अर्थत:: Difference between revisions
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'''अर्थतः''' (अव्य.) [अर्थ+तसिल्] | '''अर्थतः''' (अव्य.) [अर्थ+तसिल्] | ||
::1. अर्थ या किसी विशेष उद्देश्य का उल्लेख करते हुए,-यच्चार्थतो गौरवम् | ::1. अर्थ या किसी विशेष उद्देश्य का उल्लेख करते हुए,-यच्चार्थतो गौरवम्<ref>मा. 1/7</ref>, अर्थ की गहराई | ||
::2. वस्तुतः, वास्तव में, सचमुच,-न नामतः केवलमर्थतोऽपि | ::2. वस्तुतः, वास्तव में, सचमुच,-न नामतः केवलमर्थतोऽपि<ref>शि. 3/56</ref> | ||
::3. धन के लिए, लाभ या प्राप्ति के लिए-ऐश्वर्यादनपेतमीश्वरभयं लोकोर्यतः सेवते | ::3. धन के लिए, लाभ या प्राप्ति के लिए-ऐश्वर्यादनपेतमीश्वरभयं लोकोर्यतः सेवते<ref>मुद्रा. 1/14</ref> | ||
::4. के कारण<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=106|url=|ISBN=}}</ref> | ::4. के कारण<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=106|url=|ISBN=}}</ref> | ||
Latest revision as of 08:38, 9 May 2024
अर्थतः (अव्य.) [अर्थ+तसिल्]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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