User talk:डा.राजेंद्र तेला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
 
Line 2: Line 2:
डॉ. राजेंद्र तेला जी<br />
डॉ. राजेंद्र तेला जी<br />
भारतकोश पर आपका स्वागत है! यह पृष्ठ आपसे वार्ता करने हेतु है अत: इसका यही प्रयोग होना चाहिये। यदि भारतकोश पर सम्पादन संबंधी कोई समस्या हो तो आप [[सदस्य वार्ता:गोविन्द राम|मेरे वार्ता पन्ने]] पर लिखें [[चित्र:nib4.png|35px|top|link=User:गोविन्द राम]]<span class="sign">[[User:गोविन्द राम|गोविन्द राम]] - <small>[[सदस्य वार्ता:गोविन्द राम|वार्ता]]</small></span>  16:59, 20 नवम्बर 2012 (IST)
भारतकोश पर आपका स्वागत है! यह पृष्ठ आपसे वार्ता करने हेतु है अत: इसका यही प्रयोग होना चाहिये। यदि भारतकोश पर सम्पादन संबंधी कोई समस्या हो तो आप [[सदस्य वार्ता:गोविन्द राम|मेरे वार्ता पन्ने]] पर लिखें [[चित्र:nib4.png|35px|top|link=User:गोविन्द राम]]<span class="sign">[[User:गोविन्द राम|गोविन्द राम]] - <small>[[सदस्य वार्ता:गोविन्द राम|वार्ता]]</small></span>  16:59, 20 नवम्बर 2012 (IST)
== समय  ==
हम समय का इंतज़ार करते हैं
समय हमारा इंतज़ार नहीं करता
14-11-2011-6
डा.राजेंद्र तेला,'निरंतर"
अजमेर (राजस्थान)[[Category:अनमोल_वचन]][[Category:समय ]]
== सच कहना ==
सच कहना चाहिए,पर प्रयत्न करना चाहिए,किसी के आत्मसम्मान को ठेस नहीं पहुंचे ,किसी को नीचा दिखाने के लिए कहा गया सच अपना महत्त्व खो देता है
समय और व्यक्ति की मनोस्थिति का भी ध्यान रखना चाहिए,सच कहते समय परिपेक्ष बताना भी अच्छा रहता है
14-11-2011-5
डा.राजेंद्र तेला,'निरंतर"
अजमेर (राजस्थान)[[Category:अनमोल_वचन]][[Category:सच कहना]]
== हाँ में हाँ मिलाना ==
हर बात में
हाँ में हाँ मिलाना
वैसे ही होता जैसे
तैरना नहीं जानने पर भी
कोई कहे,गहरे समुद्र से
मुझे डर नहीं लगता
13-11-2011
डा.राजेंद्र तेला,'निरंतर"
अजमेर (राजस्थान)[[Category:हाँ में हाँ मिलाना]][[Category:अनमोल_वचन]]
== फैसला ==
कोई भी फैसला करने से पहले
यह भी देखना चाहिए
आप फैसला करने के लिए
सक्षम हैं भी या नहीं
अगर आपको लगे आप सक्षम नहीं हैं
तो किसी ऐसे व्यक्ती का सहयोग लें
जो आपकी दृष्टि में
उचित फैसला कर सकता है
13-11-2011-2
डा.राजेंद्र तेला,'निरंतर"
अजमेर (राजस्थान) [[Category:फैसला]][[Category:अनमोल_वचन]]
== भेंट  ==
जो भी भेंट में मिले
उस पर
टीका टिप्पणी मत करो
उसे सहर्ष स्वीकार करो
स्नेह के दो शब्दों को भी
भेंट स कम ना समझो
भेंट लेने देने को
रिश्तों का पैमाना मत
बनाओ
13-11-2011-3
डा.राजेंद्र तेला,'निरंतर"
अजमेर (राजस्थान)[[Category:अनमोल_वचन]][[Category:भेंट ]]
== विचारों का मंथन  ==
जिस प्रकार
दूध के मंथन से
मक्खन निकलता है
उसी प्रकार
विचारों का मंथन करने से
धीरे धीरे जीवन का मर्म
समझ आने लगता है
डा.राजेंद्र तेला,'निरंतर"
अजमेर (राजस्थान)
[[Category:अनमोल_वचन]][[Category:विचारों का मंथन ]]

Latest revision as of 07:13, 22 November 2012

स्वागत!

डॉ. राजेंद्र तेला जी
भारतकोश पर आपका स्वागत है! यह पृष्ठ आपसे वार्ता करने हेतु है अत: इसका यही प्रयोग होना चाहिये। यदि भारतकोश पर सम्पादन संबंधी कोई समस्या हो तो आप मेरे वार्ता पन्ने पर लिखें 35px|top|link=User:गोविन्द रामगोविन्द राम - वार्ता 16:59, 20 नवम्बर 2012 (IST)