धीरज ठाकरान: Difference between revisions

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==शीर्षक उदाहरण 1==
==शीर्षक उदाहरण 1== अगर हरियाणा को  भूमि कहा जाये तो कोई  अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहाँ के हर  जिले में कोई नो कोई मशहूर पहलवान मिल जायेगा। ऐसे  एक गाँव झाड़सा में बहोत से मशहूर पहलवान हुए जिन्होंने हर स्तर पर अपने गाँव और  देश  का नाम रोशन किया। इनमे से एक पहलवान धीरज (वीरेंदर ठाकरान) ने भी भारत देश का नाम हर जगह रोशन किया है।  इनकी सगी बहन श्रीमती प्रीतम सिवाच (शादी से पहले प्रीतम ठाकरान के नाम से खेलती थी) भारतीय महिला होकी टीम की कप्तान और देश की प्रतिभावान खिलाडियों में एक रही हुयी है. कुल मिलाकर इस ठाकरान परिवार ने देश के लिए होनहार खिलाडी पैदा किये है.


===शीर्षक उदाहरण 2===
===जन्म=== धीरज पहलवान (विरेन्द्र ठाकरान) का जनम गुडगाँव के निकट झाड़सा गाँव में श्री भरत सिंह ठाकरान के घर सं १९७० में हुआ.


====शीर्षक उदाहरण 3====
==== कुश्ती प्रेम====गाँव के हंसराम पहलवान और इनके पिता भरत सिंह में अच्छी दोस्ती थी। हंसराम ने उनके कुश्ती प्रेम को देखते हुए उनको स्वयं गुरु हनुमान के अखाड़े में छोड़ा। ये भी गुरु हनुमान के प्रिय शिष्यों में से एक थे. बाद में इन्होने भारतीय रेल में अपनी नोकरी की शुरुआत की. ये भारतीय रेल विभाग के उत्कृष्ठ पहलवानों में गिने जाते थे.


=====शीर्षक उदाहरण 4=====
=====कॉमनवेल्थ गेम्स===== सन १९९५ में भारत में आयोजित सैफ खेलो में स्वर्ण पदक जीता था. ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 1995 कॉमनवेल्थ गेम्स में धीरज पहलवान ने 75 किलो भार में गोल्डजीतकर भारत का नाम रोशन किया। 1991 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में धीरज ब्रॉन्ज जीत चुके हैं।


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==शीर्षक उदाहरण 1== अगर हरियाणा को भूमि कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहाँ के हर जिले में कोई नो कोई मशहूर पहलवान मिल जायेगा। ऐसे एक गाँव झाड़सा में बहोत से मशहूर पहलवान हुए जिन्होंने हर स्तर पर अपने गाँव और देश का नाम रोशन किया। इनमे से एक पहलवान धीरज (वीरेंदर ठाकरान) ने भी भारत देश का नाम हर जगह रोशन किया है। इनकी सगी बहन श्रीमती प्रीतम सिवाच (शादी से पहले प्रीतम ठाकरान के नाम से खेलती थी) भारतीय महिला होकी टीम की कप्तान और देश की प्रतिभावान खिलाडियों में एक रही हुयी है. कुल मिलाकर इस ठाकरान परिवार ने देश के लिए होनहार खिलाडी पैदा किये है.

===जन्म=== धीरज पहलवान (विरेन्द्र ठाकरान) का जनम गुडगाँव के निकट झाड़सा गाँव में श्री भरत सिंह ठाकरान के घर सं १९७० में हुआ.

==== कुश्ती प्रेम====गाँव के हंसराम पहलवान और इनके पिता भरत सिंह में अच्छी दोस्ती थी। हंसराम ने उनके कुश्ती प्रेम को देखते हुए उनको स्वयं गुरु हनुमान के अखाड़े में छोड़ा। ये भी गुरु हनुमान के प्रिय शिष्यों में से एक थे. बाद में इन्होने भारतीय रेल में अपनी नोकरी की शुरुआत की. ये भारतीय रेल विभाग के उत्कृष्ठ पहलवानों में गिने जाते थे.

=====कॉमनवेल्थ गेम्स===== सन १९९५ में भारत में आयोजित सैफ खेलो में स्वर्ण पदक जीता था. ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 1995 कॉमनवेल्थ गेम्स में धीरज पहलवान ने 75 किलो भार में गोल्डजीतकर भारत का नाम रोशन किया। 1991 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में धीरज ब्रॉन्ज जीत चुके हैं।



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