राजकुमारी (गायिका): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''राजकुमारी''' (जन्म- 1924, गुजरात) हिन्दी सिनेमा की...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(राजकुमारी दुबे को अनुप्रेषित)
 
(2 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
'''राजकुमारी''' (जन्म- [[1924]], [[गुजरात]]) [[हिन्दी सिनेमा]] की जानीमानी गायिका थीं। उनका नाम भले ही नई पीढ़ी के लिए विस्मृत हो चुका हो, लेकिन पुराने [[संगीत]] के चाहने वालों में उनका नाम आज भी उसी अदब के साथ लिया जाता है, जैसे उनके कार्यकाल में लिया जाता था। उनकी आवाज़ में एक अनोखी मिठास थी, जो भुलाए नहीं भूलती। वे अपने ज़माने की अग्रणी और बेहद प्रतिभाशाली गायिका रहीं। उनके गाए गानों ने बीस से भी अधिक वर्षों तक श्रोताओं का दिल लुभाया। गायिका राजकुमारी ने बेशुमार अभिनेत्रियों को आवाज़ प्रदान की। उन्होंने अनगिनत संगीतकारों, गीतकारों एवं [[रंगमंच]] के कलाकारों को सफलताएँ देने में अहम भूमिका निभाई थी।
#REDIRECT [[राजकुमारी दुबे]]
==परिचय==
गुजरे जमाने की गायिका राजकुमारी का जन्म [[1924]] में [[गुजरात]] में हुआ था। कहते हैं कि सपूत के पांव पलने में दिखने लगते हैं। कुछ ऐसी ही सख्शियत गायिका राजकुमारी की भी थी। उन्होंने महज 14 वर्ष की उम्र में ही अपना पहला गाना एचएमवी में रिकॉर्ड कराया था। गाने के बोल थे- "सुन बैरी बलमा कछू सच बोल न।' यह अलग बात थी कि राजकुमारी ने किसी संस्था से [[संगीत]] की कोई शिक्षा नहीं ली थी, लेकिन ईश्वर ने जो उन्हें कंठ बख्शा था, वह कम नहीं था। इसके बाद तो उन्होंने विभिन्न मंचों पर अपनी गायिकी का सफर जारी रखा।<ref name="a">{{cite web |url=http://www.jagran.com/bihar/madhepura-9022413.html |title=गायिका 'राजकुमारी' की पुण्यतिथि पर विशेष |accessmonthday=06 जुलाई |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jagran.com |language=हिन्दी }}</ref>
==फ़िल्मों के लिये गायन==
कहते हैं कि एक बार राजकुमारी सार्वजनिक मंच पर गाना गा रही थीं। वहीं उनकी मुलाकात फ़िल्म निर्माता प्रकाश भट्ट से हो गई। उन्होंने राजकुमारी को 'प्रकाश पिक्चर' से जुड़ने का न्यौता दे दिया। इस बैनर के तहत बनने वाली [[गुजराती भाषा|गुजराती]] फ़िल्म 'संसार लीला' में कई गाने पेश किए। इस फ़िल्म को [[हिन्दी]] में भी 'संसार' नाम से फ़िल्माया गया। इसमें राजकुमारी जी ने गीत पेश किया 'आंख गुलाबी जैसे मद की प्यालियां, जागी हुई आंखों में है शरम की लालियां।' इसके बाद तो उनकी प्रतिभा बॉलीवुड में सिर चढ़कर बोलने लगी।
 
वर्ष [[1933]] में फ़िल्म 'आंख का तारा', 'भक्त और भगवान', [[1934]] में 'लाल चिट्ठी', 'मुंबई की रानी' और 'शमशरे अलम' में गीत पेश कर राजकुमारी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। इस दौरान उनके कई कालजयी गीतों ने लोगों को गुनगुनाने के लिए बाध्य कर दिया। जैसे 'चले जइयो बेदर्दा मैं रो पडूंगी, 'काली काली रतिया कैसे बिताऊं, बिरहा के सपने देख डर जाऊं।' इसके बाद 'नजरिया की मारी-मरी मोरी दइया' ने तो उन्हें बुलंदियों पर पहुंचा दिया। इसी दौरान उन्होंने [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] और [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] में भी कई गीत पेश किए। इतना ही नहीं, उन्होंने मशहूर गायक [[मुकेश]] के साथ भी गीत गाए। 'मुझे सच सच बता दो कब मेरे दिल में समाए थे, जब तुम पहली बार देखकर मुस्कराए थे'। इसी दौरान [[वाराणसी]] निवासी बी.के. दुबे से राजकुमारी ने [[विवाह|शादी]] कर ली।<ref name="a"/>
==अंतिम समय==
[[1952]] में उन्होंने [[ओ. पी. नैयर]] के साथ भी कई गीत गाए। यह अलग बात है कि उनका नाम भले ही राजकुमारी था, लेकिन उनका अंत मुफलिसी में हुआ। इस दौरान उन्होंने गायिका और अभिनेत्री के रूप में जो काम बॉलीवुड में किया, वह शायद ही कभी भुला लोग पाएँ।
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
{{पार्श्वगायक}}
[[Category:गायिका]][[Category:संगीत कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:सिनेमा]][[Category:सिनेमा कोश]]
__INDEX__

Latest revision as of 13:23, 8 July 2017