भारतकोश:अभ्यास पन्ना: Difference between revisions
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आधुनिक [[तेलुगु भाषा]] के प्रसिद्ध राष्ट्रीय कवि गुरुजाडा अप्पाराव का जन्म [[30 सितम्बर]],1861 ई.को आन्ध्र प्रदेश के [[विशाखापत्तनम]] क्षेत्र में एक विद्वान परिवार में हुआ था। उनके पिता वेंकटरामदास [[संस्कृत]] और तेलगु के विद्वान और [[वेदांत]] तथा ज्योतिष के ज्ञाता थे। इनकी आरम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। विद्यालय में संस्कृत और दर्शन उनके प्रिय विषय थे। उन्होंने कुछ समय तक अध्यापक रहने के बाद विजयनगर रियासत में नौकरी की। यहां उनको [[इतिहास]] पर शोध करने का अवसर मिला और उन्होंने '[[कलिंग]] का इतिहास ' नामक ग्रंथ की रचना की। गुरुजाडा अप्पाराव राष्ट्रीय भावनाओं से ओत प्रोत बड़े ओजस्वी कवि थे। उनकी कविताओं के अनेक संग्रह प्रकाशित हुए। उन्होंने जाति भेद ,वर्ण भेद, आदि का विरोध किया। [[धर्म]] के ब्रह्माचार और मूर्ति पूजा में उनका विश्वास नहीं था। कविता के साथ साथ उन्होंने नाटकों कहानियों और आलोचनाओं की भी रचना की। वीरेशिलिंगम के प्रयत्नों से समाज सुधार की जो लहर पैदा हुई थी उसको आगे बढाने में अप्पाराव ने भी योग दिया। वे अपनी रचनाओं में जनसाधारण की [[भाषा]] का प्रयोग करते थे। 30 नवम्बर, 1915 को उनका देहांत हो गया। | आधुनिक [[तेलुगु भाषा]] के प्रसिद्ध राष्ट्रीय कवि गुरुजाडा अप्पाराव का जन्म [[30 सितम्बर]],1861 ई.को आन्ध्र प्रदेश के [[विशाखापत्तनम]] क्षेत्र में एक विद्वान परिवार में हुआ था। उनके पिता वेंकटरामदास [[संस्कृत]] और तेलगु के विद्वान और [[वेदांत]] तथा ज्योतिष के ज्ञाता थे। इनकी आरम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। विद्यालय में संस्कृत और दर्शन उनके प्रिय विषय थे। उन्होंने कुछ समय तक अध्यापक रहने के बाद विजयनगर रियासत में नौकरी की। यहां उनको [[इतिहास]] पर शोध करने का अवसर मिला और उन्होंने '[[कलिंग]] का इतिहास ' नामक ग्रंथ की रचना की। गुरुजाडा अप्पाराव राष्ट्रीय भावनाओं से ओत प्रोत बड़े ओजस्वी कवि थे। उनकी कविताओं के अनेक संग्रह प्रकाशित हुए। उन्होंने जाति भेद ,वर्ण भेद, आदि का विरोध किया। [[धर्म]] के ब्रह्माचार और मूर्ति पूजा में उनका विश्वास नहीं था। कविता के साथ साथ उन्होंने नाटकों कहानियों और आलोचनाओं की भी रचना की। वीरेशिलिंगम के प्रयत्नों से समाज सुधार की जो लहर पैदा हुई थी उसको आगे बढाने में अप्पाराव ने भी योग दिया। वे अपनी रचनाओं में जनसाधारण की [[भाषा]] का प्रयोग करते थे। 30 नवम्बर, 1915 को उनका देहांत हो गया। | ||
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गुरुजाडा अप्पाराव
आधुनिक तेलुगु भाषा के प्रसिद्ध राष्ट्रीय कवि गुरुजाडा अप्पाराव का जन्म 30 सितम्बर,1861 ई.को आन्ध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम क्षेत्र में एक विद्वान परिवार में हुआ था। उनके पिता वेंकटरामदास संस्कृत और तेलगु के विद्वान और वेदांत तथा ज्योतिष के ज्ञाता थे। इनकी आरम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई। विद्यालय में संस्कृत और दर्शन उनके प्रिय विषय थे। उन्होंने कुछ समय तक अध्यापक रहने के बाद विजयनगर रियासत में नौकरी की। यहां उनको इतिहास पर शोध करने का अवसर मिला और उन्होंने 'कलिंग का इतिहास ' नामक ग्रंथ की रचना की। गुरुजाडा अप्पाराव राष्ट्रीय भावनाओं से ओत प्रोत बड़े ओजस्वी कवि थे। उनकी कविताओं के अनेक संग्रह प्रकाशित हुए। उन्होंने जाति भेद ,वर्ण भेद, आदि का विरोध किया। धर्म के ब्रह्माचार और मूर्ति पूजा में उनका विश्वास नहीं था। कविता के साथ साथ उन्होंने नाटकों कहानियों और आलोचनाओं की भी रचना की। वीरेशिलिंगम के प्रयत्नों से समाज सुधार की जो लहर पैदा हुई थी उसको आगे बढाने में अप्पाराव ने भी योग दिया। वे अपनी रचनाओं में जनसाधारण की भाषा का प्रयोग करते थे। 30 नवम्बर, 1915 को उनका देहांत हो गया।