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| | class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''चयनित लेख'''</span></div>
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| <div align="center" style="color:#34341B;">'''[[सारनाथ|सारनाथ]]'''</div>
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| <div id="rollnone"> [[चित्र:Sanchi-Buddhist-Stuppa-2.jpg|right|100px|साँची स्तूप, सारनाथ|link=सारनाथ]] </div>
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| *सारनाथ [[काशी]] से सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है, ज्ञान प्राप्त करने के बाद [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] ने प्रथम उपदेश यहाँ दिया था, यहाँ से ही उन्होंने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्रारम्भ किया।
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| *सारनाथ में '''सारंगनाथ महादेव का मन्दिर''' है, यहाँ [[श्रावण|सावन]] के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। यह जैन तीर्थ है और जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर बताया है।
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| *सारनाथ की दर्शनीय वस्तुयें- [[अशोक]] का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार हैं।
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| *सारनाथ का प्राचीन नाम '''ऋषिपतन''' (हिरनों का जंगल) था। आधुनिक नाम ‘सारनाथ’ की उत्पत्ति ‘सारंगनाथ’ (मृगों के नाथ) अर्थात [[गौतम बुद्ध]] से हुई।
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| *सारनाथ क्षेत्र की खुदाई से '''गुप्तकालीन अनेक कलाकृतियां तथा बुद्ध प्रतिमाएँ''' प्राप्त हुई हैं जो वर्तमान संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
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| *सारनाथ से कई महत्त्वपूर्ण अभिलेख भी मिले हैं जिनमें प्रमुख काशीराज प्रकटादित्य का शिलालेख है। [[सारनाथ|.... और पढ़ें]]'''
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