प्रयोग:कविता बघेल 7: Difference between revisions

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{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
|चित्र=George-Yule.jpg 
|चित्र का नाम=जॉर्ज यूल
|पूरा नाम=जॉर्ज यूल
|अन्य नाम=
|जन्म=1829
|जन्म भूमि=स्टोनहेवन
|मृत्यु=[[1892]]
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु कारण=
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|प्रसिद्धि=
|पार्टी=[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]
|पद=भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चौथे अध्यक्ष
|कार्य काल=
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|अन्य जानकारी=जॉर्ज यूल भारतीय समाज के बीच अपने विशाल दृष्टिकोण, उदारवादी विचार और भारतीय महत्वाकांक्षाओं के प्रति सम्मान के लिए जाने जाते थे।
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|अद्यतन={{अद्यतन|16:57, 4 जून 2017 (IST)}}
}}
'''जॉर्ज यूल''' (अंग्रेज़ी: ''George Yule'', जन्म: 1829,  स्टोनहेवन; मृत्यु: [[1892]]) [[इंग्लैंड]] और [[भारत]] में [[स्कॉटलैंड]] के एक व्यापारी थे, जिन्होंने [[1888]] में [[इलाहाबाद]] में [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के चौथे अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। वह पहले गैर-भारतीय थे, जो उस कार्यालय को आयोजित करते थे। वह [[लंदन]] के जॉर्ज यूल एंड कंम्पनी के संस्थापक थे और [[कलकत्ता]] के एंड्रयू यूल एंड कंम्पनी, के अध्यक्ष थे।
==परिचय==
जॉर्ज यूल का जन्म 1829, स्टोनहेवन में हुआ था। वह एक ऐसी शख्सियत थे, जो भारतीयों से अपरिचित नहीं थे और गंभीर रूप से उनके कल्याण और उन्नति में रुचि रखते थे। [[डब्लू सी बनर्जी|डब्लू. सी. बनर्जी]] के आग्रह पर उन्होंने इलाहाबाद में कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता स्वीकार की। वह उद्योगपति वर्ग से ताल्लुक रखते थे। वह कलकत्ता की मशहूर एंड्रयू यूल कॉरपोरेशन के मालिक थे। वे कलकत्ता के फौजदार और कुछ समय तक इंडियन चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष भी रहे।<ref>{{cite web |url=http://inc.in/organization/1034-%E0%A4%9C%E0%A5%89%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C-%E0%A4%AF%E0%A5%82%E0%A4%B2/profile |title=जॉर्ज यूल |accessmonthday= |accessyear=4 जून |last=2017 |first= |authorlink= |format= |publisher=inc.in/organization |language=हिंदी }}</ref>


==व्यक्तित्व==
जॉर्ज यूल भारतीय समाज के बीच अपने विशाल दृष्टिकोण, उदारवादी विचार और भारतीय महत्वाकांक्षाओं के प्रति सम्मान के लिए जाने जाते थे। [[सुरेंद्रनाथ बनर्जी]] के मुताबिक वह ‘’एक पक्के स्कॉचमैन थे, जो किसी भी चीज को गहराई से परख लेते थे, और अपने विचारों को स्पष्टता से बिना हिचक के रखते थे, जैसा कि एक स्कॉचमैन करता है।‘’ जिस मुस्तैदी से उन्होंने [[कांग्रेस]] का निमंत्रण स्वीकार किया और जिस योग्यता से उन्होंने इलाहाबाद अधिवेशन का संचालन किया। इसके चलते वह भारतीय समाज में एक शक्तिशाली और मशहूर व्यक्ति बन गए और इसी वजह से भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बढ़ावा मिला। कांग्रेस का एक दल जो साल [[1889]] में ब्रिटिश जनता के लिए हुए राजनीतिक सुधारों का समर्थन करने के लिए [[लंदन]] गया था, तो वहाँ जॉर्ज यूल ने उनकी काफ़ी सहायता की। [[इंग्लैंड|इंग्लैंड]] में अपनी सेवानिवृत्ति के दौरान भी ब्रिटिश कमेटी के सदस्य के तौर पर उन्होंने कांग्रेस के कार्यों का पुरजोर समर्थन किया।
==निधन==
जॉर्ज यूल को भारतीय जीवनकाल के दौरान आधिकारिक और गैर आधिकारिक रूप से काफी सम्मान, सराहना मिली। उनका निधन का [[1892]] में हो गया।
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
{{भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष}}
[[Category:भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस अध्यक्ष]][[Category:राजनीतिज्ञ]][[Category:समाज सुधारक]][[Category:राजनेता]][[Category:राजनीति कोश]][[Category:चरित कोश]]
__INDEX__

Latest revision as of 12:09, 29 September 2017