अधजल गगरी छलकत जाय: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
प्रीति चौधरी (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*यह [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] एक प्रचलित कहावत है। | *यह [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] एक प्रचलित कहावत है। | ||
*इसका अर्थ - जो व्यक्ति बहुत कम जानता है, वह | *इसका अर्थ - जो व्यक्ति बहुत कम जानता है, वह विद्वान् ही होने का दिखावा ज़्यादा करता है। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
Latest revision as of 14:25, 6 July 2017
- यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
- इसका अर्थ - जो व्यक्ति बहुत कम जानता है, वह विद्वान् ही होने का दिखावा ज़्यादा करता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ