राज्य स्तरीय शिखर सम्मान: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 123: Line 123:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{कला सम्मान एवं पुरस्कार}}
[[Category:मध्य प्रदेश]]
[[Category:मध्य प्रदेश]]
[[Category:कला कोश]]
[[Category:कला कोश]]

Revision as of 10:13, 30 January 2012

राज्य स्तरीय शिखर सम्मान मध्य प्रदेश द्वारा प्रदान किया जाता है। मध्य प्रदेश में साहित्य और विभिन्न कलाओं के क्षेत्र में जो सृजन कार्य हो रहा है, उसके समुचित सम्मान की आवश्यकता असंदिग्ध है। राज्य शासन ने समग्र योगदान के आधार पर साहित्य, प्रदर्शनकारी कलाओं और रूपंकर कलाओं में एक-एक राज्यस्तरीय शिखर सम्मान स्थापित किया है। प्रत्येक सम्मान की राशि 31,000 रुपए है। शिखर सम्मान केवल मध्य प्रदेश के कलाकारों और साहित्यकारों को ही प्रदान किया जाता है। मध्य प्रदेश के साहित्यकार और कलाकार से अभिप्राय प्रदेश के स्थायी निवासी की वैधानिक अर्हताओं के अलावा उन व्यक्तियों से भी है, जिन्होंने प्रदेश में कला की सुदीर्घ साधना की है और जिन्होंने प्रदेश में ही अपना निवास बना लिया है और यहीं उनकी कर्मभूमि है।

चुनाव प्रक्रिया

संस्कृति विभाग प्रमुखत: प्रदेश में महत्वपूर्ण साहित्यकारों, कलाकारों, विशेषज्ञों, संस्थाओं आदि की प्रतिवर्ष विधावार सूचियाँ बनाता है। लोक और नागर प्रदर्शनकारी कलाओं के चक्र में प्रतिवर्ष संगीत, नृत्य, रंगमंच और लोककलाओं के क्षेत्र में क्रमानुसार वर्ग-विशेष के पुरस्कार के लिए एक कलानुशासन को चुना जाता है और उससे संबंधित सूची में शामिल व्यक्तियों और संस्थाओं से निर्धारित प्रपत्र पर समयावधि के अन्दर नामांकन भेजने को कहा जाता है। रूपंकर कलाओं के अन्तर्गत वर्ग विशेष में नागर अथवा लोक रूपंकर कलाओं के लिए नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं। सामान्यत: तीन वर्ष के चक्र में एक वर्ष लोक रूपंकर कलाओं को सम्मान के लिए चुना जाता है। साहित्य में भी इसी तरह प्रतिवर्ष नामांकन आमंत्रित करने की प्रक्रिया का अनुसरण किया जाता है।

साहित्य के क्षेत्र में पाँच वर्ष में एक बार यह सम्मान उर्दू साहित्य के लिए दिया जाता है। संकलित नामांकन विशेषज्ञों की एक चयन समिति के समक्ष विचारार्थ रखे जाते हैं। वर्ष विशेष के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा गठित चयन समिति में दूसरे कलानुशासन के ऐसे विशेष भी शामिल किए जाते हैं, जिनकी संबंधित कला में गहरी रुचि हो। चयन समिति को अनुशंसित नामों के अलावा, अपने विवेक से अन्य नाम चुनने की भी स्वतंत्रता है। मध्य प्रदेश शासन का प्रयत्न है कि साहित्य और कलाओं के क्षेत्र में प्रदेश की सृजन प्रतिभा ने जो श्रेष्ठ अजिर्त किया है, उसकी व्यापक पहचान बने और ऐसे कला साहित्य मनीषियों को, जो मध्य प्रदेश की समकालीन संस्कृति को अपने मूल्यवान अवदान से समृद्ध कर रहे हैं, एक कल्याणकारी राज्य, समूचे प्रदेश के नागरिकों की ओर से सम्मानित करें। राज्य शासन ने चयन समिति की अनुशंसा को अपने लिए बंधनकारी माना है।

देय आधार

शिखर सम्मान संबंधित क्षेत्र में सृजनात्मकता, उत्कृष्टता, दीर्घ-साधना और वर्तमान में सृजन-सक्रियता के निविर्वाद मानदण्डों के आधार पर दिया जाता है। यह सम्मान कलाकार, साहित्यकार के समग्र रचनात्मक अवदान के लिए प्रदान किया जाता है, न कि उसकी किसी कृति विशेष के लिए। शिखर सम्मान केवल सृजनात्मक उपलब्धियों के लिए ही दिया जाता है। शोध या अकादमिक कार्य के लिए यह देय नहीं है।

शिखर सम्मान (साहित्य)[1]
क्रम प्राप्तकर्ता समय
1. श्रीकान्त वर्मा 1980-81
2. गुलशेर ख़ाँ शानी 1981-82
3. भवानी प्रसाद मिश्र 1982-83
4. हरिशंकर परसाई 1983-84
5. नरेश मेहता 1984-85
6. वीरेन्द्र कुमार जैन 1985-86
7. चन्द्रकान्त देवताले 1986-87
8. रमेशचन्द्र शाह 1987-88
9. अमीक हनफ़ी 1988-89
10. सोमदत्त 1989-90
11. गिरिजा कुमार माथुर 1990-91
12. डॉ. शिवमंगलसिंह सुमन 1991-92
13. विनोद कुमार शुक्ल 1993-94
14. ज्ञानरंजन 1994-95
15. हरिनारायण व्यास 1996-97
16. भगवत रावत 1997-98
17. विष्णु खरे 1998-99
18. इक़बाल मज़ीद 1999-00
19. मंजूर एहतेशाम 2000-01
20. विष्णु नागर 2001-02
21. राजेश जोशी 2002-03
22. विनय दुबे 2003-04
23. निदा फाज़ली 2004-05
24. मालती जोशी 2005-06
25. डॉ. देवेन्द्र दीपक 2006-07
26. डा. आनंद कुमार पयासी 2007-08


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राष्ट्रीय तुलसी सम्मान (हिंदी) जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2012।

संबंधित लेख