विश्व व्यापी वेब: Difference between revisions

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सन [[1991]] में वेब ब्राउजर को सीईआरएन के बाहर रिलीज किया गया। अन्य शोध संगठनों ने भी इस पर काम किया। इस तरह से [[6 अगस्त]] को इंटरनेट का जन्म हुआ। पहली वेबसाइट https://info।cern।ch थी। वर्ल्ड वाइड वेब को पहले सर्न ने अपने अधिकार में ही रखा था, लेकिन बाद में [[1992]] में इसे जारी कर दिया गया। एक साल बाद [[1993]] से पूरी दुनिया को इसका एक्सेस मिल गया।
सन [[1991]] में वेब ब्राउजर को सीईआरएन के बाहर रिलीज किया गया। अन्य शोध संगठनों ने भी इस पर काम किया। इस तरह से [[6 अगस्त]] को इंटरनेट का जन्म हुआ। पहली वेबसाइट https://info।cern।ch थी। वर्ल्ड वाइड वेब को पहले सर्न ने अपने अधिकार में ही रखा था, लेकिन बाद में [[1992]] में इसे जारी कर दिया गया। एक साल बाद [[1993]] से पूरी दुनिया को इसका एक्सेस मिल गया।
==पहली वेबसाइट==
==पहली वेबसाइट==
दुनिया की पहली वेबसाइट का यूआरएक पता https://info।cern।ch/hypertext/WWW/TheProject।html है। इस पर जाने पर बेहद साधारण वेबपेज दिखाई देता है। यहां से हाइपरटेक्‍स्‍ट, वेब पेज बनाने की तकनीकी जानकारी ली जा सकती है।
दुनिया की पहली वेबसाइट का यूआरएल पता- http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html है। इस पर जाने पर बेहद साधारण वेबपेज दिखाई देता है। यहां से हाइपरटेक्‍स्‍ट, वेब पेज बनाने की तकनीकी जानकारी ली जा सकती है।
==गूगल डूडल==
==गूगल डूडल==
[[चित्र:World-Wide-Web-Google-Doodl.png|thumb|250px|गूगल डूडल]]
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thumb|200px|वर्ल्ड वाइड वेब विश्व व्यापी वेब अथवा 'वर्ल्ड वाइड वेब' (अंग्रेज़ी: World Wide Web) को सामान्त: वेब कहा जाता है। यह आपस में परस्पर जुड़े हाइपरटेक्स्ट दस्तावेजों को इन्टरनेट द्वारा प्राप्त करने की प्रणाली है। एक वेब ब्राउजर की सहायता से उन वेब पन्नों को देख सकते हैं, जिनमें टेक्स्ट, छवि, वीडियो एंवं अन्य मल्टीमीडिया होते हैं तथा हाइपरलिंक की सहायता से उन पन्नों के बीच में आवागमन किया जा सकता है। पहला वेब ब्राउज़र वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) 1980 के दशक के दूसरे अर्द्धांश में टिम बर्नर्स ली द्वारा खोजा गया था। यह मूल रूप से इंटरनेट सर्वर की एक प्रणाली है, जो विशेष रूप से स्वरूपित दस्तावेजों का समर्थन करती है।

क्या है वर्ल्ड वाइड वेब

वर्ल्ड वाईड वेब में सूचनाओं को वेबसाईट के रूप में रखा जाता है। ये वेबसाइटें वेब सर्वर पर हाईपरटेक्स्ट फाइलों को संग्रहित होती हैं। वर्ल्ड वाईड वेब एक नाम प्रणाली हैै, जिसके द्वारा प्रत्येक वेबसाइट को एक विशेष नाम दिया जाता है। उसी नाम से उसे वेब पर पहचाना जाता है। किसी वेबसाइट के नाम को उसका 'यूआरएल' (URL - Uniform Resource Locator) भी कहा जाता है। वर्ल्ड वाइड वेब और इंटरनेट दोनों दो चीजे हैं, परन्तु दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं। वर्ल्ड वाइड वेब जानकारी युक्त पेजों का विशाल संग्रह है, जो एक दूसरे से जुड़ा है, जिसे वेब पेज कहते हैं। वेब पेज एचटीएमएल भाषा में लिखा होता है, जो कंप्यूटर में प्रयुक्त एक भाषा है। वेब पेज को जो रोचक बनाता है, वह है हाइपरलिंक, जिसे अक्सर लिंक कहा जाता है। हर लिंक किसी दूसरे पेज को इंगित करता है और जब हम इस पर क्लिक करते हैं तो हमारा ब्राउज़र लिंक से जुड़े पेज को उपलब्ध कराता है। अतः वर्ल्ड वाइड वेब एक विशाल सूचनाओं का डेटाबेस है तथा हर सूचना एक दूसरी सूचना से जुड़ा है।

महत्त्व

मानव जीवन में इंटरनेट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजकल थोड़ी-सी जानकारी के लिए भी हम इंटरनेट पर निर्भर रहते हैं, जैसे कि रिसर्च करना, अपने धन का प्रबंधन करना, देश भर में प्रियजनों के साथ संपर्क रखना इत्यादि। देखा जाए तो व्यापार की दुनिया भी ज्यादातर इंटरनेट पर निर्भर है। वित्तीय लेनदेन सेकंड में नियंत्रित किए जाते हैं और संचार भी तात्कालिक इन्टरनेट के माध्यम से हो जाता है। यहां तक कि सरकारें भी अपने दैनिक कार्यों इत्यादि का प्रबंधन करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करती हैं। वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है, क्योंकि इसके बिना एक-दूसरे से जुड़ना बहुत मुश्किल है।

टिम बर्नर ली

इंग्लैंड में जन्मे टिम बर्नर ली क्वींस कॉलेज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े थे। 1976 में उन्हें भौतिक विज्ञान में डिग्री मिली। भौतिकी के साथ उन्हें गणित की भी अच्छी जानकारी थी। जेनेवा स्थित यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन में टिम को 1984 में एक फेलो के तौर पर काम करने का मौका मिला। प्रयोगशाला में कई तरह के कम्प्यूटर थे, जिन पर अलग-अलग प्रारूप में डेटा स्टोर किया जाता था। टिम का काम इस डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे तक सही तरीके से पहुंचाने का था। तब उन्होंने एक ऐसे तरीके के बारे में सोचना शुरू किया, जिससे सभी सूचनाओं और डेटा को एक साथ लाया जा सके।

आविष्कार

इस दौरान ही टिम ने कंप्यूटर ब्राउजर प्रोग्राम लिखा। उन्‍होंने तीन टेक्‍नोलॉजी के फंडामेंटल लिखे, जिनमें, एचटीएमएल (HTML), यूआरएल (URL) और एचटीटीपी (HTTP) शामिल हैं। इस तरह इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब ईजाद हुआ। 6 अगस्त, 1991 को टिम ने वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट का शोध पत्र प्रकाशित किया। सबसे पहले इसका प्रयोग 1989 में टिम बर्नर ली की सर्न प्रयोगशाला में ही किया गया था।

सन 1991 में वेब ब्राउजर को सीईआरएन के बाहर रिलीज किया गया। अन्य शोध संगठनों ने भी इस पर काम किया। इस तरह से 6 अगस्त को इंटरनेट का जन्म हुआ। पहली वेबसाइट https://info।cern।ch थी। वर्ल्ड वाइड वेब को पहले सर्न ने अपने अधिकार में ही रखा था, लेकिन बाद में 1992 में इसे जारी कर दिया गया। एक साल बाद 1993 से पूरी दुनिया को इसका एक्सेस मिल गया।

पहली वेबसाइट

दुनिया की पहली वेबसाइट का यूआरएल पता- http://info.cern.ch/hypertext/WWW/TheProject.html है। इस पर जाने पर बेहद साधारण वेबपेज दिखाई देता है। यहां से हाइपरटेक्‍स्‍ट, वेब पेज बनाने की तकनीकी जानकारी ली जा सकती है।

गूगल डूडल

thumb|250px|गूगल डूडल 12 मार्च, 2019 को वर्ल्ड वाइड वेब यानी WWW की 30वीं सालगिराह को गूगल ने डूडल बनाकर सेलिब्रेट किया। 12 मार्च, 1989 को 33 साल की उम्र में सर टिम बर्नर ली ने अपने बॉस को एक प्रपोजल 'इंफॉरमेशन मैनेजमेंट: अ प्रपोजल' सबमिट किया था, जिसे आज वर्ल्ड वाइड वेब के नाम से जानते हैं। उस वक्त तैयार किए कए WWW ने आज दुनिया भर में क्रांति ला दी है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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