धर्मनिरपेक्षता: Difference between revisions

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'''धर्मनिरपेक्षता''', पंथनिरपेक्षता या सेक्युलरवाद एक आधुनिक राजनैतिक एवं संविधानी सिद्धान्त है। धर्मनिरपेक्षता के मूलत: दो प्रस्ताव हैं-
'''धर्मनिरपेक्षता''', 'पंथनिरपेक्षता' या 'सेक्युलरवाद' एक आधुनिक राजनैतिक एवं संविधानी सिद्धान्त है। धर्मनिरपेक्षता के मूलत: दो प्रस्ताव हैं-
# राज्य के संचालन एवं नीति-निर्धारण में मजहब (धर्म) का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये।  
# राज्य के संचालन एवं नीति-निर्धारण में मज़हब (धर्म) का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये।  
# सभी धर्म के लोग कानून, संविधान एवं सरकारी नीति के आगे समान है।
# सभी धर्म के लोग क़ानून, संविधान एवं सरकारी नीति के आगे समान है।
[[भारतीय संविधान]] द्वारा [[भारत]] धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। भारतीय संविधान की पूर्वपीठिका में 'सेक्युलर' शब्द [[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वें संविधान संशोधन]] द्वारा सन [[1976]] में जोड़ा गया। किन्तु ऐतिहासिक रूप से भारत में 'सर्वधर्म समन्वय' और वैचारिक एवं दार्शनिक स्वतन्त्रता अनादी काल से चली आ रही है।
[[भारतीय संविधान]] द्वारा [[भारत]] 'धर्मनिरपेक्ष देश' घोषित किया गया है। भारतीय संविधान की पूर्वपीठिका में 'सेक्युलर' शब्द [[संविधान संशोधन- 42वाँ|42वें संविधान संशोधन]] द्वारा सन [[1976]] में जोड़ा गया। किन्तु ऐतिहासिक रूप से भारत में 'सर्वधर्म समन्वय' और वैचारिक एवं दार्शनिक स्वतन्त्रता अनादि काल से चली आ रही है।


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Revision as of 03:50, 17 July 2013

धर्मनिरपेक्षता, 'पंथनिरपेक्षता' या 'सेक्युलरवाद' एक आधुनिक राजनैतिक एवं संविधानी सिद्धान्त है। धर्मनिरपेक्षता के मूलत: दो प्रस्ताव हैं-

  1. राज्य के संचालन एवं नीति-निर्धारण में मज़हब (धर्म) का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये।
  2. सभी धर्म के लोग क़ानून, संविधान एवं सरकारी नीति के आगे समान है।

भारतीय संविधान द्वारा भारत 'धर्मनिरपेक्ष देश' घोषित किया गया है। भारतीय संविधान की पूर्वपीठिका में 'सेक्युलर' शब्द 42वें संविधान संशोधन द्वारा सन 1976 में जोड़ा गया। किन्तु ऐतिहासिक रूप से भारत में 'सर्वधर्म समन्वय' और वैचारिक एवं दार्शनिक स्वतन्त्रता अनादि काल से चली आ रही है।


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