दीवान-ए-आरिज: Difference between revisions
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'आरिज-ए-मुमालिक' सैन्य विभाग का प्रमुख अधिकारी | '''आरिज-ए-मुमालिक''' [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में [[सल्तनत काल]] में यह सैन्य विभाग का प्रमुख अधिकारी होता था। | ||
आरिज-ए-मुमालिक के विभाग को ‘दीवान-ए-अर्ज’ कहा जाता था। इस विभाग की स्थापना [[बलबन]] ने की थी तथा [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] के समय इसका महत्त्व बढ़ गया। | इसका महत्त्वपूर्ण कार्य सैनिकों की भर्ती करना, सैनिकों एवं घोड़ों का हुलिया रखना, रसद की व्यवस्था करना, सेना का निरीक्षण करना एवं सेना की साज-सज्जा की व्यवस्था करना होता था। | ||
'आरिज-ए-मुमालिक' के विभाग को ‘दीवान-ए-अर्ज’ कहा जाता था। इस विभाग की स्थापना [[बलबन]] ने की थी तथा [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] के समय इसका महत्त्व बढ़ गया। | |||
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Revision as of 12:12, 8 September 2011
आरिज-ए-मुमालिक भारत के इतिहास में सल्तनत काल में यह सैन्य विभाग का प्रमुख अधिकारी होता था।
इसका महत्त्वपूर्ण कार्य सैनिकों की भर्ती करना, सैनिकों एवं घोड़ों का हुलिया रखना, रसद की व्यवस्था करना, सेना का निरीक्षण करना एवं सेना की साज-सज्जा की व्यवस्था करना होता था।
'आरिज-ए-मुमालिक' के विभाग को ‘दीवान-ए-अर्ज’ कहा जाता था। इस विभाग की स्थापना बलबन ने की थी तथा अलाउद्दीन ख़िलजी के समय इसका महत्त्व बढ़ गया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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