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| {{सूचना बक्सा खिलाड़ी
| | #REDIRECT [[प्रमोद भगत]] |
| |चित्र=Praveen-Bhagat.jpg
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| |चित्र का नाम=प्रवीण भगत
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| |पूरा नाम=प्रवीण भगत
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| |अन्य नाम=
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| |जन्म=[[4 जून]], [[1988]]
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| |जन्म भूमि=[[उड़ीसा]]
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| |मृत्यु=
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| |मृत्यु स्थान=
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| |अभिभावक=
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| |पति/पत्नी=
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| |संतान=
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| |कर्म भूमि=[[भारत]]
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| |खेल-क्षेत्र=[[बैडमिंटन]]
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| |शिक्षा=
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| |विद्यालय=
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| |पुरस्कार-उपाधि=
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| |प्रसिद्धि=भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी
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| |विशेष योगदान=
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| |नागरिकता=भारतीय
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| |संबंधित लेख=[[ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020]]
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| |शीर्षक 1=कोच
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| |पाठ 1=शिबा प्रसाद दास
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| |शीर्षक 2=
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| |पाठ 2=
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| |अन्य जानकारी=पांच वर्ष की उम्र में [[पोलियो]] के कारण प्रवीण भगत का बायां पैर विकृत हो गया था। उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 इंटरनेशनल मेडल जीते हैं।
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| |बाहरी कड़ियाँ=
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| |अद्यतन={{अद्यतन|13:06, 5 सितम्बर 2021 (IST)}}
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| }}'''प्रवीण भगत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Praveen Bhagat'') [[भारत]] के पैरा [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी हैं। [[ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020]] (टोक्यो पैरालम्पिक) में बैडमिंटन में भारत के हाथ एक साथ दो मेडल लगे हैं। प्रमोद भगत ने एकल के एसएल3 क्लास के फाइनल मुकाबले को जीतकर देश को इस खेल में पहला स्वर्ण पदक दिलाया। वहीं, [[मनोज सरकार]] ने इसी कैटेगरी में काँस्य पदक पर कब्जा जमाया।<br />
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| *प्रवीण भगत फाइनल में [[ब्रिटेन]] के डेनियल बेथेल को 21-14, 21-17 से मात देकर पैरालंपिक में भारत की तरफ से मेडल जीतने वाले पहले बैडमिंटन खिलाड़ी बने। पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन को पहली बार शामिल किया गया है।
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| *फाइनल मुकाबले में प्रवीण भगत ने शानदार फॉर्म जारी रखी और पहले सेट को बेहद आसानी के साथ 21-14 से अपने नाम किया। हालांकि, दूसरे सेट में उनको ब्रिटेन के खिलाड़ी से जबरदस्त टक्कर मिली, लेकिन भारतीय शटलर ने जोरदार कमबैक करते हुए सेट को 21-17 से जीतकर गोल्ड पर कब्जा जमाया।
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| *दूसरी ओर मनोज सरकार ने [[जापान]] के डाइसुके फुजिहारा को 22-20, 21-13 से हराया। मनोज का मुकाबला 47 मिनट तक चला। पहला गेम 27 मिनट तक चला। इसमें जापान के फुजिहारा ने मनोज को कड़ी टक्कर दी। दूसरा गेम 19 मिनट तक चला।
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| *दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और एशियाई चैम्पियन प्रवीण भगत ने सेमीफाइनल में जापान के दाइसुके फुजीहारा को 36 मिनट में 21-11, 21-16 से हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी।
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| *पांच वर्ष की उम्र में [[पोलियो]] के कारण प्रवीण भगत का बायां पैर विकृत हो गया था। उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 इंटरनेशनल मेडल जीते हैं।
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| *बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में प्रवीण भगतने दो स्वर्ण और एक रजत जीता।
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| *साल [[2018]] पैरा एशियाई खेलों में प्रवीण भगत ने एक रजत और एक काँस्य जीता था।
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| {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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| ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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| <references/>
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| {{पैरालम्पिक खिलाड़ी}}{{भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी}}
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| [[Category:भारतीय खिलाड़ी]][[Category:बैडमिंटन खिलाड़ी]][[Category:बैडमिंटन]][[Category:मैदानी स्पर्धा]][[Category:पुरुष खिलाड़ी]][[Category:पैरालंपिक एथलीट]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:खेलकूद कोश]]
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