध]] साम्राज्य में विलय।
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| |-
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| |19
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| |400 ई.पू.
| |
| |सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः [[श्रीलंका]] तक विस्तार। (दक्षिण भारत)
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| |-
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| |20
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| |344 ई.पू.
| |
| |महापद्मनन्द द्वारा [[मगध]] में [[नंदवंश]] की स्थापना।
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| |-
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| |21
| |
| |326 ई.पू.
| |
| |[[नंदवंश|नंद वंशी]] राजा [[घनानंद]] की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर [[सिकन्दर]] के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु।
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| |-
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| |22
| |
| |322 ई.पू.
| |
| |[[चंद्रगुप्त मौर्य]] द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक [[घनानंद]] को पराजित कर [[मौर्य वंश]] की स्थापना।
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| |-
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| |23
| |
| |315 ई.पू.
| |
| |इण्डिका के लेखक तथा [[सेल्युकस]] (यूनानी शासक) के दूत [[मेगस्थनीज]] का भारत में आगमन।
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| |-
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| |24
| |
| |298–273 ई.पू.
| |
| |[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] के पुत्र [[बिन्दुसार]] का राज्य काल।
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| |-
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| |25
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| |273–232 ई.पू.
| |
| |[[अशोक]] का शासनकाल, [[मौर्यवंश]] का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा [[कलिंग]] विजय (262-61)।
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| |-
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| |26
| |
| |185 ई.पू.
| |
| |अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति [[पुष्यमित्र शुंग]] द्वारा [[शुंग वंश]] की स्थापना।
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| |-
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| |27
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| |190–171 ई.पू.
| |
| |यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल।
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| |-
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| |28
| |
| |165 ई.पू.
| |
| |[[कलिंग]] शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।
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| |-
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| |29
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| |155–130 ई.पू.
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| |सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल।
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| |-
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| |30
| |
| |145 ई.पू.
| |
| |चोल राजा एलारा की [[श्रीलंका]] के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।
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| |-
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| |31
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| |128 ई.पू.
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| |यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में पंजाब से प्रवेश।
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| |-
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| |32
| |
| |71 ई.पू.
| |
| |[[शुंग वंश]] के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, [[वसुदेव]] के द्वारा कण्व वंश की स्थापना।
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| |-
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| |33
| |
| |60 ई.पू.
| |
| |[[आंध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में सिमुक द्वारा [[सातवाहन वंश]] की स्थापना।
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| |-
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| |34
| |
| |58 ई.पू.
| |
| |[[उज्जैन]] के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ।
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| |-
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| |35
| |
| |50 ई.पू.
| |
| |'''दक्षिण भारत''' (दक्कन) में [[सातवाहन वंश]] शुरू।
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| |-
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| |36
| |
| |22 ई.पू.
| |
| |[[रोम]] के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।
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| |-
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| |37
| |
| |14–13 ई.
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| |[[शक]] (हिन्द-पार्थियन) शासक गोंडोफर्नीज का शासन, ईसाई धर्म प्रचार हेतु रोमन संत सेंट टामस का भारत में आगमन।
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| |-
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| |38
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| |15 ई.
| |
| | [[कुषाण|कुषाणों]] (यू-ची का तोचारियन) का भारत में प्रवेश।
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| |-
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| |39
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| |64 ई.
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| |उत्तर-पश्चिमी भारत में [[शक]] विम कडफिसस का राज्य।
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| |-
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| |40
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| |78 ई.
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| |[[कुषाण वंश]] के महानतम शासक [[कनिष्क]] का राज्यारोहण, उसके द्वारा [[शक संवत]] का प्रारम्भ।
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| |-
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| |41
| |
| |78–101
| |
| |[[कनिष्क]] का शासनकाल, चौथी [[बौद्ध]] संगति का ([[कश्मीर]] में) आयोजन।
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| |-
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| |42
| |
| |100 ई.
| |
| |[[अश्वघोष]] द्वारा 'सौन्दरानन्द' तथा '[[बुद्धचरित]]' एवं 'कुमारलाट' के द्वारा 'कल्पमंदितिका' की रचना।
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| |-
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| |43
| |
| |100–200 ई.
| |
| |संगम युग, करिकाल का शासन (त्रिचरापल्लि के निकट [[कावेरी नदी]] पर सिंचाई बाँध का निर्माण)। (दक्षिण भारत)
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| |-
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| |44
| |
| |109–132 ई.
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| |महानतम सातवाहन शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी द्वारा राज्य विस्तार।
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| |-
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| |45
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| |150 ई.
| |
| |बघेलखण्ड, [[वाराणसी]] तथा आगे चलकर [[मथुरा]] तक के क्षेत्र में भारशिव नागाओं की विभिन्न शाखाओं का राज्य।
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| |-
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| |46
| |
| |200–250 ई.
| |
| | सातवाहनों का पतन, [[महाराष्ट्र]] में आभीर, उत्तरी कनारा तथा मैसूर ज़िलों में कुन्तल और कटु, [[आन्ध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में [[इक्ष्वाकु]] तथा [[विदर्भ]] में वाकाटकों की सत्ता स्थापित।
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| |-
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| |47
| |
| |300–888 ई.
| |
| |[[कांची]] में पल्लवों का शासनकाल। (दक्षिण भारत)
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| |-
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| |48
| |
| |225 ई.
| |
| |विंध्यशक्ति द्वारा वाकाटक शासन की स्थापना, अगले 272 वर्षों तक इस वंश का शासन।
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| |-
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| |49
| |
| |250 ई.
| |
| |[[नासिक]] में आभीरों द्वारा त्रैकुटकर वंश की स्थापना, अगले 250 वर्षों तक इस वंश का शान।
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| |-
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| |50
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| |320–335 ई.
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| |चन्द्रगुप्त प्रथम ने [[गुप्त वंश]] को स्थापित किया।
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| |-
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| |51
| |
| |325 ई.
| |
| |कृष्णा नदी के दक्षिण में पल्लव वंशी राज्य की स्थापना।
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| |-
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| |52
| |
| |335–376 ई.
| |
| |समुद्र गुप्त का शासनकाल।
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| |-
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| |53
| |
| |330–375 ई.
| |
| |सम्पूर्ण उत्तर भारत में [[समुद्रगुप्त]] का शासन। पूर्व में [[असम]], पश्चिम में [[काबुल]], उत्तर में [[नेपाल]] तथा दक्षिण में पल्लवों तक, केवल [[उज्जैन]] स्वतंत्र (शक वंश के अधीन)।
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| |-
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| |54
| |
| |350 ई.
| |
| |मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विद्यमान रहा।
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| |-
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| |55
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| |375–413 ई.
| |
| |चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा [[उज्जैन]], [[मालवा]] तथा [[गुजरात]] पर विजय, राजधानी [[पाटलिपुत्र]] से [[अयोध्या]] और तत्पश्चात कौशाम्बी स्थानान्तरित, चीनी यात्री [[फाह्यान]] का [[भारत]] आगमन।
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| |-
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| |56
| |
| |415–454 ई.
| |
| |कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल, [[नालन्दा]] में बौद्ध विहार तथा विश्वविद्यालय की स्थापना, हुणों के आक्रमण का ख़तरा।
| |
| |-
| |
| |57
| |
| |455–467 ई.
| |
| |स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का भारत पर प्रथम आक्रमण तथा उनकी पराजय।
| |
| |-
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| |58
| |
| |477–496 ई.
| |
| |बुद्धगुप्त-[[गुप्तवंश]] का अन्तिम सम्राट, गुप्तवंश का विघटन प्रारम्भ।
| |
| |-
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| |59
| |
| |490–766 ई.
| |
| |सौराष्ट्र के बल्लभी क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन। (पश्चिम भारत)
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| |-
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| |60
| |
| |500–502 ई.
| |
| |हूणों के प्रथम शासक तोरमण द्वारा भारत में राज्य स्थापना तथा मध्यवर्ती भाग (मालवा में एरण) तक उसका विस्तार।
| |
| |-
| |
| |61
| |
| |500–757 ई.
| |
| |पश्चिम तथा मध्य दक्कन में वातापी का प्रथम [[चालुक्य वंश]]। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
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| |62
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| |502–528 ई.
| |
| |तोरमण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल भारत में गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा पराजित, एरन पर गुप्तवंश का पुनः अधिकार, (510)।
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| |-
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| |63
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| |533 ई.
| |
| |[[मंदसौर]] के यशोधर्मन की मिहिरकुल पर विजय।
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| |-
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| |64
| |
| |540 ई.
| |
| |परवर्ती गुप्त तथा गुप्त वंश की मुख्य शाखा का अन्त।
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| |-
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| |65
| |
| |550–861 ई.
| |
| |मध्य राजपूताना में मध्य एशिया में आये हुए गुर्जर खानाबदोश दलों का शासन स्थापित। (पश्चिम भारत)
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| |-
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| |66
| |
| |600–1200 ई.
| |
| |मौखरी वंश के शासक यशोवर्मन की मृत्यु (752), उत्तर, मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों के द्वारा स्वतंत्रता की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय, बंगाल में गौड़, खंग, वर्मन, [[पाल वंश|पाल]] तथा सेन वंश, [[उज्जैन]] में गुर्जर-प्रतिहार, [[कन्नौज]] में प्रतिहार, [[उड़ीसा]] में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी [[गंग वंश]], [[असम]] में भास्कर वर्मा, [[गुजरात]] में [[चालुक्य वंश|चालुक्य]], धारा में परमार, नर्मदा-त्रिपुरी तथा उत्तर प्रदेश में कलचुरी, [[राजस्थान]] में चाहमान (चौहान), [[बुंदेलखण्ड]] में चंदेल, [[कन्नौज]] में गहड़वाल, [[कश्मीर]] में कार्कोट, उत्पल तथा लोहार, [[अफ़ग़ानिस्तान]]- [[पंजाब]] में हिन्दूशाही वंश।
| |
| |-
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| |67
| |
| |606–647 ई.
| |
| |हर्ष (पुष्यभुति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल। चीनी बौद्ध यात्री [[ह्वेन त्सांग]] का भारत आगमन (630-44), [[बाणभट्ट]] ने 'हर्षचरित' की रचना की।
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| |-
| |
| |68
| |
| |630–970 ई.
| |
| |पूर्वी दक्कन में वेंगी के पूर्वी चालुक्यों का शासनकाल। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
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| |69
| |
| |636–637 ई.
| |
| |ख़लीफ़ा उमर के समय में अरबों का भारत पर पहला अभिलिखित हमला। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |70
| |
| |643 ई.
| |
| |चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] की [[चीन]] वापसी। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
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| |71
| |
| |647 ई.
| |
| |[[तिब्बत]] से [[कन्नौज]] आते हुए ह्वेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत के द्वारा हमला। [[हर्षवर्धन]] की मृत्यु, [[ह्वेन त्सांग|ह्वेनसांग]] पर हमला। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |72
| |
| |674 ई.
| |
| |विक्रमादित्य प्रथम चालुक्य और परमेश्वर वर्मा प्रथम पल्लव शासक बने। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |73
| |
| |675–685 ई.
| |
| |तीसरे चीन यात्री इत्सिंग का [[नालन्दा]] आवास। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
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| |74
| |
| |700 ई.
| |
| |[[कन्नौज]] में यशोवर्मन (मौखरी वंश) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार भवभूति तथा प्राकृत कवि वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण।
| |
| |-
| |
| |75
| |
| |700–900 ई.
| |
| |दक्षिण भारत में आलवारों ([[वैष्णव]]) का भक्ति आंदोलन, भक्ति संग्रह 'प्रबंधम्' की रचना। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |76
| |
| |712 ई.
| |
| |मुहम्मद बिन क़ासिम के नेतृत्व में भारत पर प्रथम अरब आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन। (पश्चिम भारत), मुहम्मद बिन क़ासिम का सिन्ध पर आक्रमण, देवलगढ़ विजय, निरुन की लड़ाई में हिन्दू राजा दाहिर की मृत्यु, क़ासिम की ब्राह्मणाबाद पर विजय।
| |
| |-
| |
| |77
| |
| |730 ई.
| |
| |[[कन्नौज]] में मौखरी शासक यशोवर्मन सिंहासनरुढ़।
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| |-
| |
| |78
| |
| |753–774 ई.
| |
| |ख़लीफ़ा मंसूर के काल में [[ब्रह्मगुप्त]] के 'ब्रह्म सिद्धान्त' तथा 'खण्डनखाड्य' का अल्फ़जारी द्वारा [[अरबी भाषा|अरबी]] में अनुवाद।
| |
| |-
| |
| |79
| |
| |757–973 ई.
| |
| |मान्यखेत में राष्ट्रकूटों का शासनकाल। (दक्षिण भारत)
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| |-
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| |80
| |
| |740–1036 ई.
| |
| |उत्तर भारत में गुर्जर-प्रतिहारों का आधिपत्य, अरबों का प्रतिरोध। (उत्तरी भारत)
| |
| |-
| |
| |81
| |
| |746–974 ई.
| |
| |छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर क़बीले द्वारा 746 के आसपास अन्हिलपुर (आनन्दपुर) की स्थापना, जो 15वीं शती तक पश्चिम भारत का प्रमुख नगर रहा। (पश्चिम भारत)
| |
| |-
| |
| |82
| |
| |786–808 ई.
| |
| |ईरानी शासक ख़लीफ़ा हारून-अल-रशीद का शासनकाल, बरमस्क (एक मन्त्री) द्वारा भारत के अनेक वैद्यों, ज्योतिषियों, रसायनशास्त्रियों, विचारकों को बगदाद बुलाकर उनसे इन विषयों के अनेक ग्रन्थों का [[अरबी भाषा|अरबी]] में अनुवाद करवाया।
| |
| |-
| |
| |83
| |
| |824–924 ई.
| |
| |[[वैष्णव]] भक्तिकाल।
| |
| |-
| |
| |84
| |
| |831–1310 ई.
| |
| |चन्देलों द्वारा [[बुंदेलखण्ड]] में स्वतंत्र राज्य की स्थापना, अनेक [[विष्णु]] मन्दिरों और खजुराहों के मन्दिरों का भी निर्माण। (पश्चिम भारत)
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| |-
| |
| |85
| |
| |840–890 ई.
| |
| |[[सतलुज नदी|सतलुज]] से [[नर्मदा नदी]] तक मिहिरभोज या भोज का शासन। (पश्चिम भारत)
| |
| |-
| |
| |86
| |
| |950–1200 ई.
| |
| |इंदौर के पास धारा में परमारों का राज्य, जिनमें मुंज (974-994) तथा भोज प्रसिद्ध राजा हुए, भोज ज्योतिष, काव्यशास्त्र, वास्तुकला तथा संस्कृति का विद्वान था। (पश्चिम भारत)
| |
| |-
| |
| |87
| |
| |973–1189 ई.
| |
| |कल्याणी का द्वितीय [[चालुक्य वंश]]। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |88
| |
| |974–1240 ई.
| |
| |चालुक्यों का अन्हिलपुर, सौराष्ट्र तथा [[माउंट आबू|आबू]] क्षेत्र में प्रभुत्व, चालुक्य शासक मूलराज का शासन काल (974-995)। (पश्चिम भारत)
| |
| |-
| |
| |89
| |
| |985–1014 ई.
| |
| |चोल शासक राजराज का शासनकाल, भूमि-सर्वेक्षण का प्रारम्भ (1000 ई.)। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |90
| |
| |986–87 ई.
| |
| |खुरासनी शासक अलप्तगीन के ग़ुलाम सुबुक्तगीन का [[काबुल]]-कंधार में हिन्दूशाही शासक जयपाल पर प्रथम आक्रमण, जयपाल पराजित।
| |
| |-
| |
| |91
| |
| |997–998 ई.
| |
| |सुबुक्गीन की मृत्यु, [[महमूद गजनवी]] खुरासन की गद्दी पर बैठा।
| |
| |-
| |
| |92
| |
| |999 ई.
| |
| |बगदाद के ख़लीफ़ा द्वारा [[महमूद गजनवी]] को स्वतुत्र शासक के रूप में मान्यता।
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| |-
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| |93
| |
| |1000 ई.
| |
| |[[महमूद गजनवी]] का भारत पर ([[काबुल]] में) प्रथम आक्रमण, स्थानीय जनता पर लूट तथा धर्म परिवर्तन।
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| |-
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| |94
| |
| |1002 ई.
| |
| |[[महमूद गजनवी]] का तीसरा आक्रमण, आनन्दपाल से युद्ध तथा उसकी पराजय।
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| |-
| |
| |95
| |
| |1010 ई.
| |
| |आनन्दपाल अपमानजनक शर्तों पर [[महमूद गजनवी]] का सामंत बना।
| |
| |-
| |
| |96
| |
| |1011–1012 ई.
| |
| |महमूद का थानेश्वर पर हमला, उत्तर-पश्चिम भारत में हिन्दूशाही के छोटे-बड़े सभी राज्य ध्वस्त।
| |
| |-
| |
| |97
| |
| |1013 ई.
| |
| |आनन्दपाल की मृत्यु, पुत्र त्रिलोचनपाल उत्तराधिकारी बना।
| |
| |-
| |
| |98
| |
| |1014 ई.
| |
| |तोषी की लड़ाई में त्रिलोचनपाल परास्त, झेलम तक का क्षेत्र गजनवी के राज्य में सम्मिलित।
| |
| |-
| |
| |99
| |
| |1014–1044 ई.
| |
| |चोल राजा राजेन्द्र का शासनकाल, [[श्रीलंका]] की विजय (1018), बंगाल पर आक्रमण (1021)। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |100
| |
| |1017 ई.
| |
| |[[शंकराचार्य]] के मायावाद का खंडन कर विशिष्टाद्वैतवाद मत की स्थापना करने वाले [[वैष्णव]] आचार्य [[रामानुज]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |101
| |
| |1018–1019 ई.
| |
| |गजनवी का [[गंगा नदी]]-[[यमुना नदी|यमुना]] दौआब क्षेत्र पर क़ब्ज़ा।
| |
| |-
| |
| |102
| |
| |1025–1026 ई.
| |
| |गजनवी के द्वारा सोमनाथ मन्दिर (गुजरात) की लूट।
| |
| |-
| |
| |103
| |
| |1026 ई.
| |
| |अन्तिम हिन्दूशाही शासक भीमपाल की मृत्यु, [[काबुल]]-कंधार के हिन्दूशाही वंश का अन्त।
| |
| |-
| |
| |104
| |
| |1027 ई.
| |
| |[[जाट|जाटों]] को कुचलने के लिए महमूद का भारत ([[गुजरात]]-सिंन्ध) पर 17वाँ व अन्तिम आक्रमण।
| |
| |-
| |
| |105
| |
| |1030 ई.
| |
| |[[महमूद गजनवी]] की मृत्यु, मसूद गजनी का सुल्तान, किताब-उल-हिन्द के लेखक अलबरूनी का भारत आगमन।
| |
| |-
| |
| |106
| |
| |1043 ई.
| |
| |स्थानीय हिन्दू राजाओं का [[लाहौर]] पर पुनः अधिकार कर स्वाधीन राज्य स्थापित करने का प्रयास विफल।
| |
| |-
| |
| |107
| |
| |1044–52 ई.
| |
| |राजेन्द्र के उत्तराधिकारी राजाधिराज प्रथम का शासनकाल। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |108
| |
| |1052–64 ई.
| |
| |राजेन्द्र द्वितीय का शासनकाल। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |109
| |
| |1064–70 ई.
| |
| |वीर राजेन्द्र चोल का शासनकाल। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |110
| |
| |1070–1120 ई.
| |
| |कुलोत्तुंग प्रथम का शासनकाल, [[आन्ध्र प्रदेश|आन्ध्र]] का चोल राज्य में विलेय (1076)। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |111
| |
| |1120–1267 ई.
| |
| |परवर्ती चोल शासकों का काल। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |112
| |
| |1131 ई.
| |
| |[[कर्नाटक]] में लिंगायत सम्प्रदाय के संस्थापक संत बासवेश्वर या बासव का जन्म।
| |
| |-
| |
| |113
| |
| |1137 ई.
| |
| |विशिष्टाद्वैतवाद मत के विचारक संत [[रामानुजाचार्य]] का देहान्त।
| |
| |-
| |
| |114
| |
| |1162 ई.
| |
| |द्वैतवादी वैष्णव संत निम्वार्क स्वामी का जन्म।
| |
| |-
| |
| |115
| |
| |1163 ई.
| |
| |मुइजुद्दीन [[मोहम्मद गौरी]] गजनी का शासन बना।
| |
| |-
| |
| |116
| |
| |1167 ई.
| |
| |संत बाससेश्वर का निधन।
| |
| |-
| |
| |117
| |
| |1191 ई.
| |
| |तराईन के प्रथम युद्ध में राजपूत शासक [[पृथ्वीराज चौहान|पृथ्वीराज तृतीय]] के हाथों मुहम्मद गोरी पराजित।
| |
| |-
| |
| |118
| |
| |1192 ई.
| |
| |तराईन का दूसरा युद्ध, [[मोहम्मद गौरी]] के हाथों [[पृथ्वीराज चौहान|पृथ्वीराज तृतीय]] की हार, गौरी का ग़ुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक भारत का सूबेदार नियुक्त, [[मेरठ]] एवं कौल ([[अलीगढ़]]) पर अधिकार।
| |
| |-
| |
| |119
| |
| |1192–1193 ई.
| |
| |[[दिल्ली]] पर कुतुबुद्दीन ऐबक का आधिपत्य।
| |
| |-
| |
| |120
| |
| |1197 ई.
| |
| |द्वैतवादी सम्प्रदाय के आचार्य महादेव मध्वाचार्य का जन्म।
| |
| |-
| |
| |121
| |
| |1200 ई.
| |
| |[[मोहम्मद गौरी]] की मृत्यु।
| |
| |-
| |
| |122
| |
| |1206 ई.
| |
| |कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 'दिल्ली सल्तनत' की स्थापना; दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाले प्रथम वंश- 'इल्बरी वंश' की स्थापना; कुतुबमीनार का निर्माण आरम्भ।
| |
| |-
| |
| |123
| |
| |1210 ई.
| |
| |ऐबक की मृत्यु, आरामशाह उत्तराधिकारी बना।
| |
| |-
| |
| |124
| |
| |1211–1236 ई.
| |
| |[[इल्तुतमिश]] का शासनकाल, रणथम्भौर विजय (1226)।
| |
| |-
| |
| |125
| |
| |1221 ई.
| |
| |भारत पर [[चंगेज़ ख़ाँ]] का हमला।
| |
| |-
| |
| |126
| |
| |1228 ई.
| |
| |बगदाद के ख़लीफ़ा से इल्तुतमिश को खिल्लत अर्थात् इस्लामी शासक के रूप में मान्यता।
| |
| |-
| |
| |127
| |
| |1229 ई.
| |
| |प्रथम यूरोपीय यात्री मान्टे कैर्बनो (इटली) का भारत आगमन।
| |
| |-
| |
| |128
| |
| |1236 ई.
| |
| |[[इल्तुतमिश]] के उत्तराधिकारी रूकनुद्दीन फ़िरोज की मृत्यु, रजिया सुल्तान गद्दी पर बैठी।
| |
| |-
| |
| |129
| |
| |1239 ई.
| |
| |मलिक अल्तुनिया का विद्रोह।
| |
| |-
| |
| |130
| |
| |1240 ई.
| |
| |रजिया सुल्तान की हत्या।
| |
| |-
| |
| |131
| |
| |1241 ई.
| |
| |भारत पर मंगोलों का प्रथम आक्रमण।
| |
| |-
| |
| |132
| |
| |1246 ई.
| |
| |सुल्तान नसीरुद्दीन गद्दी पर आसीन, 1265 में उसकी मृत्यु।
| |
| |-
| |
| |133
| |
| |1253 ई.
| |
| |[[अमीर ख़ुसरो]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |134
| |
| |1266 ई.
| |
| |गयासुद्दीन बलबल गद्दी पर बैठा।
| |
| |-
| |
| |135
| |
| |1279 ई.
| |
| |[[महाराष्ट्र]] में संत सम्मेलन का आयोजन।
| |
| |-
| |
| |136
| |
| |1279 ई.
| |
| |बंगाल में तुगरिल ख़ाँ का विद्रोह।
| |
| |-
| |
| |137
| |
| |1286 ई.
| |
| |बलबन की मृत्यु।
| |
| |-
| |
| |138
| |
| |1288–1293 ई.
| |
| |प्रसिद्ध वेनिश यात्री मार्कोपोलो की भारत यात्रा।
| |
| |-
| |
| |139
| |
| |1290 ई.
| |
| |[[जलालुद्दीन ख़िलजी]] [[दिल्ली]] का सुल्तान, [[ख़िलजी वंश]] की स्थापना।
| |
| |-
| |
| |140
| |
| |1294 ई.
| |
| |[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] का देवगिरि अभियान।
| |
| |-
| |
| |141
| |
| |1295–1316 ई.
| |
| |[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] [[दिल्ली]] का सुल्तान, राज्य-विस्तार अभियान प्रारम्भ; [[गुजरात]] (1299), रणथम्भौर (1301), [[चित्तौड़]] (1303), [[मालवा]] (1305), मलिक काफ़ूर क नेतृत्व में दक्कन अभियान, 1320-1325-अलाउद्दीन की मृत्यु
| |
| |-
| |
| |142
| |
| |1320–1325 ई.
| |
| |गयासुद्दीन तुग़लक (गाज़ी मलिक) [[दिल्ली]] का सुल्तान बना, [[तुग़लक वंश]] की स्थापना, काकतीय तथा [[पाण्डव|पाण्ड्यों]] के राज्य का दिल्ली सल्तनत में विलय (1321-1323)।
| |
| |-
| |
| |143
| |
| |1325 ई.
| |
| |गयासुद्दीन की मृत्यु, [[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] गद्दी पर आसीन, [[अमीर ख़ुसरो]] की मृत्यु, फैंसिस्कन पादरी आडोरिक आफ़ पोर्डेनॉन की भारत यात्रा।
| |
| |-
| |
| |144
| |
| |1326–1327 ई.
| |
| |[[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा [[दिल्ली]] से [[दौलताबाद]] राजधानी का स्थानान्तरण।
| |
| |-
| |
| |145
| |
| |1330 ई.
| |
| |[[मुहम्मद तुग़लक़]] द्वारा प्रयोग के तौर पर सोने के स्थान पर ताँबे के सिक्के जारी किए गए।
| |
| |-
| |
| |146
| |
| |1333 ई.
| |
| |अफ़्रीकी यात्री इब्नबबूता की भारत यात्रा।
| |
| |-
| |
| |147
| |
| |1336 ई.
| |
| |हरिहर एवं बुक्का द्वारा विजयनगर राज्य की स्थापना।
| |
| |-
| |
| |148
| |
| |1342
| |
| |इब्नबबूता का [[चीन]] को प्रस्थान।
| |
| |-
| |
| |149
| |
| |1347 ई.
| |
| |बहमनशाह के द्वारा [[बहमनी राज्य]] की स्थापना।
| |
| |-
| |
| |150
| |
| |1350 ई.
| |
| |विद्यापति का जन्म, संत नामदेव का निधन।
| |
| |-
| |
| |151
| |
| |1351 ई.
| |
| |[[मुहम्मद तुग़लक़]] की मृत्यु, [[फ़िरोज़ शाह तुग़लक]] उत्तराधिकारी बना।
| |
| |-
| |
| |152
| |
| |1351–1388 ई.
| |
| |सुल्तान [[फ़िरोज़ शाह तुग़लक]] का राज्यकाल, बंगाल अभियान (1353-54, 1359, 1369), कांगड़ा विजय (1360-61), थट्टा विजय (1371-72), फ़िरोज की मृत्यु।
| |
| |-
| |
| |153
| |
| |1388–1414 ई.
| |
| |परवर्ती तुग़लक शासकों का शासनकाल।
| |
| |-
| |
| |154
| |
| |1398 ई.
| |
| |[[तैमूर लंग]] का भारत पर आक्रमण, [[दिल्ली]] पर अधिकार, भारत में अराजकता।
| |
| |-
| |
| |155
| |
| |1399 ई.
| |
| |दिल्ली सल्तनत का विघटन प्रारम्भ, सूबेदारों द्वारा स्वतंत्र राज्यों की स्थापना, दिल्ली-दोआब में इक़बाल ख़ाँ, [[गुजरात]] में जफ़र ख़ाँ, सिंध-मुल्तान में खिज्र ख़ाँ, महोबा-काल्पी में महमूद ख़ाँ, [[कन्नौज]] अथवा [[बिहार]] में ख्वाजा जान, धारा (इन्दौर) में दिलावर ख़ाँ, समन में गालिब ख़ाँ, बयाना में शख्स ख़ाँ तथा [[ग्वालियर]] में भीमदेव द्वारा स्वतंत्र राज्य स्थापित।
| |
| |-
| |
| |156
| |
| |1411–42 ई.
| |
| |अहमदशाह द्वारा [[अहमदाबाद]] की स्थापना एवं स्वतंत्रता की घोषणा।
| |
| |-
| |
| |157
| |
| |1412 ई.
| |
| |अन्तिम तुगलक शासक [[महमूद तुग़लक|महमूद]] की मृत्यु, तुगलक वंश का पतन।
| |
| |-
| |
| |158
| |
| |1414 ई.
| |
| |[[दिल्ली]] पर खिज्र खाँ का अधिकार।
| |
| |-
| |
| |159
| |
| |1420–1421 ई.
| |
| |[[इटली]] के यात्री निकोलो कोंटी की भारत यात्रा।
| |
| |-
| |
| |160
| |
| |1429 ई.
| |
| |[[बहमनी राज्य]] की राजधानी गुलबर्गा से [[बीदर]] स्थानान्तरित।
| |
| |-
| |
| |161
| |
| |1430–69 ई.
| |
| |मेंवाड़ में राणा कुम्भा का राज्यकाल।
| |
| |-
| |
| |162
| |
| |1442 ई.
| |
| |अब्दुर्रज्जाक़ की [[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] यात्रा।
| |
| |-
| |
| |163
| |
| |1447 ई.
| |
| |बहलोल लोदी का [[दिल्ली]] पर अधिकार, लोदी वंश की स्थापना।
| |
| |-
| |
| |164
| |
| |1450 ई.
| |
| |गोरखनाथ की साखियों की रचना।
| |
| |-
| |
| |165
| |
| |1455 ई.
| |
| |प्रसिद्ध संत [[कबीर]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |166
| |
| |1469 ई.
| |
| |सिक्ख धर्म के संस्थापक [[नानक देव, गुरु|गुरुनानक देव]] का ननकाना ([[पंजाब]]) में जन्म।
| |
| |-
| |
| |167
| |
| |1470 ई.
| |
| |रूसी यात्री निकितिन की भारत यात्रा।
| |
| |-
| |
| |168
| |
| |1472 ई.
| |
| |[[शेरशाह सूरी]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |169
| |
| |1479 ई.
| |
| |[[बल्लभाचार्य]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |170
| |
| |1483 ई.
| |
| |[[जहीरूद्दीन बाबर]] का फरगना में जन्म।
| |
| |-
| |
| |171
| |
| |1485 ई.
| |
| |[[चैतन्य महाप्रभु]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |172
| |
| |1486 ई.
| |
| |पुर्तगाली नाविक सरदार बार्थोलोम्यो डिआज डेनोवेज ने केप आफ़ गुड होप (शुभ यात्रा अंतरीप) की खोज की, इसी मार्ग से बाद में वास्कोडिगामा ने भारत की यात्रा की।
| |
| |-
| |
| |173
| |
| |1489 ई.
| |
| |सिकन्दर लोदी गद्दी पर आसीन, [[बीजापुर]] स्वाधीन।
| |
| |-
| |
| |174
| |
| |1490 ई.
| |
| |[[दिल्ली सल्तनत]] से [[अहमदनगर]] स्वाधीन।
| |
| |-
| |
| |175
| |
| |1494 ई.
| |
| |[[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] में हुसैनशाह गद्दी पर आसीन, [[बाबर]] फरगना का अमीर बना।
| |
| |-
| |
| |176
| |
| |1498 ई.
| |
| |पुर्तगाली नाविक [[वास्कोडिगामा]] भारत में, कालीकट पहुँचा।
| |
| |-
| |
| |177
| |
| |1502 ई.
| |
| |पुर्तगाल के राजा जॉन द्वितीय को पोप अलेक्जेंडर षष्टम का 'बुल' प्रदान किया गया, जिससे पुर्तगालियों को भारत के साथ व्यापार करने का एकाधिकार तथा भारत में राज्य स्थापित करने का औपचारिक अधिकार मिला।
| |
| |-
| |
| |178
| |
| |1503 ई.
| |
| |फरगना [[बाबर]] के अधिकार से मुक्त।
| |
| |-
| |
| |179
| |
| |1504 ई.
| |
| |[[इटली]] के लुडोविको डी बार्थेमा की पश्चिम तथा दक्षिण भारत की यात्रा, काबुल पर अधिकार कर [[बाबर]] का मुल्तान की ओर प्रस्थान।
| |
| |-
| |
| |180
| |
| |1507 ई.
| |
| |[[गुजरात]] के शासक महमूद बेगड़ा का दीव ([[गोवा]]) में पुर्तगालियों के विरुद्ध अभियान।
| |
| |-
| |
| |181
| |
| |1508 ई.
| |
| |द्वितीय [[मुग़ल]] सम्राट [[हुमायूँ]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |182
| |
| |1509 ई.
| |
| |[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] में कृष्णदेवराय सिंहासनरूढ़, पुर्तगाली गवर्नर फ़्राँसिस्को-डि-अल्मिडा भारत आया।
| |
| |-
| |
| |183
| |
| |1509–1527 ई.
| |
| |मेवाड़ में राणा सांगा का राज्यकाल।
| |
| |-
| |
| |184
| |
| |1510 ई.
| |
| |[[गोवा]] पर पुर्तगालियों का अधिकार, अलबुकर्क गवर्नर बना।
| |
| |-
| |
| |185
| |
| |1512–1518 ई.
| |
| |[[गोलकुण्डा]] [[बहमनी राज्य]] से मुक्त।
| |
| |-
| |
| |186
| |
| |1517 ई.
| |
| |सिकन्दर लोदी की मृत्यु के पश्चात् इब्राहिम लोदी गद्दी पर बैठा।
| |
| |-
| |
| |187
| |
| |1519 ई.
| |
| |[[बाबर]] का भारत आगमन।
| |
| |-
| |
| |188
| |
| |1520 ई.
| |
| |[[बाबर]] का भीरा, सियालकोट पर आक्रमण।
| |
| |-
| |
| |189
| |
| |1522 ई.
| |
| |[[बाबर]] का कंधार पर अधिकार।
| |
| |-
| |
| |190
| |
| |1523 ई.
| |
| |[[लाहौर]] और सरहिन्द पर [[बाबर]] का आक्रमण, लाहौर पर अधिकार (1524)।
| |
| |-
| |
| |191
| |
| |1526 ई.
| |
| |([[21 अप्रैल]]) [[बाबर]] तथा इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत का प्रथम युद्ध, इब्राहीम लोदी की पराजय तथा मृत्यु, [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़े के साथ ही मुग़ल साम्राज्य की स्थापना।
| |
| |-
| |
| |192
| |
| |1527 ई.
| |
| |राणा संग्राम सिंह तथा [[बाबर]] के मध्य खांडवा का युद्ध ([[16 मार्च]]), संग्राम सिंह पराजित।
| |
| |-
| |
| |193
| |
| |1528 ई.
| |
| |राणा संग्राम सिंह की मृत्यु, [[बाबर]] ने सहयोग के बदले [[शेरशाह]] को [[सासाराम]] ([[बिहार]]) की पैतृक जाग़ीर वापस की।
| |
| |-
| |
| |194
| |
| |1530 ई.
| |
| |[[बाबर]] की मृत्यु ([[29 मई]]), [[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] के राजा कृष्णदेव राय की मृत्यु ([[26 दिसम्बर]])।
| |
| |-
| |
| |195
| |
| |1531 ई.
| |
| |[[गुजरात]] के बहादुरशाह का मालवा तथा [[उज्जैन]] पर अधिकार।
| |
| |-
| |
| |196
| |
| |1532 ई.
| |
| |रायसेन, चंदेरी एवं [[मंदसौर]] पर बहादुरशाह का अधिकार तथा [[चित्तौड़]] पर पहला हमला।
| |
| |-
| |
| |197
| |
| |1533 ई.
| |
| |बहादुरशाह ने [[चित्तौड़]] का घेरा उठाया, रणथम्भौर तथा [[अजमेर]] पर अधिकार, वैष्णव संत चैतन्य का निधन।
| |
| |-
| |
| |198
| |
| |1534 ई.
| |
| |[[हुमायूँ]] का मालवा को प्रस्थान, [[शेरशाह]] ने सूरजगढ़ की लड़ाई में [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के शासक महमूद ख़ाँ को परास्त किया।
| |
| |-
| |
| |199
| |
| |1535 ई.
| |
| |पुर्तगालियों की सहायता से बहादुरशाह का [[चित्तौड़]] पर अधिकार, [[हुमायूँ]] से बहादुरशाह पराजित, हुमायूँ की [[गुजरात]] तथा मालवा पर विजय।
| |
| |-
| |
| |200
| |
| |1536 ई.
| |
| |[[हुमायूँ]] ने अस्करी को [[गुजरात]] का शासक नियुक्त किया, गुजरात में [[मुग़ल|मुग़लों]] के विरुद्ध विद्रोह।
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| |-
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| |201
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| |1537 ई.
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| |[[गुजरात]] के शासक बहादुरशाह की मृत्यु।
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| |-
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| |202
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| |1538 ई.
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| |[[शेरशाह]] के हाथों [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] का शासक महमूदशह परास्त, [[हुमायूँ]] का बंगाल पर आक्रमण, सिक्ख गुरु [[नानक देव, गुरु|नानक देव]] का निधन।
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| |-
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| |203
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| |1539 ई.
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| |चौसा के युद्ध में [[हुमायूँ]] [[शेरशाह]] से पराजित।
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| |-
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| |204
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| |1540 ई.
| |
| |[[शेरशाह]] [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा।
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| |-
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| |205
| |
| |1542 ई.
| |
| |मारवाड़ के राजा मालदेव के आमंत्रण पर [[हुमायूँ]] [[जोधपुर]] पहुँचा, अमरकोट में ([[15 अक्टूबर]]) [[अकबर]] का जन्म।
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| |-
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| |206
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| |1544 ई.
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| |[[हुमायूँ]] फ़ारस के शाह तहमस्य की शरण में।
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| |-
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| |207
| |
| |1545 ई.
| |
| |शाह तहमस्य की मदद से कंधार-[[काबुल]] पर पुनः [[हुमायूँ]] का अधिकार, [[शेरशाह]] की मृत्यु, इस्लाम शाह गद्दी पर बैठा।
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| |-
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| |208
| |
| |1553 ई.
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| |[[सूर वंश|सूर वंशी]] शासक इस्लाम शाह की मृत्यु।
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| |-
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| |209
| |
| |1555 ई.
| |
| |[[लाहौर]] पर [[हुमायूँ]] का अधिकार।
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| |-
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| |210
| |
| |1556 ई.
| |
| |[[हुमायूँ]] की मृत्यु ([[24 जनवरी]]), बैरम ख़ाँ के संरक्षण में [[अकबर]] [[मुग़ल]] सम्राट बना, पानीपत के दूसरे युद्ध ([[5 नवम्बर]]) में अकबर के द्वारा आदिलशाह का दीवान हेमू पराजित, पुर्तगाल से पहला प्रेस भारत पहुँचा, जिसे जेसुइट पादरी [[गोवा]] लेकर आए थे।
| |
| |-
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| |211
| |
| |1557 ई.
| |
| |खिज्र ख़ाँ के साथ लड़ाई में आदिलशाह मारा गया, सिकन्दर सूर को हराकर मानकोट के क़िले पर [[अकबर]] का अधिकार।
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| |-
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| |212
| |
| |1560 ई.
| |
| |[[अकबर]] के द्वारा बैरम ख़ाँ का निष्कासन।
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| |-
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| |213
| |
| |1561 ई.
| |
| |[[अकबर]] की मालवा पर विजय।
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| |-
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| |214
| |
| |1562 ई.
| |
| |आमेर की राजकुमारी (राजा भारमल की पुत्री) से [[अकबर]] का विवाह, युद्ध-बंन्दियों को दास बनाने की प्रथा का उन्मूलन।
| |
| |-
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| |215
| |
| |1563 ई.
| |
| |[[अकबर]] द्वारा तीर्थयात्रा-कर की समाप्ति।
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| |-
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| |216
| |
| |1564 ई.
| |
| |[[अकबर]] द्वारा [[जज़िया]] कर की उगाही बन्द, रानी दुर्गावती को परास्त कर गोंडवाना [[मुग़ल]] राज्य में सम्मिलित, रानी द्वारा आत्महत्या।
| |
| |-
| |
| |217
| |
| |1564–1567 ई.
| |
| |उजबेकों का विद्रोह।
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| |-
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| |218
| |
| |1565 ई.
| |
| |[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] के शासक रामराय और बहमनी सुल्तानों के बीच तालिकोटा का युद्ध, विजयनगर पराजित।
| |
| |-
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| |219
| |
| |1567 ई.
| |
| |राधावल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक श्री हरिवंश का देवबन्द ([[सहारनपुर]]) में जन्म।
| |
| |-
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| |220
| |
| |1568 ई.
| |
| |[[अकबर]] की [[चित्तौड़]] पर विजय।
| |
| |-
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| |221
| |
| |1569
| |
| |रणथम्भौर और कालिंजर पर अकबर का अधिकार, युवराज [[सलीम]] ([[जहाँगीर]]) का जन्म।
| |
| |-
| |
| |222
| |
| |1571 ई.
| |
| |[[अकबर]] द्वारा [[फ़तेहपुर सीकरी]] का निर्माण तथा राजधानी बनाने का निर्णय।
| |
| |-
| |
| |223
| |
| |1572 ई.
| |
| |राणा उदयसिंह की मृत्यु, जालौर के राजा और मेवाड़ सेनापतियों के द्वारा [[राणा प्रताप]] को गद्दी पर बैठाया गया।
| |
| |-
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| |224
| |
| |1573 ई.
| |
| |[[कबीर]] का निधन, [[गुजरात]] पर अकबर का आधिपत्य।
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| |-
| |
| |225
| |
| |1574–76 ई.
| |
| |[[अकबर]] की [[बिहार]]-[[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] पर विजय।
| |
| |-
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| |226
| |
| |1575 ई.
| |
| |ठुकरोई ([[उड़ीसा]]) का युद्ध, [[अकबर]] द्वारा दाऊद ख़ाँ पराजित [[फ़तेहपुर सीकरी]] में इबादतख़ाना की स्थापना।
| |
| |-
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| |227
| |
| |1576 ई.
| |
| |हल्दीघाटी का युद्ध, [[अकबर]] द्वारा [[राणा प्रताप]] पराजित, अकबर का [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] पर अधिकार, दाऊद ख़ाँ की मृत्यु।
| |
| |-
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| |228
| |
| |1578 ई.
| |
| |भारतीय भाषा की पहली पुस्तक "डुट्रिना क्रिस्टा' ([[तमिल भाषा]] में) मुद्रित व प्रकाशित, इस पुस्तक के लिए टाइप जुआबों गुंजाल्बेज नाम के स्पेनी लुहार ने क्किलोन ([[केरल]]) में ढाले थे। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
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| |229
| |
| |1579–1580 ई.
| |
| |[[अकबर]] ने 'महजरनामा' (इन्फैलिबिलिटी डिक्री) जारी किया, [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]-[[बिहार]] में विद्रोह, [[अकबर]] के दरबार में [[गोवा]] से प्रथम जेसुइट मिशन आया (1580)।
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| |-
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| |230
| |
| |1580–1611 ई.
| |
| |[[गोलकुण्डा]] में सुल्तान कुली कुतुबशाह द्वितीय के आश्रय में रेख्ता (हिन्दुस्तानी के आदि रूप) के कवियों को प्रोत्साहन।
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| |-
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| |231
| |
| |1611–1656
| |
| | आदिलशाह [[बीजापुर]] की गद्दी पर आसीन।
| |
| |-
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| |232
| |
| |1582 ई.
| |
| | [[अकबर]] के द्वारा [[दीन-ए-इलाही]] की घोषणा।
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| |-
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| |233
| |
| |1583 ई.
| |
| |पहले पाँच अंग्रेज़ व्यापारी (जॉन न्यूबरी, रिचर्ड स्टेपर, राल्फ़, जेम्स स्टोरी तथा विलियम लीड्स) [[अकबर]] के नाम महारानी एलिजाबेथ का पत्र लेकर भारत पहुँचे, अकबर से इनकी मुलाक़ात नहीं हो पाई लेकिन लीड्स को अकबर के यहाँ झवेरी की नौकरी मिल गई, फिंच आठ साल तक भारत-[[बर्मा]] की यात्रा करने के बाद 26 अप्रैल, 1591 को लन्दन पहुँचा, फिंच के विवरण से ही अंग्रेज़ व्यापारियों की भारत से व्यापार करने की लालसा बलवती हुई।
| |
| |-
| |
| |234
| |
| |1585 ई.
| |
| |[[कश्मीर]] पर [[अकबर]] का आधिपत्य।
| |
| |-
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| |235
| |
| |1589 ई.
| |
| |राजा [[टोडरमल]] की मृत्यु।
| |
| |-
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| |236
| |
| |1590–1592 ई.
| |
| |[[अकबर]] की सिंध पर विजय।
| |
| |-
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| |237
| |
| |1591 ई.
| |
| | फ़ैजी को मुग़ल राजदूत बनाकर दक्कन के राज्यों में भेजा गया।
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| |-
| |
| |238
| |
| |1592 ई.
| |
| |[[उड़ीसा]] पर [[अकबर]] का अधिकार।
| |
| |-
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| |239
| |
| |1595 ई.
| |
| |[[अकबर]] की कंधार विजय, बलूचिस्तान मुग़ल साम्राज्य में सम्मिलित।
| |
| |-
| |
| |240
| |
| |1597 ई.
| |
| |[[राणा प्रताप]] की मृत्यु।
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| |-
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| |241
| |
| |1600 ई.
| |
| |[[अहमदनगर]] का पतन, लन्दन में महारानी एलिजाबेथ द्वारा अपने भाई जार्ज, अर्ल ऑफ़ कम्बरलैंड तथा सर जॉन हॉर्ट की ईस्ट इंडिया कम्पनी (द गवर्नर एंड कम्पनी ऑफ़ लन्दन ट्रेडिंग इन टु द ईस्ट इंडीज) को भारत से व्यापार करने के लिए अधिकार पत्र प्रदान किया गया।
| |
| |-
| |
| |242
| |
| |1601 ई.
| |
| |[[अकबर]] का असीरगढ़ पर अधिकार।
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| |-
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| |243
| |
| |1602 ई.
| |
| |अबुल फ़जल की मृत्यु, डच यूनिवर्सल यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना, 13 वर्षों में ही हालैण्ड के [[एशिया]] व्यापार में असाधारण वृद्धि।
| |
| |-
| |
| |244
| |
| |1601–1603 ई.
| |
| |[[अकबर]] के पुत्र [[सलीम]] का विद्रोह।
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| |-
| |
| |245
| |
| |1605 ई.
| |
| |[[अकबर]] की मृत्यु ([[16 अक्टूबर]]), [[जहाँगीर]] गद्दी पर बैठा ([[24 अक्टूबर]])।
| |
| |-
| |
| |246
| |
| |1606 ई.
| |
| |शहजादा ख़ुसरो का विद्रोह, [[जहाँगीर]] के आदेशानुसार पाँचवें सिक्ख गुरु अर्जुनदेव को प्राणदण्ड, ईरानियों द्वारा कंधार का घेराव, जहाँगीर की मेवाड़ पर चढ़ाई।
| |
| |-
| |
| |247
| |
| |1607 ई.
| |
| |[[मुग़ल|मुग़लों]] के द्वारा कंधार मुक्त।
| |
| |-
| |
| |248
| |
| |1608 ई.
| |
| |[[अहमद नगर]] पर मलिक अम्बर का पुनः अधिकार, [[इंग्लैण्ड]] के राजा जेम्स प्रथम का पत्र लेकर विलियम हाकिंस [[जहाँगीर]] के दरबार में भारत आया तथा तीन साल तक उसके दरबार में रहा, 1612 में वापस इंग्लैण्ड लौटकर भारत यात्रा का विवरण लिखा, संत तुकाराम का जन्म।
| |
| |-
| |
| |249
| |
| |1609 ई.
| |
| |पुलिकट में डच फैक्टरी स्थापित।
| |
| |-
| |
| |250
| |
| |1611 ई.
| |
| |मसुलीपत्तम में अंग्रेज़ फैक्टरी स्थापित, [[जहाँगीर]] का नूरजहाँ से विवाह।
| |
| |-
| |
| |251
| |
| |1611-1625 ई.
| |
| |[[गोलकुण्डा]] में सुल्तान मुहम्मद कुतुबशाह का शासनकाल।
| |
| |-
| |
| |252
| |
| |1612 ई.
| |
| |शाहजादा खुर्रम ([[शाहजहाँ]]) का मुमताज महल से विवाह, बंगाल की राजधानी राजमहल से ढाका स्थानान्तरित।
| |
| |-
| |
| |253
| |
| |1614 ई.
| |
| |मेवाड़ के राणा अमर सिंह से [[जहाँगीर]] की संधि।
| |
| |-
| |
| |254
| |
| |1615 ई.
| |
| |मेवाड़ पर [[जहाँगीर]] का अधिकार, इंग्लैण्ड के शासक जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में सर टामस रो जहाँगीर के दरबार में आया।
| |
| |-
| |
| |255
| |
| |1620 ई.
| |
| |कांगड़ा पर [[मुग़ल|मुग़लों]] का अधिकार।
| |
| |-
| |
| |256
| |
| |1622 ई.
| |
| |कंधार पर फ़ारस का पुनः अधिकार, [[शाहजहाँ]] का विद्रोह, गोस्वामी [[तुलसीदास]] का जन्म।
| |
| |-
| |
| |257
| |
| |1625-1674 ई.
| |
| |[[गोलकुण्डा]] की गद्दी पर सुल्तान अब्दुल्ला कुत्बशाह बैठा।
| |
| |-
| |
| |258
| |
| |1624 ई.
| |
| |[[अहमदनगर]] के मलिक अम्बर के हाथों मुग़ल सेना पराजित।
| |
| |-
| |
| |259
| |
| |1626 ई.
| |
| |महावत ख़ाँ का विद्रोह।
| |
| |-
| |
| |260
| |
| |1627 ई.
| |
| |[[जहाँगीर]] की मृत्यु ([[29 अक्टूबर]]), जुन्नार ([[पुणे|पूना]]) के निकट शिवनेर के क़िले में [[शिवाजी]] का जन्म ([[20 अप्रैल]])।
| |
| |-
| |
| |261
| |
| |1628 ई.
| |
| |[[शाहजहाँ]] [[मुग़ल]] सम्राट बना ([[6 फरवरी]])।
| |
| |-
| |
| |262
| |
| |1631 ई.
| |
| |मुमताज महल की मृत्यु ([[7 जून]])।
| |
| |-
| |
| |263
| |
| |1632 ई.
| |
| |[[बीजापुर]] पर [[मुग़ल]] आक्रमण, [[पुर्तग़ाली|पुर्तगालियों]] के विरुद्ध सैन्य अभियन, हुगली में उनकी बस्ती नष्ट।
| |
| |-
| |
| |264
| |
| |1633 ई.
| |
| |[[अहमदनगर]] के [[निज़ामशाही वंश]] का अन्त, अहमदनगर [[मुग़ल]] साम्राज्य में सम्मिलित, दौलताबाद के क़िले पर अधिकार।
| |
| |-
| |
| |265
| |
| |1634 ई.
| |
| |अंग्रेज़ों को बंगाल में व्यापार करने का फ़रमान मिला, महावत ख़ाँ की मृत्यु।
| |
| |-
| |
| |266
| |
| |1636 ई.
| |
| |[[बीजापुर]] और [[गोलकुण्डा]] से [[मुग़ल|मुग़लों]] की संधि, [[औरंगज़ेब]] दक्कन का सूबेदार नियुक्त।
| |
| |-
| |
| |267
| |
| |1638 ई.
| |
| |अली मर्दान द्वारा कंधार [[मुग़ल|मुग़लों]] को समर्पित।
| |
| |-
| |
| |268
| |
| |1638 ई.
| |
| |[[शाहजहाँ]] द्वारा नए राजधानी शहर शाहजंहानाबाद का निर्माण प्रारम्भ।
| |
| |-
| |
| |269
| |
| |1639 ई.
| |
| |अंग्रेज़ों द्वारा मद्रास में सेंट जार्ज क़िले की आधारशिला रखी गई। (दक्षिण भारत)
| |
| |-
| |
| |270
| |
| |1646 ई.
| |
| |बल्ख पर [[मुग़ल|मुग़लों]] का अधिकार, तोरण पर [[शिवाजी]] का अधिकार।
| |
| |-
| |
| |271
| |
| |1649 ई.
| |
| |कंधार पर पर पुनः फ़ारस का अधिकार।
| |
| |-
| |
| |272
| |
| |1650 ई.
| |
| |मराठी संत तुकाराम का निधन।
| |
| |-
| |
| |273
| |
| |1656 ई.
| |
| |[[शिवाजी]] का जाबली पर आधिपत्य।
| |
| |-
| |
| |274
| |
| |1657 ई.
| |
| |[[बीदर]] का पतन और मुग़लों द्वारा [[बीजापुर]] की घेराबन्दी, [[शाहजहाँ]] के अस्वस्थ होने पर 'उत्तराधिकारी का युद्ध' प्रारम्भ, बीजापुर के साथ द्वितीय सन्धि।
| |
| |-
| |
| |275
| |
| |1658 ई.
| |
| |धरमत के युद्ध ([[5 मई]]) तथा सामूगढ़ के युद्ध ([[8 जून]]) में दारा की [[औरंगज़ेब]] के हाथों पराजय, [[शाहजहाँ]] [[आगरा]] में बन्दी ([[5 जून]]), औरंगज़ेब का राज्याभिषेक (31 जुलाई)।
| |
| |-
| |
| |276
| |
| |1659 ई.
| |
| |दारा को मृत्युदण्ड, [[शिवाजी]] के हाथों [[अफ़ज़ल ख़ाँ]] की मृत्यु।
| |
| |-
| |
| |277
| |
| |1660 ई.
| |
| |मीर जुमला बंगाल का सूबेदार नियुक्त, [[शिवाजी]] के द्वारा दक्षिण कर्नाटक क्षेत्र में चारों ओर हमले।
| |
| |-
| |
| |278
| |
| |1661 ई.
| |
| |मुराद की हत्या, [[पुर्तग़ाली|पुर्तगालियों]] द्वारा इस शर्त पर [[बम्बई]] अंग्रेज़ों को हस्तांतरित की गयी कि वे डचों को इस क्षेत्र में व्यापार से बाहर खदेड़ने में इनका साथ देंगे।
| |
| |-
| |
| |279
| |
| |1662 ई.
| |
| |मीर जुमला का [[असम]] अभियान।
| |
| |-
| |
| |280
| |
| |1663 ई.
| |
| |मीर जुमला की मृत्यु, [[शाइस्ता ख़ाँ]] बंगाल का सूबेदार नियुक्त।
| |
| |-
| |
| |281
| |
| |1664 ई.
| |
| |[[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर आक्रमण, स्थानीय [[पुर्तग़ाली]] उपनिवेश द्वारा शिवाजी को वार्षिक नज़राना देना स्वीकार, फ़्राँसीसी [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] की स्थापना।
| |
| |-
| |
| |282
| |
| |1665 ई.
| |
| |राजा [[जयसिंह]] के हाथों [[शिवाजी]] की पराजय, मुग़लों के साथ शिवाजी की पुरन्दर सन्धि।
| |
| |-
| |
| |283
| |
| |1666 ई.
| |
| |[[शाहजहाँ]] की मृत्यु, मुग़ल दरबार में [[शिवाजी]] बन्दी (मई), नज़रबन्दी से मुक्त।
| |
| |-
| |
| |284
| |
| |1668 ई.
| |
| |[[औरंगज़ेब]] द्वारा हिन्दुओं के विरुद्ध नये आदेश, [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] का पूर्ण अधिकार।
| |
| |-
| |
| |285
| |
| |1669 ई.
| |
| |[[मथुरा]] में जाट सरदार गोकुल का विद्रोह, [[बम्बई]] पर अंग्रेज़ कम्पनी का पूर्ण अधिकार।
| |
| |-
| |
| |286
| |
| |1670 ई.
| |
| |[[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर दूसरा आक्रमण।
| |
| |-
| |
| |287
| |
| |1671 ई.
| |
| |छत्रसाल के नेतृत्व में बुंदेलों का विद्रोह।
| |
| |-
| |
| |288
| |
| |1672 ई.
| |
| |अफ्रीदी तथा सतनामी विद्रोह, दम लौहेम के नेतृत्व में फ़्राँसीसियों ने श्रीलंका में त्रिंकोमाली तथा [[चेन्नई]] के निकट सेंट टोम पर अधिकार, कुछ समय के पश्चात् डचों ने फ़्राँसीसियों से दोनों स्थानों को छीन लिया।
| |
| |-
| |
| |289
| |
| |1673 ई.
| |
| |[[शिवाजी]] का [[सूरत]] पर तीसरा आक्रमण, हिन्दी कवि धनानंद का जन्म।
| |
| |-
| |
| |290
| |
| |1674 ई.
| |
| |फ़्राँसीसी कप्तान फ़्राँसिस मार्टिन के द्वारा [[पांण्डिचेरी]] की स्थापना, [[शिवाजी]] द्वारा राज्याभिषेक (रायगढ़ में) तथा 'छत्रपति' की उपाधि धारण, 'स्वराज' की स्थापना।
| |
| |-
| |
| |291
| |
| |1675 ई.
| |
| |सिक्ख [[गुरु तेगबहादुर सिंह]] को [[औरंगज़ेब]] द्वारा मृत्युदण्ड।
| |
| |-
| |
| |292
| |
| |1677 ई.
| |
| |[[कर्नाटक]] में [[शिवाजी]] की विजय।
| |
| |-
| |
| |293
| |
| |1679 ई.
| |
| |[[औरंगज़ेब]] द्वारा [[जज़िया]] कर पुनः आरोपित, मारवाड़ अभियान।
| |
| |-
| |
| |294
| |
| |1680 ई.
| |
| |[[शिवाजी]] की मृत्यु, शंभाजी पेशवा बना, अलंकारवादी हिन्दी कवि केशवदास का जन्म।
| |
| |-
| |
| |295
| |
| |1681 ई.
| |
| |[[असम]] पुनः स्वतंत्र, [[औरंगज़ेब]] का दक्षिण में अभियान।
| |
| |-
| |
| |296
| |
| |1685 ई.
| |
| |अंग्रेज़ कम्पनी का मुख्य व्यापार कार्यालय सूरत से बम्बई स्थानान्तरित।
| |
| |-
| |
| |297
| |
| |1686 ई.
| |
| |[[औरंगज़ेब]] का [[बीजापुर]] पर अधिकार।
| |
| |-
| |
| |298
| |
| |1687 ई.
| |
| |[[गोलकुण्डा]] मुग़ल साम्राज्य में सम्मिलित, अंग्रेज़ कम्पनी द्वारा [[औरंगज़ेब]] के विरुद्ध युद्ध की घोषणा।
| |
| |-
| |
| |299
| |
| |1689 ई.
| |
| |[[औरंगज़ेब]] द्वारा शंभाजी को प्राणदण्ड, [[राजाराम]] सत्तारूढ़, शाहू बन्दी बना।
| |
| |-
| |
| |300
| |
| |1699 ई.
| |
| |[[मालवा]] पर [[मराठा|मराठों]] का प्रथम आक्रमण।
| |
| |-
| |
| |301
| |
| |1700 ई.
| |
| |शंभाजी के छोटे भाई [[राजाराम]] की मृत्यु, ताराबाई के संरक्षण में [[शिवाजी]] द्वितीय (राजाराम का पुत्र) गद्दी पर बैठा।
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| |302
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| |1702 ई.
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| |[[इंग्लैंण्ड]] में रानी ऐन गद्दी पर बैठीं, गोडोल्फिन के हस्तक्षेप से पुरानी और नयी कम्पनियों को एकीकरण कर नयी [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] का उदय।
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| |303
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| |1703 ई.
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| |[[मराठा|मराठों]] का बरार पर आक्रमण।
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| |304
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| |1706 ई.
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| |[[मराठा|मराठों]] का [[गुजरात]] पर आक्रमण, बड़ौंदा ध्वस्त।
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| |305
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| |1707 ई.
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| |[[औरंगज़ेब]] की मृत्यु, बहादुरशाह प्रथम (राजकुमार मुहम्मद मुअज्जम) मुग़ल सम्राट बना, शाहु मुक्त, ताराबाई तथा शाहू समर्थकों के मध्य खेड़ा का युद्ध, [[मराठा साम्राज्य|मराठा राज्य]] दो भागों में विभक्त, सतारा में शाहू का राज्य तथा कोल्हापुर में ताराबाई (या शिवाजी द्वितीय) का राज्य, पेशवा बालाजी विश्वनाथ शाहू के साथ।
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| |306
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| |1708 ई.
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| |शाहू का राज्याभिषेक छत्रपति के रूप में, बालाजी विश्वनाथ को 'सेनाकर्ते' की उपाधि, सिखों के अन्तिम [[गुरु गोविंद सिंह]] का निधन (नादेड़ में)।
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| |307
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| |1712 ई.
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| |बहादुरशाह प्रथम की मृत्यु, जहाँदारशाह उत्तराधिकारी बना।
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| |-
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| |308
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| |1713 ई.
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| |जहाँदारशाह की हत्या, बंधुओं की मदद से फ़र्रुख़सियार सिंहासनारूढ़।
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| |309
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| |1714 ई.
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| |बालाजी विश्वनाथ की 'पेशवा' के पद पर पदोन्नति, हुसैन अली दक्षिण का सूबेदार, हुसैन अली की [[मराठा|मराठों]] से सन्धि।
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| |310
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| |1715 ई.
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| |सिख नेता बन्दा बहादुर को प्राणदण्ड।
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| |311
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| |1717 ई.
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| |[[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] को बादशाह फ़र्रुख़सियर का स्वतंत्र व्यापार (ड्यूटी-फ़्री) फ़रमान, [[कलकत्ता]] के निकट 37 गावों को ख़रीदने का अधिकार भी मिला।
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| |312
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| |1719 ई.
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| |फ़र्रुख़सियर की हत्या, मुहम्मदशाह (रोशन अख़्तर) गद्दी पर आसीन (दो अल्पकालिक शासकों रफ़ी-उद-दौला तथा रफ़ी-उद-दरजात की मृत्यु के उपरान्त), मुग़ल सम्राट द्वारा सनद प्रदान कर चौथ तथा सदरेशमुखी वसूलने का अधिकार तथा दक्कन के 6 सूबों को स्वराज्य प्रदान किया गया।
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| |313
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| |1720 ई.
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| |बाजीराव प्रथम पेशवा बने, सैय्यद बन्धुओं का अन्त, [[मराठा|मराठों]] का उत्तरी अभियान प्रारम्भ।
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| |314
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| |1723 ई.
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| |[[शिवाजी]] के गुरु समर्थ रामदास की मृत्यु, पेशवा का [[मालवा]] पर आक्रमण।
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| |-
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| |315
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| |1724 ई.
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| |सआदत ख़ाँ अवध का सूबेदार नियुक्त, दक्षिण में निज़ाम स्वतंत्र।
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| |-
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| |316
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| |1725 ई.
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| |शुजाउद्दीन बंगाल का सूबेदार।
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| |-
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| |317
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| |1731 ई.
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| |गॉटनबर्ग में सम्राट फ़्रेडरिक द्वारा 'स्वीडिश ईस्ट इंडिया' का गठन।
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| |-
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| |318
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| |1735 ई.
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| |मुग़ल बादशाह द्वारा पेशवा बाजीराव प्रथम को [[मालवा]] के शासक के रूप में स्वीकृति।
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| |-
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| |319
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| |1738 ई.
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| |गोस्वामी [[तुलसीदास]] ([[रामचरितमानस]] क रचयिता) का निधन।
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| |320
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| |1739–40 ई.
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| |[[दिल्ली]] पर [[नादिरशाह]] का आक्रमण, कोहिनूर हीरा एवं तख़्तेताऊस नादिरशाह के क़ब्ज़े में, खुरासान में नादिरशाह की उसके ही सेनापतियों के द्वारा हत्या।
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| |321
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| |1740 ई.
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| |सरफ़राज ख़ाँ की हत्या कर अलीवर्दी ख़ाँ बंगाल का नवाब बना, बालाजी बाजीराव पेशवा बने, अरकाट पर [[मराठा|मराठों]] का आक्रमण।
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| |-
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| |322
| |
| |1742 ई.
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| |बंगाल पर [[मराठा|मराठों]] का आक्रमण, डूप्ले [[पांण्डिचेरी]] का गवर्नर नियुक्त।
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| |-
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| |323
| |
| |1744 ई.
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| |[[यूरोप]] में [[फ्राँस]] तथा [[इंग्लैण्ड]] के बीच युद्ध आरम्भ, दोनों के विभिन्न उपनिवेशों में तनाव तथा संघर्ष।
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| |-
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| |324
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| |1746–48 ई.
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| |प्रथम [[कर्नाटक]] (आंग्ल-फ़्राँसीसी) युद्ध।
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| |325
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| |1745 ई.
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| |रूहेलखण्ड रुहिल्लों के अधिकार में।
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| |-
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| |326
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| |1746 ई.
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| |ला बूर्डोने के नेतृत्व में फ़्राँसीसियों का [[चेन्नई]] पर अधिकार।
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| |-
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| |327
| |
| |1747 ई.
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| |[[अहमदशाह अब्दाली]] का भारत पर आक्रमण।
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| |-
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| |328
| |
| |1748 ई.
| |
| |[[हैदराबाद]] के निज़ाम आसफ़जाह की मृत्यु, पुत्र नासिर जंग तथा मुजफ़्फ़र जंग में सत्ता के लिए संघर्ष, संघर्ष के कारण निज़ाम का प्रभाव क्षीण तथा गद्दी के लिए [[कर्नाटक]] के नवाब चंदा साहिब तथा नवाब अनवरुद्दीन के बीच संघर्ष।
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| |-
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| |329
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| |1748–51 ई.
| |
| |[[अहमदशाह अब्दाली]] का [[अफ़ग़ानिस्तान]] और [[पंजाब]] पर अधिकार, मुहम्मदशाह की मृत्यु के पश्चात् अहमदशाह मुग़ल बादशाह बना (1748)।
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| |-
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| |330
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| |1749 ई.
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| |[[यूरोप]] में ब्रिटिश और फ़्राँसीसियों के बीच 'एक्स-ला-शापेल' की सन्धि, भारत में अंग्रेज़ी और फ़्राँसीसी कम्पनियों में भी युद्ध विराम, फ़्राँसीसियों द्वारा [[चेन्नई]] अंग्रेज़ों को वापस, शाहू की मृत्यु तथा रामराज का छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक।
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| |-
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| |331
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| |1750–1754 ई.
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| |द्वितीय कर्नाटक युद्ध, डूप्ले की सहायता से चंदा साहिब की अनवरूद्दीन पर विजय, [[हैदराबाद]] की निज़ामत मुजफ़्फ़र जंग को दिलाने के लिए चंदा साहिब तथा डुप्ले का नासिर जंग पर सम्मिलित हमला, नासिर जंग को 600 सैनिकों की सहायता, [[कर्नाटक]] की गद्दी के लिए मुहम्मद अली को भी अंग्रेज़ी मदद।
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| |-
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| |332
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| |1751 ई.
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| |अरकाट के क़िले पर राबर्ट क्लाइब का अधिकार, जिससे फ़्राँसीसी त्रिचरापल्ली से हटे, मुजफ़्फ़रजंग की मृत्यु, सलावत जंग निज़ाम बना, अलीवर्दी ख़ाँ की [[मराठा|मराठों]] से सन्धि।
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| |-
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| |333
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| |1754 ई.
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| |डूप्ले फ़्राँस वापस, गोडेहू नया फ़्राँसीसी डायरेक्टर जनरल, गोडेहू तथा अंग्रेज़ गवर्नर सांडर्स के बीच सन्धि, दोनों का भारतीय रियासतों के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का निर्णय, फ़्राँसीसियों द्वारा अंग्रेज़ समर्थित मुहम्मद अली कर्नाटक का नवाब स्वीकृत, आलमगीर द्वितीय मुग़ल बादशाह बना।
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| |-
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| |334
| |
| |1756 ई.
| |
| |अलीवर्दी ख़ाँ की मृत्यु, सिराजुद्दौला बंगाल की गद्दी पर आसीन तथा [[कलकत्ता]] पर अधिकार, तीसरा कर्नाटक युद्ध।
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| |-
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| |335
| |
| |1757 ई.
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| |प्लासी की लड़ाई ([[23 जून]]) में अंग्रेज़ों द्वारा सिराजुद्दौला पराजित, मीरजाफ़र नवाब बनाया गया ([[28 जून]]), अंग्रेज़ों का [[कलकत्ता]] पर पुनः अधिकार, सिराजुद्दौला को मृत्युदण्ड ([[2 जुलाई]]), अंग्रेज़ों का राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित।
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| |336
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| |1758 ई.
| |
| |फ़्राँसीसी गवर्नर लाली का भारत आगमन, अंग्रेज़ों के विरुद्ध अभियान आरम्भ, फोर्ट सेंट डेविड पर क़ब्ज़ा, [[पंजाब]] पर [[मराठा|मराठों]] का अधिकार।
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| |-
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| |337
| |
| |1759
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| |बंगाल में अंग्रेज़ों द्वारा डच पराजित, [[बीदर]] का युद्ध, गजीउद्दीन द्वारा आलमगीर द्वितीय की हत्या, शाहआलम द्वितीय बादशाह बना (1759-1806)।
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| |-
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| |338
| |
| |1760 ई.
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| |वांडीवास के युद्ध में अंग्रेज़ों के हाथों फ़्राँसीसी पराजित, क्लाइब [[इंग्लैण्ड]] वापस, मीर क़ासिम बंगाल का नवाब बना।
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| |339
| |
| |1761 ई.
| |
| |[[अहमदशाह अब्दाली]] तथा [[मराठा|मराठों]] के बीच पानीपत का तीसरा युद्ध (14 जनवरी), मराठे पराजित, फ़्राँसीसियों द्वारा [[पांण्डिचेरी]] अंग्रेज़ों को समर्पित, पेशवा बाजीराव का निधन, माधवराज सिंहासनारूढ़, हैदर अली [[मैसूर]] का नवाब, [[अवध]] का नवाब शुजाउद्दौला वज़ीर बना।
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| |-
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| |340
| |
| |1762 ई.
| |
| |माधवराव के सिंहासनारूढ़ होने के उपरान्त रघुनाथ राव द्वारा निज़ाम से मदद की माँग।
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| |-
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| |341
| |
| |1763 ई.
| |
| |अंग्रेज़ों द्वारा [[पांण्डिचेरी]] फ़्राँसीसियों को वापस, बंगाल एवं [[बिहार]] पर मीर क़ासिम का अधिकार समाप्त, मीर क़ासिम निष्कासित, मीरजाफ़र पुनः नबाब बना, रघुनाथ राव का सत्ता पर क़ब्ज़ा, माधवराव बन्दी।
| |
| |-
| |
| |342
| |
| |1764 ई.
| |
| |बक्सर का युद्ध, शाह आलम, शुजाउद्दौला तथा क़ासिम की संयुक्त सेनायें अंग्रेज़ों से पराजित।
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| |-
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| |343
| |
| |1765 ई.
| |
| |क्लाइब द्वारा दूसरी बार पुनः बंगाल का गवर्नर बनकर वापस आया, शुजाउद्दौला शाहआलम तथा [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] के मध्य [[इलाहाबाद]] की सन्धि, शाहआलम ने [[बिहार]], बंगाल तथा [[उड़ीसा]] की दीवानी कम्पनी को सौंपी, मीरजाफ़र की मृत्यु।
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| |-
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| |344
| |
| |1766 ई.
| |
| |निज़ाम ने उत्तरी सरकार (Northern Sarkars) क्षेत्र अंग्रेज़ों को दिया।
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| |-
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| |345
| |
| |1767 ई.
| |
| |क्लाइब [[इंग्लैण्ड]] वापस, वेरेलस्ट बंगाल का गवर्नर बना।
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| |-
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| |346
| |
| |1767–69 ई.
| |
| |[[मैसूर युद्ध|प्रथम मैसूर युद्ध]], अंग्रेज़ों ने अपमानजनक शर्तों पर हैदर अली से सन्धि की, हैदर अली का [[चेन्नई]] अभियान।
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| |-
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| |347
| |
| |1769 ई.
| |
| | निज़ाम और [[मराठा|मराठों]] के साथ अंग्रेज़ों की [[चेन्नई]] सन्धि।
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| |-
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| |348
| |
| |1770 ई.
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| |बंगाल में भीषण दुर्भिक्ष, पेरिस में दिवालिया हो जाने के कारण फ़्राँसीसी [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] भंग।
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| |-
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| |349
| |
| |1771 ई.
| |
| |[[मराठा|मराठों]] का हैदर अली पर आक्रमण, [[दिल्ली]] पर [[मराठा|मराठों]] का क़ब्ज़ा, शाहआलम को अंग्रेज़ों के बन्धन से मुक्ति।
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| |-
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| |350
| |
| |1772 ई.
| |
| |वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्न नियुक्त, [[मराठा|मराठों]] का रुहेलखण्ड पर आक्रमण, भारतीय मामलों के लिए ब्रिटिश संसद की दो संसदीय समितियों का गठन, पेशवा माधवराव की मृत्यु, नारायण राव पेशवा बना पर ही शीघ्र मृत्यु, [[अवध]] के नवाब और रुहिल्लों का [[मराठा|मराठों]] के विरुद्ध समझौता, कम्पनी द्वारा द्वैध शासन के समाप्ति की तथा खुद दीवान का कार्य अपने हाथों में लेने की घोषणा।
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| |-
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| |351
| |
| |1772–1833 ई.
| |
| |[[राजा राममोहन राय]] का जीवनकाल।
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| |-
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| |352
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| |1773 ई.
| |
| |ब्रिटिश संसद द्वारा रेग्युलेटिंग एक्ट पारित, कम्पनी पर संसद का आंशिक नियंत्रण, [[चेन्नई]] तथा [[बम्बई]] प्रेसीडेन्सियों पर [[कलकत्ता]] प्रेसीडेन्सी का आंशिक नियंत्रण, रघुनाथ राव पेशवा बना, अंग्रेज़ों और [[अवध]] के नवाब के बीच रुहेलखण्ड पर संयुक्त रूप से चढ़ाई का समझौता।
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| |-
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| |353
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| |1774 ई.
| |
| |वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्नर जनरल बना, [[कलकत्ता]] में पहले उच्चतम न्यायालय की स्थापना, नारायण राव पेशवा बना।
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| |-
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| |354
| |
| |1775 ई.
| |
| |कम्पनी और [[अवध]] के वज़ीर आसफ़ुद्दौला के बीच (एक-दूसरे के विरुद्ध कार्यवाही न करने की) मैत्री सन्धि, नवाब ने अंग्रेज़ों से सैन्य सहायता लेने के बदले 2,60,000 रुपये प्रतिमाह देना स्वीकार किया, नन्द कुमार पर मुक़दमा तथा मृत्युदण्ड (6 मई), रघुनाथ राव तथा अंग्रेज़ों के बीच [[सूरत]] की सन्धि।
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| |-
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| |355
| |
| |1775–1782 ई.
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| |प्रथम आंग्ल [[मराठा]] युद्ध।
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| |-
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| |356
| |
| |1776 ई.
| |
| |अंग्रेज़ों (कर्नल आप्टन) तथा [[मराठा|मराठों]] (रघुनाथ राव के विरोधियों) के बीच पुरन्दर की सन्धि।
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| |-
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| |357
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| |1777 ई.
| |
| |सन् 1857 के विद्रोही वीर कुँवर सिंह का जन्म।
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| |-
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| |358
| |
| |1778 ई.
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| |[[यूरोप]] में अंग्रेज़-फ़्राँस युद्ध, भारत में फ़्राँसीसी उपनिवेशों पर अंग्रेज़ों का अधिकार।
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| |-
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| |359
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| |1779 ई.
| |
| |[[मराठा|मराठों]] तथा अंग्रेज़ों के बीच बड़गाँव समझौता (Convention of Wadgaon) [[मराठा|मराठों]] ने 1773 में खोए हुए क्षेत्र पुनः प्राप्त किए, हैदर अली, [[हैदराबाद]] के निज़ाम तथा [[मराठा|मराठों]] अंग्रेज़ों का विरोध करने को एकजुट।
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| |-
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| |360
| |
| |1780 ई.
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| |कैप्टन पोफम के नेतृत्व में कम्पनी का [[ग्वालियर]] पर अधिकार, [[मैसूर युद्ध|द्वितीय मैसूर युद्ध]] प्रारम्भ, हैदर अली द्वारा [[कर्नाटक]] ध्वस्त, महाराजा रणजीत सिंह का जन्म, जेम्स हिक्की द्वारा 'बंगाल गजट' का प्रकाशन।
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| |-
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| |361
| |
| |1781 ई.
| |
| |कम्पनी ने [[बनारस]] के राजा चेतसिंह को गद्दी से हटाया, पोर्टोनोवा में हैदर अली पराजित, रेग्युलेंटिग एक्ट में संशोधन, वारेन हेस्टिंग्स द्वारा 'कलकत्ता मदरसा' की स्थापना, बंगाल में 'बोर्ड आफ़ रेवेन्यू' की स्थापना।
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| |-
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| |362
| |
| |1782 ई.
| |
| |अंग्रेज़, [[मराठा]] और हैदर अली के बीच 'सल्बाई की सन्धि' हैदर अली की मृत्यु, बंगाल की खाड़ी में अंग्रेज़ों तथा फ़्राँसीसियों के बीच नौसेनिक युद्ध, अंग्रेज़ों की मदद से आसफ़ुद्दौला द्वारा [[अवध]] की बेगमों से धन उगाही।
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| |-
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| |363
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| |1782–99 ई.
| |
| |[[टीपू सुल्तान]] [[मैसूर]] का शासक बना।
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| |-
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| |364
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| |1783 ई.
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| |फाक्स का इंडिया बिल ब्रिटिश संसद में अस्वीकृत।
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| |-
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| |365
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| |1784 ई.
| |
| |[[टीपू सुल्तान]] के साथ 'मंगलौर की सन्धि', द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध की समाप्ति, भारतीय मामलों के लिए 'बोर्ड आफ़ कंट्रोल' की स्थापना हेतु पिट का इंडिया एक्ट ब्रिटिश संसद में पारित, 'एसियाटिक सोसाइटी आफ़ बंगाल' की स्थापना।
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| |-
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| |366
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| |1785 ई.
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| |वारेन हेस्टिंग्स का त्यागपत्र, [[पंजाब]] में सिखों का आधिपत्य, [[दिल्ली]] पर महादजी सिंधिया का अधिकार।
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| |-
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| |367
| |
| |1786–1793 ई.
| |
| |लार्ड कार्नवालिस बंगाल का गवर्नर जनरल, गवर्नर जनरल को अपने परिषद् के निर्णय को निरस्त करने की व्यवस्था।
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| |368
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| |1787 ई.
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| |[[टीपू सुल्तान]] ने पेरिस और कुस्तुनतुनिया में दूत भेजा, [[मराठा]], निज़ाम तथा टीपू के बीच सन्धि, मराठा लाभान्वित, विलियम विलबरफ़ोर्स द्वारा 'दासता-विरोधी (Anti-slavery) लीग' की स्थापना।
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| |369
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| |1788 ई.
| |
| |ग़ुलाम क़ादिर रुहिल्ला का [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा, ग़ुलाम क़ादिर ख़ान द्वारा शाहआलम द्वितीय को नेत्रहीन बनाया गया, बेदार बख़्त दिल्ली की गद्दी पर आसीन।
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| |-
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| |370
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| |1788–1795 ई.
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| |वारेन हेस्टिंग्स पर महाभियोग।
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| |-
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| |371
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| |1789–90 ई.
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| |[[टीपू सुल्तान]] का श्रावणकोर पर अधिकार।
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| |-
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| |372
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| |1789–1802 ई.
| |
| |[[मराठा|मराठों]] का दिल्ली पर अधिकार।
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| |-
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| |373
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| |1790–92 ई.
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| |[[मैसूर युद्ध|तृतीय मैसूर युद्ध]] ([[टीपू सुल्तान]] और अंग्रेज़, [[मराठा]] की संयुक्त सेना के बीच)।
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| |-
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| |374
| |
| |1792 ई.
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| |श्रीरंगपट्टम की सन्धि के साथ [[मैसूर युद्ध|तृतीय मैसूर युद्ध]] समाप्त, [[पंजाब]] में रणजीत सिंह सुकरचकिया-मिसल के मुखिया, जोनाथन डंकन द्वारा [[वाराणसी]] में राजकीय संस्कृत महाविद्यालय (बाद में संस्कृत विश्वविद्यालय) की स्थापना।
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| |-
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| |375
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| |1793–1798 ई.
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| |बंगाल के गवर्नर जनरल सर जॉन शोर का कार्यकाल।
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| |-
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| |376
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| |1793 ई.
| |
| |बंगाल में भू-राजस्व का स्थायी बंदोबस्त, ब्रिटिश संसद द्वारा भारत में युद्ध नियंत्रण विधेयक पारित। [[पांण्डिचेरी]] पर अंग्रेज़ों का अधिकार, कम्पनी के चार्टर का नवीनीकरण।
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| |-
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| |377
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| |1794 ई.
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| |[[पूना]] में महादजी सिंधिया (शिंदे) का निधन।
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| |-
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| |378
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| |1795 ई.
| |
| |ख़र्दा के युद्ध में निज़ाम का [[मराठा|मराठों]] के समक्ष समर्पण, इन्दौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर का निधन, जोनाथन डंकन [[बम्बई]] का गवर्नर नियुक्त।
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| |379
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| |1796 ई.
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| |पेशवा माधवराव नारायण की मृत्यु, बाजीराव द्वितीय पेशवा नियुक्त, अंग्रेज़ों द्वारा [[श्रीलंका]] को डचों से मुक्त कराया गया।
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| |380
| |
| |1797 ई.
| |
| |[[अहमद शाह अब्दाली]] के पोते जमान शाह का [[पंजाब]] पर आक्रमण। [[लाहौर]] पर अधिकार। [[अवध]] में नवाब आसफ़ुद्दौला की मृत्यु। वज़ीर अली नये नवाब (अवध), श्रीरंगपट्टम में 60 फ़्राँसीसियों द्वारा 'जैकोबिन क्लब' की स्थापना।
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| |-
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| |381
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| |1798–1805 ई.
| |
| |लार्ड वेलेजली बंगाल का गवर्नर-जनरल।
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| |-
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| |382
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| |1798 ई.
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| |आजिद अली को हटाकर सआदत अली [[अवध]] का नवाब बना, निज़ाम द्वारा आश्रम-सन्धि पर हस्ताक्षर, [[टीपू सुल्तान]] के विरुद्ध अंग्रेज़, पेशवा और निज़ाम में एकता, टीपू ने फ़्राँसीसी उपनिवेश मारिशस को दूत भेजा, नेपोलियन बोनापार्ट का [[मिस्र]] अभियान।
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| |383
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| |1799 ई.
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| |नेपोलियन के काहिरा से लिखे पत्र में [[टीपू सुल्तान]] को अंग्रेज़ों से मुक्ति दिलाने का आश्वासन। [[मैसूर युद्ध|चौथे मैसूर युद्ध]] में टीपू की मृत्यु। [[मैसूर]] विभाजन। मैसूर राजवंशज कृष्णराज गद्दी पर आसीन। जमान शाह द्वारा रणजीत सिंह [[लाहौर]] का सूबेदार नियुक्त। मैल्कम के नेतृत्व में अंग्रेज़ दूतमंण्डल [[ईरान]] पहुँचा। विलियम केरी द्वारा सेरामपुर में बैप्टिस्ट मिशन स्थापित।
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| |384
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| |1800 ई.
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| |पेशवा और अंग्रेज़ों के बीच बसीन की सन्धि, अंग्रेज़ों द्वारा पेशवा पुनः पूना की गद्दी पर अधिष्ठापित।
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| |385
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| |1803 ई.
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| |द्वितीय आंग्ला मराठा युद्ध (1803-05) में [[मराठा|मराठों]] की पराजय। [[अलीगढ़]] पर अंग्रेज़ों का अधिकार। भोंसले के साथ कम्पनी की 'देवगाँव की सन्धि' तथा सिंधिया के साथ 'सुर्जी-अर्जनगाँव की सन्धि'।
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| |-
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| |386
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| |1804 ई.
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| |होल्कर के साथ युद्ध में कर्नल मोन्सन पराजित। बादशाह शाहआलम द्वितीय ब्रिटिश संरक्षण के अधीन।
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| |-
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| |387
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| |1805 ई.
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| |अंग्रेज़ों का [[भरतपुर]] का घेरा असफल, लार्ड वेलेजली को [[इंग्लैंण्ड]] वापस बुलाया गया, कार्नवालिस की मृत्यु, होल्कर के साथ सन्धि।
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| |-
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| |388
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| |1805–1807 ई.
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| |सर जॉर्ज बार्लो [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] का गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |389
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| |1806 ई.
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| |[[अकबर]] द्वितीय शाहआलम द्वितीय का उत्तराधिकारी बना, वेल्लोर सैनिक विद्रोह।
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| |-
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| |390
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| |1807–1813 ई.
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| |लार्ड मिण्टो प्रथम बंगाल का गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |391
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| |1807–1808 ई.
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| |नेपोलियन की भारत पर संयुक्त फ़्राँसीसी-रूसी अभियान योजना।
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| |-
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| |392
| |
| |1808 ई.
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| |मैल्कम के नेतृत्व में फ़ारस तथा एल्फिन्स्टन के नेतृत्व में काबुल के लिए अंग्रेज़ दूतमण्डल भेजा गया।
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| |-
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| |393
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| |1809 ई.
| |
| |अंग्रेज़ों और रणजीत सिंह के बीच '[[अमृतसर]] की सन्धि' ([[25 अप्रैल]])। सतलज पूर्व की पंजाबी रियासत अंग्रेज़ों के संरक्षण में। रणजीत सिंह शासक स्वीकृत।
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| |-
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| |394
| |
| |1809–1811 ई.
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| |रणजीत सिंह का कांगड़ा पर क़ब्ज़ा।
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| |-
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| |395
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| |1813–1823 ई.
| |
| |लार्ड हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |396
| |
| |1813 ई.
| |
| |कम्पनी का चार्टर नवीनीकृत, शिक्षा पर सालाना एक लाख रुपये ख़र्च करने का प्रावधान।
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| |-
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| |397
| |
| |1814–1816 ई.
| |
| |[[नेपाल]] के साथ युद्ध। गोरखा तथा कम्पनी के बीच 'संगौली की सन्धि' (1816) में।
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| |-
| |
| |398
| |
| |1815 ई.
| |
| |[[राममोहन राय राजा|राममोहन राय]] द्वारा 'आत्मीय सभा' की स्थापना। वाटरलू का युद्ध।
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| |-
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| |399
| |
| |1817 ई.
| |
| |[[कलकत्ता]] में हिन्दू कॉलेज की स्थापना (डेविड हेयर तथा [[राममोहन राय राजा|राममोहन राय]] द्वारा)।
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| |-
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| |400
| |
| |1817–1818 ई.
| |
| |सेरामपुर ईसाई मिशनरी संस्था द्वारा भारतीय भाषा ([[बांग्ला]]) में 'समाचार दर्पण' नाम का पहला साप्ताहिक प्रकाशित। पेशवा बाजीराब द्वितीय का समर्पण।
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| |-
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| |401
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| |1819–1827 ई.
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| |एलफिंस्टन [[बम्बई]] के गवर्नर।
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| |-
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| |402
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| |1819 ई.
| |
| |पेशवा पद की समाप्ति। ब्रिटिश वृत्तिभोगी की हैसियत से पेशवा बाजीराव द्वितीय को [[बिठूर]] निवास, राजपूताना के राजाओं के साथ सुरक्षात्मक सन्धि। [[तात्या टोपे]] का जन्म।
| |
| |-
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| |403
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| |1820 ई.
| |
| |मुनरो मद्रास का गवर्नर बना। (दक्षिण भारत)
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| |-
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| |404
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| |1821 ई.
| |
| |[[पूना]] में [[संस्कृत]] कॉलेज की स्थापना।
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| |-
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| |405
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| |1822 ई.
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| |[[बम्बई]] में 'नेटिव एजुकेशन सोसाइटी' की स्थापना। 'बम्बई समाचार' प्रकाशित।
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| |-
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| |406
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| |1823–1828 ई.
| |
| |लार्ड एमहर्स्ट बंगाल का गवर्नर जनरल नियुक्त।
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| |-
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| |407
| |
| |1823 ई.
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| |प्रेस आर्डिनेन्स के विरुद्ध [[राममोहन राय राजा|राजाराममोहन राय]] का ज्ञापन। (इसके बाद कार्यवाहक गवर्नर-जनरल एडम्स ने मुद्रणालयों के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया था)।
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| |-
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| |408
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| |1824 ई.
| |
| |बैरकपुर में सैनिक विद्रोह (अधिक भत्ते की मांग पर)।
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| |-
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| |409
| |
| |1824–26 ई.
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| |प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध। याण्डबू की सन्धि। अराकान तथा तेनासरीम ब्रिटिश साम्राज्य में शामिल।
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| |-
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| |410
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| |1824–1883 ई.
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| |स्वामी [[दयानन्द सरस्वती]] का जीवनकाल, आर्यसमाज की स्थापना (1875 में)।
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| |-
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| |411
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| |1825 ई.
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| |प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी दादाभाई नौरोजी का जन्म ([[4 सितम्बर]])।
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| |-
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| |412
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| |1826 ई.
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| |[[भरतपुर]] पर अंग्रेज़ों का अधिकार।
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| |-
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| |413
| |
| |1827 ई.
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| |पहला वाष्पचालित युद्धपोत 'इंटरप्राइज' मद्रास पहुँचा। (दक्षिण भारत)
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| |-
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| |414
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| |1828–1833 ई.
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| |विलियम बैंटिक बंगाल का गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |415
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| |1828 ई.
| |
| |[[राममोहन राय राजा|राममोहन राय]] द्वारा 'ब्रह्म समाज की स्थापना'। ऐकेडमिक एसोसिएशन स्थापित।
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| |-
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| |416
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| |1829 ई.
| |
| |विलियम बैंटिक द्वारा सती प्रथा ग़ैरक़ानूनी घोषित।
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| |-
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| |417
| |
| |1829–1837 ई.
| |
| |बैंटिक द्वारा ठगों का दमन।
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| |-
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| |418
| |
| |1830 ई.
| |
| |[[राजा राममोहन राय]] द्वारा [[इंग्लैंण्ड]] भ्रमण। धर्मसभा द्वारा [[कलकत्ता]] में सती प्रथा पर प्रतिबन्ध लगाने के विरोध में सभा। ईश्वरचन्द्र गुप्ता द्वारा बंगाल मासिक 'संवाद प्रभाकर' प्रकाशित।
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| |-
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| |419
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| |1831 ई.
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| |[[मैसूर]] का राजा पदच्युत। शासन ब्रिटिश सरकार के हाथ में, रोपड़ में विलियम बैंटिक और रणजीत सिंह की भेंट।
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| |-
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| |420
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| |1832 ई.
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| |[[असम]] के जैतिया क्षेत्र पर अंग्रेज़ों का आधिपत्य।
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| |-
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| |421
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| |1833 ई.
| |
| |कम्पनी के चार्टर का नवीनीकरण, वैधानिक शक्ति का केन्द्रीयकरण। बंगाल का गवर्नर जनरल पहली बार भारत के गवर्नर जनरल के नाम से जाने लगा, भारतीय विधि आयोग की नियुक्ति, [[ब्रिटेन]] में दास-प्रथा पर प्रतिबंध लगाया गया।
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| |-
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| |422
| |
| |1833–1835 ई.
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| |लार्ड विलियम बैंटिक भारत का गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |423
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| |1834 ई.
| |
| |कुर्ग पर अंग्रेज़ों का आधिपत्य। लार्ड मैकाले सुप्रीम कौंसिल में पहला विधि सदस्य नियुक्त। सरकार द्वारा चाय बाग़ानों की स्थापना। [[आगरा]] प्रान्त की स्थापना।
| |
| |-
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| |424
| |
| |1835–1836 ई.
| |
| |सर चार्ल्स मेटकाफ कार्यकारी गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |425
| |
| |1835 ई.
| |
| |सर मेटकाफ द्वारा समाचार पत्रों पर से प्रतिबन्ध समाप्त। मैकाले का शिक्षा नीति पर प्रस्ताव। अंग्रेज़ी ([[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] के स्थान पर) पहली बार सरकारी भाषा बनी। कम्पनी ने पहली बार अपने सिक्के जारी किए (बिना [[मुग़ल]] सम्राट के नाम के)। [[कलकत्ता]] मेडिकल कॉलेज की स्थापना। कलकत्ता के हिन्दू कॉलेज में धर्मसभा के तत्वाधान में पश्चिमी ढंग की पहली सार्वजनिक सभा ([[30 जनवरी]]) जिसमें रामकमल सेन ने मांग की थी कि सभी ज़मीदारों तथा रैय्यतों के जीवन के मूलभूत सामाजिक आर्थिक प्रश्नों पर विचार-विमर्श करे।
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| |-
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| |426
| |
| |1836–1842 ई.
| |
| |लार्ड आकलैंण्ड गवर्नर-जनरल।
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| |-
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| |427
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| |1837 ई.
| |
| |[[अकबर]] द्वितीय का उत्तराधिकारी बहादुरशाह द्वितीय 'जफ़र' गद्दी पर आसीन, महारानी विक्टोरिया गद्दी पर आसीन।
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| |-
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| |428
| |
| |1838 ई.
| |
| |[[अफ़ग़ानिस्तान]] के भू॰ पू॰ शासक शाहशुजा, रणजीत सिंह तथा अंग्रेज़ों के बीच 'त्रिपक्षीय सन्धि'। [[काबुल]]-कंधार पर अंग्रेज़ों का अधिकार। '[[कलकत्ता]] सोसाइटी फॉर द एक्यूजीशन आफ़ जनरल नालेज' नाम की साहित्यिक वैचारिक संस्था की स्थापना, केशवचन्द्र सेन का जन्म ([[19 नवम्बर]])।
| |
| |-
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| |429
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| |1839 ई.
| |
| |महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु। [[कलकत्ता]] तथा [[दिल्ली]] के बीच जी॰ टी॰ रोड का कार्य आरम्भ। अंग्रेज़ों द्वारा शाहशुजा को [[काबुल]] का अमीर (बाद में यूनाइटेड इंडिया एसोसियशन) की स्थापना ([[9 फरवरी]])। लन्दन में ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी की स्थापना।
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| |-
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| |430
| |
| |1839–1842 ई.
| |
| |प्रथम आंग्ल-अफ़ग़ान युद्ध।
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| |-
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| |431
| |
| |1840 ई.
| |
| |अफ़ग़ान कबाइलियों का विद्रोह, दोस्त मुहम्मद पदच्युत, मैन्चेस्टर में 'नार्दन सेंट्रल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी' की स्थापना।
| |
| |-
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| |432
| |
| |1841 ई.
| |
| |[[कलकत्ता]] में 'देश हितेषणी सभा' की स्थापना ([[3 अक्टूबर]])।
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| |-
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| |433
| |
| |1841–1844 ई.
| |
| |लार्ड एलनबरो गवर्नर जनरल।
| |
| |-
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| |434
| |
| |1842 ई.
| |
| |[[अफ़ग़ानिस्तान]] में अंग्रेज़ी सेना का संहार। [[काबुल]] पर पुनः आधिपत्य। दोस्त मुहम्मद पुनः अमीर बना। एलनबरो की शिमला घोषणा। अफ़ग़ानिस्तान से अंग्रेज़ी सैनिक वापस।
| |
| |-
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| |435
| |
| |1843 ई.
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| |सिन्ध पर अंग्रेज़ों का आधिपत्य। दासप्रथा पर प्रतिबन्ध। 'बंगाल ब्रिटिश इंडिया सोसाइटी' की स्थापना।
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| |-
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| |436
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| |1844–1848 ई.
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| |लार्ड हार्डिंग गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |437
| |
| |1844 ई.
| |
| |लार्ड हार्डिंग द्वारा सरकारी नौकरियों में अंग्रेज़ी शिक्षित भारतीयों को नियुक्ति देने का निर्णय। कांग्रेसी नेता दिनशा एदुलजी वाचा का जन्म।
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| |-
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| |438
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| |1845–46 ई.
| |
| |प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध में सिख पराजित।
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| |-
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| |439
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| |1846
| |
| |अंग्रेज़ों तथा सिखों के बीच [[लाहौर]] की सन्धि।
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| |-
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| |440
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| |1847 ई.
| |
| |रुड़की में प्रथम इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना।
| |
| |-
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| |441
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| |1848–1856 ई.
| |
| |लार्ड डलहौजी गवर्नर जनरल।
| |
| |-
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| |442
| |
| |1848 ई.
| |
| |सतारा ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित। गोद लेने की प्रथा पर प्रतिबन्ध। [[बम्बई]] में 'स्टूडेंट्स लिटरेरी एंड साइंटिफिक सोसाइटी' की स्थापना।
| |
| |-
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| |443
| |
| |1848–1849 ई.
| |
| |दूसरे आंग्ल सिख युद्ध में सिख पराजित।
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| |-
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| |444
| |
| |1849 ई.
| |
| |[[पंजाब]], जैतपुरा तथा संभलपुर का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय। [[कलकत्ता]] में बेथुन द्वारा पहली कन्या पाठशाला की स्थापना। डलहौजी द्वारा [[मुग़ल]] राजवंश की समाप्ति पर विचार।
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| |-
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| |445
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| |1850 ई.
| |
| |[[सिक्किम]] का एक भाग अंग्रेज़ों के क़ब्ज़े में।
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| |-
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| |446
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| |1851 ई.
| |
| |[[कलकत्ता]] में 'ब्रिटिश इंडियन एसोसियशन' की स्थापना।
| |
| |-
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| |447
| |
| |1852 ई.
| |
| |द्वितीय आंग्ल-बर्मा युद्ध। रंगून तथा पेगू पर आधिपत्य। भूतपूर्व पेशवा बाजीराव द्वितीय की मृत्यु तथा उसकी पेंशन समाप्त। [[पूना]] में 'दक्कन एजुकेशन सोसायटी' की स्थापना। निज़ाम द्वारा बरार अंग्रेज़ों का समर्पित। कम्पनी के चार्टर का नवीनीकरण तथा पहली बार आई॰ सी॰ एस॰ परीक्षा प्रारम्भ। सस्ती डाक सेवा प्रारम्भ।
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| |-
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| |448
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| |1854 ई.
| |
| |बंगाल में नील विद्रोह।
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| |-
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| |449
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| |1855 ई.
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| |संथाल विद्रोह। पटसन उद्योग की शुरुआत। [[कलकत्ता]] में 'अंजुमने इस्लामी' (या मोहम्मडन एसोसिएशन) की स्थापना (मई 6)।
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| |-
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| |450
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| |1856 ई.
| |
| |[[अवध]] ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित। भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम। बंगाल विधान परिषद् द्वारा हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित। यूरोप में क्रीमिया युद्ध समाप्त। भारतीय सैनिकों को इनफील्ड रायफल और चर्बीयुक्त कारतूस प्रयोग के लिए दिये गये। [[कलकत्ता]] में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना।
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| |-
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| |451
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| |1856–62 ई.
| |
| |लार्ड कैनिंग गवर्नर जनरल।
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| |-
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| |452
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| |1857 ई.
| |
| |[[कलकत्ता]], [[बम्बई]] तथा मद्रास विश्वविद्यालयों की स्थापना। 1857 का विद्रोह, केशवचन्द्र सेन ब्रह्म समाज में शामिल, मंगल पाण्डे द्वारा लेफ्टिनेंट बाग की गोली मारकर हत्या।
| |
| |-
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| |453
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| |1858 ई.
| |
| |भारत का शासन [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] से ब्रिटिश सरकार के हाथों में। महारानी विक्टोरिया का घोषणा पत्र। लार्ड कैनिंग को वायसराय की एक अतिरिक्त उपाधि (तत्पश्चात् गवर्नर जनरल के साथ वायसराय का भी प्रयोग प्रारम्भ)। समाज सुधारक डी॰ के॰ कर्वे का जन्म ([[18 अप्रैल]])। जगदीश चन्द्र बोस का जन्म ([[30 नवम्बर]]), [[लखनऊ]] पर अंग्रेज़ों का पुनः अधिकार।
| |
| |-
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| |454
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| |1859 ई.
| |
| |गोद-प्रथा की समाप्ति की घोषणा रद्द। बंगाल में नील विद्रोह। कस्तूरी रंगा आयंगर का जन्म ([[15 दिसम्बर]])। जेम्स विल्सन (सुप्रीम कौंसिल का प्रथम वित्त सदस्य) द्वारा आयकर लागू। कागज़ के नोट जारी।
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| |-
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| |455
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| |1861 ई.
| |
| |भारतीय परिषद् अधिनियम तथा भारतीय हाईकोर्ट्स अधिनियम लागू। आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ़ इंडिया (ए॰ एस॰ आई॰) का गठन। दीनबंधु मित्र का नाटक 'नील-दर्पण' प्रकाशित। [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] का जन्म।
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| |-
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| |456
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| |1862 ई.
| |
| |सदर न्यायालय उच्च न्यायालयों के साथ एकीकृत। भारतीय दंड संहिता लागू।
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| |-
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| |457
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| |1862–63 ई.
| |
| |लार्ड एल्गिन प्रथम का [[वायसराय]] काल।
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| |-
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| |458
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| |1863 ई.
| |
| |[[कलकत्ता]] में अब्दुल लतीफ़ की प्रेरणा से 'मोहम्मडन एसोसिएशन' की स्थापना। [[पटना]] कॉलेज की स्थापना।
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| |-
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| |459
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| |1863–1902 ई.
| |
| |[[स्वामी विवेकानन्द]]।
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| |-
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| |460
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| |1864–69 ई.
| |
| |सर जॉन लॉरेंस वायसराय।
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| |-
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| |461
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| |1864 ई.
| |
| |सैय्यद अहमद द्वारा 'मोहम्मडन साइंटिफिक सोसायटी' की स्थापना। मद्रास में ब्रह्मसमाज की प्रेरणा से समान उद्देश्यों वाली संस्था स्थापित। बंकिमचन्द्र चटर्जी द्वारा 'दुर्गेश नन्दनी' उपन्यास की रचना। (दक्षिण भारत)
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| |-
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| |462
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| |1865 ई.
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| |[[यूरोप]] के साथ दूर संचार व्यवस्था का उदघाटन। [[उड़ीसा]] में दुर्भिक्ष।
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| |-
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| |463
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| |1866 ई.
| |
| |केशवचन्द्र सेन द्वारा 'भारतीय ब्रह्म समाज' की स्थापना। गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म। 'ईस्ट इंडिया एसोसिएशन' की स्थापना तथा बाद में 'लन्दन इंडिया सोसाइटी' का इसमें विलेय।
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| |-
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| |464
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| |1867 ई.
| |
| |ब्रह्मसमाज की प्रेरणा से [[बम्बई]] में प्रार्थना समाज की स्थापना। नवगोपाल मित्र द्वारा [[कलकत्ता]] में स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार के लिए वार्षिक मेले का उदघाटन। आयकर पुनः लागू किए जाने का विरोध। 'पूना सार्वजनिक सभा: स्थापित।
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| |-
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| |465
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| |1868 ई.
| |
| |अम्बाला से [[दिल्ली]] तक रेलवे लाइन का उदघाटन। शिशिर कुमार घोष द्वारा 'अमृत बाज़ार पत्रिका' प्रकाशित। भारत का प्रथम संध्या समाचार पत्र 'मद्रास-मेल' प्रकाशित।
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| |-
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| |467
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| |1869–72 ई.
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| |लार्ड मेयो का वायसराय काल।
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| |-
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| |468
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| |1869 ई.
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| |ड्यूक आफ़ एडिनबरा की भारत यात्रा। स्वेज नहर का उदघाटन। [[महात्मा गांधी]] का जन्म। ठक्कर बापा का जन्म।
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| |-
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| |469
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| |1870 ई.
| |
| |मेयो का प्रान्तीय बंदोबस्त। लाल सागर टेलीग्राफ़ की शुरुआत। देशबन्धु चितरंजनदास का जन्म ([[5 नवम्बर]])। एम॰ जी॰ रानाडे प्रार्थना सभा में शामिल।
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| |-
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| |470
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| |1872 ई.
| |
| |कूका विद्रोह। लार्ड मेयो की हत्या (पोर्ट ब्लेयर में)। आनन्द मोहन बोस द्वारा लन्दन में 'इंडियन सोसायटी' की स्थापना। जनगणना प्रारम्भ।
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| |1872–76 ई.
| |
| |लार्ड नार्थब्रुक वायसराय।
| |
| |-
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| |472
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| |1873 ई.
| |
| |[[लाहौर]] में स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार के लिए 'स्वदेशी सभा' स्थापित।
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| |473
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| |1874 ई.
| |
| |[[बिहार]] में दुर्भिक्ष।
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| |-
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| |474
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| |1875 ई.
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| |स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा 'आर्य समाज' की स्थापना। प्रिंस आफ़ वेल्स एडवर्ड की भारत यात्रा। सैय्यद अहमद द्वारा 'मोहम्मडन ऐंग्लो-ओरिएन्टल कॉलेज' ([[अलीगढ़]]) की स्थापना। [[अजमेर]] में 'मेयो कॉलेज' की स्थापना। अमेरिका में थियोसीफिकल सोसायटी की स्थापना। [[कलकत्ता]] में 'इंडिया लीग' की स्थापना।
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| |475
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| |1876–80 ई.
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| |लार्ड लिटन प्रथम का वायसराय काल।
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| |476
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| |1876 ई.
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| |क्केटा पर अंग्रेज़ी सेना का अधिकार। [[कलकत्ता]] में 'इंडियन एसोसिएशन' की स्थापना। आई॰ सी॰ एस॰ परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु सीमा में कटौती।
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| |477
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| |1877 ई.
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| |लिटन का [[दिल्ली]] दरबार। महारानी विक्टोरिया भारत की साम्राज्ञी घोषित। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी द्वारा दिल्ली में 'दिल्ली दरबार' के अवसर पर पहली 'नेटिव प्रेस ऐसोसिएशन' की स्थापना (वे स्वयं इसके सचिव बने)। आई॰ सी॰ एस॰ की परीक्षा लन्दन के साथ-साथ भारत में भी आयोजित किए जाने की मांग। सैय्यद अमीर अली ने 'नेशनल मोहम्मडन एसोसिएशन' की स्थापना की।
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| |478
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| |1878 ई.
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| |लिटन का वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लागू, दूसरा अफ़ग़ान युद्ध आरम्भ। कलकत्ता में भारतीय पत्रकारों की 'नेटिव प्रेस कांफ्रेंस' का पहला सम्मेलन। 'साधारण ब्रह्म समाज' की स्थापना।
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| |479
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| |1879 ई.
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| |अडयार (मद्रास) में मैडम ब्लावत्सकी (रूसी) तथा कर्नल अल्कॉट ([[अमेरिका]]) द्वारा 'थियोसोफिकल सोसाइटी' की स्थापना। चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का जन्म ([[7 दिसम्बर]])। लिटन द्वारा [[इंग्लैंण्ड]] से आयातित सूती माल पर आयात कर हटाया गया।
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| |480
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| |1880–84 ई.
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| |दुर्भिक्ष आयोग की स्थापना। [[अफ़ग़ानिस्तान]] के प्रति ब्रिटिश नीति में परिवर्तन। डॉ॰ पट्टाभि सीतारमैय्या का जन्म ([[24 दिसम्बर]])।
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| |481
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| |1881 ई.
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| |पहला फैक्ट्री अधिनियम। [[मैसूर]] राज्य उसके मूल शासकों को सौंपा गया। 'ट्रबियून', 'केसरी' तथा '[[मराठा]]' का प्रकाशन।
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| |482
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| |1882 ई.
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| |वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट निरस्त। हंटर आयोग, भारतीय शिक्षा आयोग, [[पंजाब]] विश्वविद्यालय की स्थापना। [[सूरत]] में 'प्रजाहितवर्धक सभा' का गठन, पुरुषोत्तम दास टंडन का जन्म।
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| |483
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| |1883 ई.
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| |इलबर्ट विधेयक गवर्नर जनरल की विधान परिषद् में प्रस्तुत। भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन।
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| |484
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| |1884–88 ई.
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| |लार्ड डफरिन वायसराय।
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| |485
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| |1884 ई.
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| |केशवचन्द्र सेन की मृत्यु ([[8 जनवरी]])। [[राजेन्द्र प्रसाद|डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद]] का जन्म ([[3 दिसम्बर]])। मद्रास में 'महाजन सभा' स्थापित। (दक्षिण भारत)
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| |486
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| |1885 ई.
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| |भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना तथा पहला अधिवेशन [[बम्बई]] के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत स्कूल में। बंगाल टेनेंसी एक्ट पारित, बंगाल स्थानीय स्वशासन। अधिनियम पारित, आंग्ल-बर्मा युद्ध। बम्बई प्रेसीडेन्सी एसोसिएशन की स्थापना।
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| |-
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| |487
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| |1886 ई.
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| |उत्तरी बर्मा का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय। [[अफ़ग़ानिस्तान]] की उत्तरी सीमा का निर्धारण। [[रामकृष्ण परमहंस]] की मृत्यु। कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन में [[पंजाब]] के प्रतिनिधि लाला मुरलीधर का [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]] में भाषण। कांग्रेस के मंच से हिन्दी में यह पहला भाषण था।
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| |488
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| |1887 ई.
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| |महारानी विक्टोरिया के शासनकाल की स्वर्ण जयन्ती। [[इलाहाबाद]] विश्वविद्यालय की स्थापना। शिवनारायण अग्निहोत्री द्वारा 'देव समाज' की स्थापना।
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| |489
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| |1888 ई.
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| |कर्नल थियोडोर बैंक द्वारा 'यूनाइटेड इंडियन पैट्रियॉटिक एसोसिएशन' की स्थापना।
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| |490
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| |1888–94 ई.
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| |लार्ड लैंसडाउन वायसराय।
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| |491
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| |1889 ई.
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| |प्रिंस आफ़ वेल्स की भारत की दूसरी यात्रा। जमनालाल बजाज, [[खुदीराम बोस]] तथा [[जवाहरलाल नेहरू]] का जन्म।
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| |492
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| |1891 ई.
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| |द्वितीय फैक्ट्री अधिनियम। सहवास वर्ष अधिनियम (एज ऑफ़ कॉनसेन्ट एक्ट), [[मणिपुर]] में विद्रोह, [[भीमराव आम्बेडकर|डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर]] का जन्म ([[14 अप्रैल]])।
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| |493
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| |1892 ई.
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| |भारतीय परिषद् अधिनियम, चुनाव की प्रणाली निर्धारत।
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| |494
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| |1893 ई.
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| |एनी बेसेन्ट का भारत आगमन, [[स्वामी विवेकानन्द]] शिकांगो सम्मेलन के लिए [[अमेरिका]] रवाना।
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| |-
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| |495
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| |1894 ई.
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| |नटाल ([[दक्षिण अफ़्रीका]]) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (कांग्रेस के [[लाहौर]] (1893) अधिवेशन से प्रभावित होकर)।
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| |496
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| |1894–99 ई.
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| |लार्ड एल्गिन द्वितीय का वायसराय काल।
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| |497
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| |1896 ई.
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| |[[बम्बई]] में प्लेग।
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| |498
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| |1897 ई.
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| |भारतीय शिक्षा सेवा का गठन। [[सुभाषचन्द्र बोस]] का जन्म। [[लोकमान्य तिलक]] को [[शिवाजी]] से सम्बोधित देश के भक्ति के पद्य लिखने के आरोप में 18 माह की कड़ी क़ैद।
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| |499
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| |1898 ई.
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| |'प्रार्थना समाज' ([[बम्बई]]) द्वारा एक दलित वर्ग मिशन प्रारम्भ।
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| |500
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| |1899–1905 ई.
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| |लार्ड कर्जन वायसराय।
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| |501
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| |1900 ई.
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| |भूमि स्वामित्व-परिषद् अधिनियम, दुर्भिक्ष आयोग, कांग्रेस के मंच से पहली महिला श्रीमती कादम्बिनी गांगुली का भाषण।
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| |502
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| |1901 ई.
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| |महारानी विक्टोरिया की मृत्यु, एडवर्ड सप्तम सिंहासनारूढ़, उत्तर-पश्चिम सीमा प्रान्त का गठन।
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| |503
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| |1904 ई.
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| |कोआपरेटिव सोसायटी अधिनियम, पुरातत्व विभाग की स्थापना, भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम, जतीन्द्रदास का जन्म।
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| |504
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| |1905 ई.
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| |बंगाल विभाजन, लार्ड मार्ले भारतीय मामलों के सचिव नियुक्त।
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| |505
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| |1905–10 ई.
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| |लार्ड मिण्टो द्वितीय का वायसराय काल।
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| |506
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| |1906 ई.
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| |कांगेस ([[कलकत्ता]] अधिवेशन) मंच से दादाभाई नौरोजी द्वारा 'स्वराज' शब्द का पहली बार प्रयोग। ढाका में 'मुस्लिम लीग' की स्थापना।
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| |507
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| |1907 ई.
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| |[[सूरत]] अधिवेशन में कांग्रेस विभाजित। एनी बेसेन्ट थियोसोफिकल सोसायटी की अध्यक्ष बनी। टाटा इस्पात कारखाने से इस्पात का उत्पादन प्रारम्भ।
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| |508
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| |1908 ई.
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| |समाचार पत्र अधिनियम। [[खुदीराम बोस]] को फाँसी। [[लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक|तिलक]] पर राजद्रोह का मुकदमा।
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| |509
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| |1909 ई.
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| |मार्ले-मिण्टो सुधार। भारतीय परिषद् अधिनियम पारित। वायसराय के कार्यकारी परिषद् में प्रथम भारतीय (एच॰ पी॰ सिन्हा) की नियुक्ती। मदन लाल धींगरा द्वारा लन्दन में कर्जन वाइली की हत्या। [[दक्षिण अफ़्रीका]] जाते हुए जहाज़ पर [[गाँधी जी]] ने 30 हज़ार शब्दों की 'हिन्दी स्वराज' नामक पुस्तक लिखी।
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| |-
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| |510
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| |1910–16 ई.
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| |लार्ड हार्डग द्वितीय का वायसराय काल।
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| |511
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| |1910 ई.
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| |एडवर्ड तृतीय की मृत्यु, जार्ज पंचम सिंहासनारूढ़।
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| |-
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| |512
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| |1911 ई.
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| |द्वितीय [[दिल्ली]] दरबार। सम्राट जार्ज पंचम की भारत यात्रा। बंगाल विभाजन रद्द। राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानान्तरित करने की घोषणा। जनगणना।
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| |-
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| |513
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| |1912 ई.
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| |राजधानी [[कलकत्ता]] से [[दिल्ली]] स्थानान्तरित। दिल्ली प्रान्त का गठन। लार्ड हार्डिंग दिल्ली में बम विस्फोट में घायल। [[जवाहर लाल नेहरू]] पहली बार कांग्रेस अधिवेशन (बांकीपुर) में उपस्थित। इंस्लिंग्टन कमीशन का गठन। [[अबुलकलाम आज़ाद]] द्वारा 'अल-हिलाल' अख़बार प्रकाशित।
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| |514
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| |1913 ई.
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| |[[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] को नोबेल पुरस्कार। फ़िरोजशाह मेहता द्वारा 'द बम्बई क्रॉनिकल' की शुरुआत। सैन फ़्राँसिस्को में गदर पार्टी का गठन।
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| |515
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| |1914 ई.
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| |[[लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक|तिलक]] मांडले जेल से रिहा। 'फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट' की स्थापना। पनामा नहर की शुरुआत। एनी बेसेन्ट द्वारा 'न्यू इंडिया' प्रकाशित।
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| |516
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| |1914–18 ई.
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| |प्रथम विश्व युद्ध। ब्रिटेन द्वारा तुर्की के विरुद्ध हमला।
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| |517
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| |1915 ई.
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| |भारतीय सुरक्षा अधिनियम। [[गाँधी जी]] [[दक्षिण अफ़्रीका]] से लौटे। [[अहमदाबाद]] में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना। गोखले का निधन। एनी बेसेन्ट द्वारा 'होमरूल लीग' के गठन की घोषणा ([[25 सितम्बर]])।
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| |518
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| |1916 ई.
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| |तिलक द्वारा 'होमरूल लीग' की स्थापना ([[26 अप्रैल]])। कांग्रेस-मुस्लिम लीग के बीच '[[लखनऊ]]-समझौता'। [[पूना]] में प्रथम महिला विश्वविद्यालय की स्थापना। [[बनारस]] हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना। दादाभाई नौरोजी का निधन।
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| |-
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| |519
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| |1916–1921 ई.
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| |लार्ड चेम्सफोर्ड का वायसराय काल।
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| |520
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| |1917 ई.
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| |मांटेग्यू भारत-मंत्री नियुक्त तथा इनकी भारत यात्रा। कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग की [[बम्बई]] में पहली संयुक्त बैठक। 'मांटेग्यू घोषणा'। भारत में स्वायत्तशासी संस्थाओं का क्रमिक विकास तथा उत्तरदायी सरकार की स्थापना। [[गाँधी जी]] द्वारा चम्पारन सत्याग्रह आरम्भ। होमरूल आंदोलन के सिलसिले में एनी बेसेन्ट बंदी। शिक्षा से सम्बन्धित सैडलर आयोग की नियुक्ति। रौलट एक्ट कमेटी का गठन।
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| |521
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| |1918 ई.
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| |रौलट एक्ट रिपोर्ट तथा मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड रिपोर्ट प्रकाशित। सेनामें अफ़सरों के पद पर नियुक्ति के लिए भारतीय अर्ह घोषित। रासबिहारी बोस की अध्यक्षता में 'बंगीय जनसभा' की स्थापना। सुरेन्द्रनाथ बनर्जी की अध्यक्षता में [[बम्बई]] में आल इंडिया मॉडरेट कांफ्रेंस आयोजित। [[गाँधी जी]] के द्वारा [[अहमदाबाद]] कपड़ा मजदूरों की मांग के समर्थन में सत्याग्रह के रूप में पहली बार भूख हड़ताल का प्रयोग किया गया। सुरेन्द्र नाथ बनर्जी नेशनल लिबरल लीग के अध्यक्ष निर्वाचित।
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| |522
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| |1919 ई.
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| |मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार पारित। रौलट एक्ट पारित। [[जलियांवाला बाग़]] नरसंहार। ख़िलाफत कमेटी की स्थापना। [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] द्वारा सर की उपाधि वापस। [[बम्बई]] में मिल मजदूरों का पहला सम्मेलन। एनी बेसेन्ट की अध्यक्षता में [[दिल्ली]] में पहला अखिल भारतीय महिला सम्मेलन आयोजित। [[इलाहाबाद]] में 'लीडर समाचार पत्र' के कार्यालय में '[[उत्तर प्रदेश]] लिबरेशन एसोसिएशन' की स्थापना। तृतीय अफ़ग़ान युद्ध। भारतीय सरकार अधिनियम 1919 पारित।
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| |-
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| |523
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| |1920 ई.
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| |ख़िलाफत तथा असहयोग आंदोलन आरम्भ। [[गाँधी जी]] द्वारा बोअर युद्ध में मिला 'केसर-ए-हिन्द' पदक सरकार को वापस। लार्ड सिन्हा [[बिहार]]-[[उड़ीसा]] के गवर्नर। कांग्रेस का नेतृत्व गांधीजी के हाथ में। 'अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस' की स्थापना। [[अलीगढ़]] मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना। [[लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक|तिलक]] की मृत्यु। हण्टर कमेटी की रिपोर्ट प्रकाशित।
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| |524
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| |1921–1926 ई.
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| |लार्ड रीडिंग का वायसराय काल।
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| |525
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| |1921 ई.
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| |प्रिंस आफ़ वेल्स एडवर्ड की भारत यात्रा। 'चेम्बर आफ़ प्रिंसेस' की स्थापना। विजयवाड़ा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सम्मेलन में तिलक स्वराज कोष के लिए एक करोड़ रुपये एकत्रित करने का निर्णय ([[1 अप्रैल]])। [[दिल्ली]] अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में [[गाँधी जी]] का सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रस्ताप पारित ([[4 नवम्बर]])। मोपला विद्रोह ([[20 नवम्बर]])। गुरुद्वारा सुधार आंदोलन, बोलपुर ([[पश्चिम बंगाल]) में 'विश्वभारती शान्ति निकेतन विश्वविद्यालय' की स्थापना। [[हड़प्पा]] में उत्खनन प्रारम्भ। भारत सरकार अधिनियम 1919 लागू।
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| |526
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| |1922 ई.
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| |[[कलकत्ता]] में सविनय अवज्ञा आंदोलन आरम्भ ([[15 जून]])। चौरी-चौरा कांड ([[5 फरवरी]])। बारदोली में कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने का निर्णय ([[12 फरवरी]])। कांग्रेस द्वारा सामूहिक सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित ([[31 दिसम्बर]])। [[मोतीलाल नेहरू]] तथा चितरंजन दास द्वारा 'स्वराज पार्टी' की स्थापना। मांटेग्यू का इस्तीफ़ा।
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| |527
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| |1923 ई.
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| |मदन मोहन मालवीय द्वारा 'इंडियन पार्टी' की स्थापना। [[बम्बई]] में कपड़ा मजदूरों की 'गिरनी कामग़ार यूनियन' स्थापित। 'हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएसन' की स्थापना। नमक-कर क़ानून पारित। सेना की कुछ बटालियनों की क़मान का भारतीयकरण। प्रफुल्ल चन्द्र द्वारा [[अहमदाबाद]] में [[गुजरात]] विद्यापीठ की आधारशिला, कमाल पाशा द्वारा तुर्की को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित करने से ख़िलाफ़त आंदोलन स्वतः समाप्त। स्वराजियों का परिषदों में प्रवेश।
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| |528
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| |1924 ई.
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| |[[कानपुर]] कॉन्सिपिरेसी केस। [[गाँधी जी]] पहली बार एवं अन्तिम बार कांग्रेस अध्यक्ष (बेलगाँव)।
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| |529
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| |1925 ई.
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| |अखिल भारतीय दलित वर्ग एसोसिएशन की स्थापना। अंतरविद्यालय बोर्ड गठित। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्यवाहियों के लिए हिन्दुस्तानी भाषा की स्वीकृति ([[26 दिसम्बर]])। सिख गुरुद्वारा पारित। चितरंजन दास का निधन। विट्ठलभाई पटेल विधानसभा में प्रथम भारतीय अध्यक्ष नियुक्त। शान्ति निकेतन में [[गाँधी जी]] तथा [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] में सामाजिक समस्याओं पर बातचीत ([[30 मई]])। लार्ड लिटन द्वितीय स्थानापन्न वायसराय।
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| |530
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| |1926–31 ई.
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| |लार्ड इरविन वायसराय।
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| |531
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| |1926 ई.
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| |ट्रेड यूनियन एक्ट पारित। रुपये का अवमूल्यन। [[दिल्ली]] में 'आल इंडिया प्रोहिबेशन लीग' (अखिल भारतीय नशाबन्दी लीग) की स्थापना ([[31 जनवरी]])। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा स्वराज पार्टी के सदस्यों को केन्द्रीय विधानसभा से त्यागपत्र देने का प्रस्ताव पारित ([[6 मार्च]])। [[गाँधी जी]] द्वारा गुवाहाटी अधिवेशन में स्वाधीनता प्रस्ताव का विरोध ([[26 दिसम्बर]])।
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| |-
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| |532
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| |1927 ई.
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| |साइमन कमीशन की नियुक्ति। भारतीय नौसेना अधिनियम। कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन में स्वतंत्रता के लक्ष्य की घोषणा। [[पूना]] में बड़ौदा की महारानी की अध्यक्षता में 'अखिल भारतीय सम्मेलन' आयोजित ([[5 जून]])। [[इलाहाबाद]] में पंडित मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन द्वारा साइमन कमीशन का बहिष्कार करने का निर्णय ([[11 दिसम्बर]])। मुस्लिम लीग का विभाजन ([[29 दिसम्बर]])।
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| |533
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| |1928 ई.
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| |डॉ0 अंसारी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बहिष्कार सम्मेलन बनारस में आयोजित। साइमन कमीशन के भारत आगमन पर [[3 फरवरी]] को हड़ताल का आह्वान ([[15 जनवरी]])। साइमन कमीशन भारत में आया ([[3 फरवरी]])। नेहरू रिपोर्ट, हिन्दुस्तान रिपब्लिकन की विभिन्न शाखाओं को संगठित कर 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक' की स्थापना (8-9 दिसम्बर) (इसका निर्णय [[सुखदेव]], शिववर्मा, फणीन्द्रनाथ बोस, [[भगत सिंह]], विजय कुमार सिन्हा तथा कुंदनलाल विद्यार्थी द्वारा फ़िरोजशाह कोटला मैदान, [[दिल्ली]] में एक गुप्त बैठक में लिया गया। [[चन्द्रशेखर आज़ाद]] बैठक में नहीं थे, परन्तु उन्हें एसोसिएशन के सशस्त्र विभाग का प्रधान नियुक्त किया गया।) साइमन कमीशन का विरोध करते समय पुलिस लाठीचार्ज में [[लाला लाजपत राय]] घायल ([[17 नवम्बर]])। [[कलकत्ता]] में [[जवाहर लाल नेहरू]] की अध्यक्षता में 'अखिल भारतीय समाजवादी युवा कांगेस' का पहला सम्मेलन ([[27 दिसम्बर]])। कांग्रेस अधिवेशन में गांधीजी की घोषणा—"यदि आप मेरे साथ सहयोग करें और ईमानदारी तथा बुद्धिमता से काम करें तो साल भर में स्वराज मिल जाएगा" ([[31 दिसम्बर]])। कांग्रेस अधिवेशन में डोमिनियन स्टेट्स के पक्ष में प्रस्ताव पारित तथा [[सुभाषचन्द्र बोस]] का पूर्ण स्वाधीनता प्रस्ताव अस्वीकृत। 'इंडिपेन्डेंस लीग' की स्थापना। कृषि के लिए शाही आयोग की नियुक्ति।
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| |534
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| |1929 ई.
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| |[[इलाहाबाद]] में [[अबुलकलाम आज़ाद]] की अध्यक्षता में 'अखिल भारतीय मुस्लिम सोशलिस्ट पार्टी' की स्थापना (इससे पहले राष्ट्रवादी मुसलमान नेता सैय्यद अहमद बरेलवी तथा युसूफ़ मुहर अली द्वारा 'कांगेस मुस्लिम पार्टी की स्थापना) (27-28 जुलाई)। केन्द्रीय असेम्बली में भगतसिंह व बटुकेश्वर दत्त द्वारा बम फेंका गया ([[8 अप्रैल]])। कृषि शोध परिषद् का गठन। [[मेरठ]] षड़यंत्र के अभियुक्तों पर मुकदमा आरम्भ। लाहौर षड़यंत्र के अभियुक्त जतिन दास की 64 दिनों की भूख हड़ताल के बाद मृत्यु। 166 दिन की भूख हड़ताल के बाद रंगून जेल में फूंजी विजाजा की मृत्यु। लार्ड इरविन की घोषणा। भारत का संवैधानिक प्रगति का लक्ष्य औपचारिक राज्य की स्थापना ([[31 अक्टूबर]])। [[लाहौर]] में कांगेस के 44वें अधिवेशन में [[जवाहर लाल नेहरू]] की अध्यक्षता में स्वराज्य का प्रस्ताव पारित ([[29 दिसम्बर]])। [[31 दिसम्बर]] की मध्यरात्रि के समय पंडित नेहरू ने रावी तट पर तिरंगा फहराया।
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| |535
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| |1930 ई.
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| |[[जवाहर लाल नेहरू]] द्वारा [[26 जनवरी]] को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाने का आह्वान ([[7 जनवरी]])। हिन्दुस्तान रिपब्लिकन सोसायटी द्वारा 'बम का दर्शन' नामक पर्ची प्रकाशित ([[2 फरवरी]])। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी द्वारा सविनय अवज्ञा (नमक) आंदोलन का कार्यक्रम स्वीकृत ([[19 फरवरी]])। डांडी यात्रा आरम्भ ([[12 मार्च]])। नमक क़ानून तोड़ा गया ([[6 अप्रैल]])। [[28 मार्च]] को 'आनन्द भवन' देश को समर्पित तथा [[11 अप्रैल]] को 'स्वराज भवन' के रूप में नामकरण। [[सुभाषचन्द्र बोस]] [[कलकत्ता]] नगर निगम के मेयर निर्वाचित ([[22 अगस्त]])। सी॰ वी॰ रमन को भौतिकी का [[नोबेल पुरस्कार]] ([[14 नवम्बर]])। प्रथम गोलमेज सम्मेलन लन्दन में। कांग्रेस कार्यसमिति ग़ैरक़ानूनी घोषित ([[25 अगस्त]])।
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| |536
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| |1931–1936 ई.
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| |वायसराय लार्ड विलिगंटन का वायसराय काल।
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| |1931 ई.
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| |कांग्रेस कार्यसमिति पर से प्रतिबंध हटा ([[26 जनवरी]])। [[लखनऊ]] में [[मोतीलाल नेहरू]] का निधन ([[5 फरवरी]])। [[इलाहाबाद]] में पुलिस मुठभेड़ में [[चन्द्रशेखर आज़ाद]] की मृत्यु ([[27 फरवरी]])। गांधी-इरविन समझौता (मार्च)। [[लाहौर]] में रावी तट पर [[भगत सिंह]], [[राजगुरु]] तथा [[सुखदेव]] को फाँसी ([[23 मार्च]])। शोक स्वरूप [[गाँधी जी]] को कराची अधिवेशन में युवा क्रान्तिकारियों द्वारा काले फूल भेंट ([[31 मार्च]])। [[बम्बई]] कांग्रेस हाउस में [[सरोजिनी नायडू]] द्वारा राष्ट्रीय झंडा दिवस का उदघाटन ([[26 अप्रैल]])। कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से गांधीजी को गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया ([[10 जून]])। गांधीजी द्वारा प्रस्तावित चरखा युक्त झंडा राष्ट्रीय कांग्रेस का ध्वज बना ([[1 अगस्त]])। संयुक्त प्रान्त में लगान-रोको आंदोलन ([[11 दिसम्बर]])। रॉयल लेबर कमीशन की रिपोर्ट प्रकाशित।
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| |1932 ई.
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| |सरकार द्वारा प्रस्तावित संवैधानिक शासन सुधारों पर श्वेतपत्र प्रकाशित। मेरठ षड़यंत्र केस के 27 अभियुक्तों को सजा ([[16 जनवरी]])। [[गाँधी जी]] द्वारा व्यक्तिगत सत्याग्रह आरम्भ ([[26 जून]])। एनी बेसेन्ट का देहान्त ([[20 सितम्बर]])। पहली बार '[[पाकिस्तान]]' शब्द का प्रयोग। गांधीजी द्वारा साप्ताहिक 'हरिजन' की शुरुआत। रैम्जे मैक्डोनल्ड द्वारा [[16 अगस्त]] को साम्प्रदायिक निर्णय की घोषणा। [[24 सितम्बर]] को गांधीजी और [[भीमराव आम्बेडकर|अम्बेडकर]] के मध्य पूना समझौता सम्पन्न।
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| |1934 ई.
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| |सविनय अवज्ञा आंदोलन वापस। [[पटना]] में आचार्य नरेन्द्रदेव की अध्यक्षता में 'कांग्रेस समाजवादी पार्टी' के गठन की घोषणा ([[17 मई]])। कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र प्रकाशित ([[14 जून]])। [[गाँधी जी]] कुछ समय के लिए कांग्रेस से अलग ([[17 सितम्बर]])। [[बम्बई]] में सम्पूर्णानन्द की अध्यक्षता में 'अखिल भारतीय कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी' का औपचारिक उदघाटन ([[21 अक्टूबर]])। उत्तरी भारत में भारी भूकम्प। [[बिहार]] में भीषण तबाही।
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| |1935 ई.
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| |भारत सरकार अधिनियम 1935 पारित (अगस्त)। भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता। [[गाँधी जी]] के साथी तथा सत्याग्रह आंदोलन में जेल जाने वाले प्रथम व्यक्ति मोहन लाल पाण्ड्या का निधन ([[18 मई]])। गाँधी जी द्वारा मीरा बेन के लिए वर्धा के पास सेवा गाँव के आश्रम (सेवाश्रम) की स्थापना ([[22 अक्टूबर]])।
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| |1936–44 ई.
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| |लार्ड लिनलिथगो का वायसराय काल।
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| |1936 ई.
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| |सम्राट जॉर्ज पंचम का निधन ([[21 जनवरी]])। जॉर्ज षष्टम सम्राट बने। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अधिवेशन में कांग्रेस कार्यवाही की [[हिन्दी भाषा|भाषा हिन्दी]] बनाए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अस्वीकृत ([[23 अगस्त]])।
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| |1937 ई.
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| |संघीय न्यायालय की स्थापना। प्रान्तीय स्वशासन का उदघाटन (अप्रैल)। 11 में से 7 प्रान्तों में कांग्रेस मंत्रिमण्डल गठित। मध्य प्रान्त में डॉ॰ एन॰0 जी॰ खरे द्वारा देश का पहला मंत्रिमण्डल गठित ([[9 जून]])। केन्द्रीय विधानसभी में चिंतामणि देशमुख द्वारा प्रस्तुत पति की सम्पत्ति में विधवाओं को उत्तराधिकार दिलाने वाला विधेयक पारित ([[5 फरवरी]])। [[गाँधी जी]] के नेतृत्व में अखिल भारतीय शिक्षा कांफ़्रेंस द्वारा नई शिक्षा नीति का नियोजन।
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| |1938 ई.
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| |[[सुभाषचन्द्र बोस]] कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित। बी॰ डी॰ [[सावरकर]] हिन्दू महासभा के अध्यक्ष निर्वाचित। शरतचन्द्र चटर्जी तथा मोहम्मद इक़बाल]की मृत्यु।
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| |1939 ई.
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| |त्रिपुरी अधिवेशन में [[सुभाषचन्द्र बोस]] कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर दुबारा निर्वाचित तथा बाद में त्यागपत्र ([[28 अप्रैल]])। बोस द्वारा 'फारवर्ड ब्लाक' की स्थापना ([[3 मई]])। द्वितीय विश्वयुद्ध आरम्भ ([[3 सितम्बर]])। विश्वयुद्ध में भारत को बिना इजाज़त शामिल करने के विरोधस्वरूप प्रान्तीय कांग्रेस मंत्रिमण्डलों का त्यागपत्र। जिन्ना द्वारा कांग्रेस शासन से मुक्ति के लिए [[22 दिसम्बर]] को 'मुक्ति दिवस' के रूप में मनाने का आह्वान ([[8 अक्टूबर]])।
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| |1940 ई.
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| |मौलान [[अबुलकलाम आज़ाद]] कांग्रेस अध्यक्ष। मुस्लिम लीग के [[लाहौर]] अधिवेशन में जिन्ना द्वारा मुसलमानों के लिए पृथक देश की मांग ([[22 मार्च]])। कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा [[गाँधी जी]] का व्यक्तिगत सत्याग्रह स्वीकृत ([[13 अक्टूबर]])। विनाबा भावे पहले व्यक्तिगत सत्याग्रही।
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| |1941 ई.
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| |[[जापान]] द्वारा युद्ध की घोषणा। जिन्ना द्वारा [[पाकिस्तान]] की परिकल्पना पर कांग्रेस की स्वीकृति की मांग ([[17 अप्रैल]])। [[सुभाषचन्द्र बोस]] नज़रबन्दी से भागकर [[कलकत्ता]] से जर्मनी पहुँचे।
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| |1942 ई.
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| |बर्मा में अंग्रेज़ों का आत्मसमर्पण। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के [[बम्बई]] अधिवेशन में 'अंग्रेज़ों, भारत छोड़ो' प्रस्ताव पारित तथा देशव्यापी आंदोलन शुरू ([[8 अगस्त]])।
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| |1943 ई.
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| |मुस्लिम लीग ने अपने कराची अधिवेशन में 'डिवाइड एंड क्किट' (बाँटों और छोड़ो) स्लोगन को पारित किया।
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| |1944–47 ई.
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| |लार्ड वेवेल का वायसराय काल।
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| |1944 ई.
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| |[[असम]] पर जापानी आक्रमण। [[लाहौर]] में प्रमुख अकाली नेता शेरसिंह की घोषणा कि देश विभाजन या [[पाकिस्तान]] की मांग को स्वीकृति दी गई तो सिख भी अलग स्वतंत्र राष्ट्र की मांग करेंगे ([[1 सितम्बर]])। राजगोपाचारी के सुझावों पर संवैधानिक अड़चन के लिए गांधी-जिन्ना वार्ता (9 सितम्बर)। आज़ाद हिन्द फ़ौज भारत के निकट पहुँची।
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| |1945 ई.
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| |[[ब्रिटेन]] में लेबर पार्टी की सरकार। द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति। लार्ड वेवेल की घोषणा। आज़ाद हिन्द फ़ौज का आत्मसमर्पण तथा उन पर पहली बार मुकदमा।
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| |1946 ई.
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| |कैबिनेट मिशन भारत में। नौसेना विद्रोह ([[18 फरवरी]])। मुस्लिम लीग ने [[16 अगस्त]] को 'सीधी कार्यवाही' दिवस मनाया। अंतरिम सरकार का गठन ([[2 सितम्बर]])। [[जवाहर लाल नेहरू]] प्रधानमंत्री नियुक्त। मुस्लिम लीग अंतरिम सरकार में शामिल ([[26 अक्टूबर]])। संविधान सभा की पहली बैठक (दिसम्बर)। कैबिनेट मिशन योजना की घोषणा ([[16 जून]])।
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| |1947–48 ई.
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| |लार्ड माउण्ट बेटन का वायसराय काल ([[24 मार्च]] से)।
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| |1947 ई.
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| |ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री क्लीमेंट रिचर्ड हेडली द्वारा जून, 1948 तक अंग्रेज़ों के भारत छोड़ने के निर्णय की घोषणा ([[20 फरवरी]])। माउण्ट बेटन द्वारा जून, 1948 के स्थान पर [[15 अगस्त]], 1947 को सत्ता हस्तांतरण करने का निर्णय ([[3 जून]])। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा विभाजन प्रस्ताव पारित ([[15 जून]])। ब्रिटिश संसद में भारत-[[पाकिस्तान]] विभाजन पारित तथा [[15 अगस्त]], 1947 को सत्ता हस्तांतरण सम्बन्धी 'भारतीय स्वाधीनता अधिनियम' [[4 जुलाई]], 1947 को संसद में पेश किया गया। भारतीय स्वाधीनता अधिनियम को ब्रिटिश सम्प्रभु (सम्राट) की स्वीकृति ([[18 जुलाई]])। [[14 अगस्त]] को पाकिस्तान बना तथा [[15 अगस्त]] को भारत स्वाधीन। [[जवाहर लाल नेहरू]] प्रधानमंत्री तथा लार्ड माउण्ट बेटन गवर्नर जनरल बने।
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