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मेरे दोस्तो मेरी दिलरुबा
मेरे दोस्तो मेरी दिलरुबा
मेरी मां को मेरा प्रेम दे
मेरी मां को मेरा प्रेम दे
उन्हे जाके टी ये पैगाम दे
उन्हे जाके टी ये पैग़ाम
दे


मै वापस आऊंगा..
मै वापस आऊंगा..

Revision as of 14:25, 1 October 2012

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संदेशे आते है
हमे तद्पाते है
तो चिट्ठी आती है
तो पूछ जाती है
के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

संदेशे आते है
हमे तद्पाते है
तो चिट्ठी आती है
तो पूछ जाती है
के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने
हमे ख़त लिखा है
की हमसे पूछा है
किसी की सांसो ने किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने
महेकती सुबहो ने मचलती शामो ने
अकेली रातो ने अधूरी बातो ने
तरसती बाहो ने
और पूछा है तरसी निघाहो ने

के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये दिल सूना सूना है

संदेशे आते है
हमे तडपते है
तो चिट्ठी आती है
तो पूछे जाती है
के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

मोहब्बत वालो ने हमारे यारो ने
हमे ये लिखा है के हमसे पूछा है
हमारे गांव ने आम की छाओ ने
पुराने पीपल ने बरसते बादल ने
खेत खलियानो ने हरे मैदानो ने
बसंती बेलो ने झूमती बेलो ने
लचकते झूलो ने बेहेकते फूलो ने
चाताक्ति कलियो ने
और पूछा है गांव की गलियो ने

के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन गांव सूना सूना है

संदेशे आते है
हमे तडपते है
तो चिट्ठी आती है
तो पूछे जाती है
के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

कभी एक ममता की
प्यार की गंगा की
वो चिट्ठी आती है
साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के
खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का
वो टीका काजल का
वो लोरी रातो मे वो नरमी हाथो में
वो चाहत आंखो मे वो चिंता बातो में
बिगड़ना ऊपर से मोहब्बत अन्दर से
करे वो देवी मां
यही हर ख़त मे पूछे मेरी मां

के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन आंगन सूना सूना है

संदेशे आते है
हमे तडपते है
तो चिट्ठी आती है
तो पूछे जाती है
के घर कब आओगे..
लिखो कब आओगे
की तुम बिन ये घर सूना सूना है

ए गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गांव जा मेरे दोस्तो मो सलाम दे
मेरी गांव मे है जो वो गली
जहा रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे..
वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरा घर मे है मेरी बूढी मां
मेरे मां के पैरो को छूके
उसे उसके बेटा का नाम दे
आय गुजरने वाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तो मेरी दिलरुबा
मेरी मां को मेरा प्रेम दे
उन्हे जाके टी ये पैग़ाम
 दे

मै वापस आऊंगा..
फिर अपने गांव में
उसीकी छाओ में
की मां के आंचल से
गांव के पीपल से
किसीके काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा
मै एक दिन आऊंगा........

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  • संगीतकार :
  • गायक :
  • रचनाकार :


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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