विक्रमादित्य षष्ठ: Difference between revisions
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विक्रमादित्य या विक्रमांक कल्याणी के [[चालुक्य वंश]] का एक चालुक्य राजा (1073-1126) था, जो पराक्रमी योद्धा तथा साहित्य का संरक्षक था। उसके दरबारी कवि विल्हण ने 'विक्रमांकचरित' के नाम से उसकी जीवनी लिखी है। प्रसिद्ध धर्म शास्त्रकार 'मिताक्षरा' के रचयिता विज्ञानेश्वर को भी उसका संरक्षण प्राप्त था। उसने 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की थी। | विक्रमादित्य या विक्रमांक कल्याणी के [[चालुक्य वंश]] का एक चालुक्य राजा (1073-1126) था, जो पराक्रमी योद्धा तथा साहित्य का संरक्षक था। उसके दरबारी कवि विल्हण ने 'विक्रमांकचरित' के नाम से उसकी जीवनी लिखी है। प्रसिद्ध धर्म शास्त्रकार 'मिताक्षरा' के रचयिता विज्ञानेश्वर को भी उसका संरक्षण प्राप्त था। उसने 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की थी। | ||
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Revision as of 10:02, 22 May 2010
विक्रमादित्य या विक्रमांक कल्याणी के चालुक्य वंश का एक चालुक्य राजा (1073-1126) था, जो पराक्रमी योद्धा तथा साहित्य का संरक्षक था। उसके दरबारी कवि विल्हण ने 'विक्रमांकचरित' के नाम से उसकी जीवनी लिखी है। प्रसिद्ध धर्म शास्त्रकार 'मिताक्षरा' के रचयिता विज्ञानेश्वर को भी उसका संरक्षण प्राप्त था। उसने 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की थी।