नुक़्ता: Difference between revisions

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==नुक़्ते का महत्त्व==
==नुक़्ते का महत्त्व==
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|+ सिर्फ़ नुक़्ते के कारण अलग अलग अर्थ वाले कुछ शब्द<ref>पुस्तक- हिंदी की वर्तनी | लेखक- संत समीर |  पृष्ठ संख्या- 168</ref>
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! नुक़्ता के साथ शब्द
! नुक़्ता के साथ शब्द

Revision as of 14:29, 7 July 2014

नुक़्ता देवनागरी लिपि में किसी व्यंजन अक्षर के नीचे लगाए जाने वाले बिंदु को कहते हैं। इससे उस अक्षर का उच्चारण परिवर्तित होकर किसी अन्य व्यंजन का हो जाता है। जैसे 'ज' के नीचे नुक्ता लगाने से 'ज़' बन जाता है।

नुक़्ते का महत्त्व

सिर्फ़ नुक़्ते के कारण अलग अलग अर्थ वाले कुछ शब्द[1]
नुक़्ता के साथ शब्द अर्थ बिना नुक़्ता के शब्द अर्थ
क़मर चंद्रमा कमर पेट और पीठ के नीचे शरीर
क़ुल फ़ातिहा, काम तमाम होना कुल वंश
क़द डील, शरीर की लंबाई कद कोशिश, हठ
क़िताब कुर्ते आदि का गला, गिरेबाँ किताब पुस्तक
क़रार चैन, धीरज करार कगार
क़ौल प्रतिज्ञा कौर शाक्त, वाममार्गी
क़ालीन गलीजा कालीन काल संबंधी
क़तरा बूँद कतरा फाँक
ख़सरा हिसाब का कच्चा चिट्ठा, पटवारी का काग़ज़ खसरा एक तरह की बीमारी
ख़ुदा भगवान खुदा खुदा हुआ
ख़र गदहा खर तृण
ख़ाना दराज, जगह खाना भोजन
ख़ार काँटा, जलन खार काट करने वाली चीज़
ग़ल्ला अनाज गल्ला भेड़ों, बकरियों, गायों का झुंड
ग़रज़ प्रयोजन गरज ऊँची आवाज़
ग़ोल झुंड गोल वृत्ताकार
ग़ुल शोर गुल फूल
ग़ौर ध्यान गौर शुभ्र, गोरा
गज़ नाप (सोलह गिरह या तीन फीट का) गौर हाथी
ग़श शोषण, जो मन में हो उसके ख़िलाफ़ गफ सुंदर, हसीन
ग़ुंदः गुंडा, लोफर गुंद दबीज, दलदार, गफ़
राज़ रहस्य, भेद राज शासन
ज़िला जनपद जिला चमक - दमक
ज़रा थोड़ा, कम जरा वृद्धावस्था, बुढ़ापा
ज़माना समय, मुद्दत जमाना जमाने की क्रिया, उगाना
ज़ीना सीढ़ी जीना ज़िंदगी गुजारना
ज़ंग मोरचा (लोहे में उगने वाला) जंग लड़ाई
ज़ंगी हब्शी जंगी युद्ध संबंधी
ज़िरह काव्य जिरह ज़ख्म
ज़री सोने का मुलम्मा चढें हुई चाँदी के तार जरी बहादुर
ज़रब सफ़ेद शहर, श्वेत मधु जरब खुजली
ज़लाल बादल की छाया, छायादार जलाल प्रताप, रौबदार
ज़लील तुच्छ, नीच जलील बड़ा, बुजुर्ग
ज़ार स्थान, किसी चीज़ की बहुतायत जार पड़ोसी
ज़ारी रोना - पीटना जारी संचालित, बहता हुआ
ज़िनाँ व्यभिचार जिनाँ जन्नत का बहुवचन, जन्नतें
ज़ौक़ चखने की शाक्ति, लुत्फ जौक़ फ़ौज, सेना, भीड़
ज़न पत्नी जन लोग
तेज़ तीव्र, फुर्तीला तेज आभा, दीप्ती, कांति
ताक़ आला, ताखा ताक ताकने की क्रिया, अंगूर की बेल
ताज़ हमला, दौड, माशूका ताज राजमुकुट
दर्ज़ दरार, झिर्री दर्ज लिखित
दफ़ा दूर करना दफा बार, क़ानून की धारा
फ़लक आकाश फलक तीर की गाँसी
नुक़्ता बिंदु नुक्ता सूक्ष्म, बारीक़, ऐब
मज़ीद अतिरिक्त, ज़्यादा, फ़ालतू मजीद पवित्र और पूज्यमान
बेबाक़ ऋणमुक्त बेबाक निर्लज्ज, बेहया, मुँहफट, निडर
हज़ सौभाग्य, नसीब, आनंद हज धार्मिक यात्रा, मक़्क़ा की यात्रा
हक़ सत्य, अधिकार, कर्तव्य हक दूर करना, खुरचना
हज़्म पचा हुआ हज्म मोटाई, स्थूलता
हैज़ा दस्त और कै की बीमारी हैजा युद्ध
हाज़िर उपस्थित हाजिर हिजरत करने वाला, मक्का में जाकर निवास करने वाला
चाक़ तरोताज़ा, तनदुरुस्त चाक चिरा हुआ, फटा हुआ
उरूज़ ज़ाहिर होना उरूज चढ़ना, उन्नति, चोटी
अक़्सर बहुत छोटा अक्सर प्राय:
आज़म बहुत बड़ा, महान आजम गूँगा, मूक, जो बोल ना सके
अर्ज़ चौड़ाई, ज़मीन, निवेदन अर्ज सम्मान, प्रतिष्ठा, पद
अक़्ल बुद्धि अक्ल खाना, भोजन
अज़ब वह पुरुष जो स्त्री न रखता हो अजब विचित्र
सज़ा दंड सजा कलरव, तुकांत वाक्य
सिक़्क़ा विश्वासपात्र सिक्का ठप्पा, ढला हुआ धातु का टुकड़ा, हुकूमत
वज़ाहत ब्यौरेवार वर्णन करना, विस्तार वजाहत ख़ूबसूरती, रोब, इज़्ज़त
वज़ा रचना, सजधज, बच्चा पैदा करना वजा पीड़ा, दर्द, टीस
मुक़र्रर निश्चित, इक़रार किया हुआ मुकर्रर फिर से, दूसरी बार
मुक़द्दर तक़दीर , भाग्य मुकद्दर मैला, दु:खी
माक़ूल उचित, बुद्धिसम्मत माकूल खाया हुआ
मश्क़ अध्यास मश्क पानी भरने की चमड़े की खोल
बाग़ उपवन बाग बागडोर

नुक़्ते का प्रयोग

नुक़्ता संस्कृत या हिन्दी के मूल शब्दों में नहीं लगता क्योंकि संस्कृत या हिन्दी में वैसी ध्वनियाँ हैं ही नहीं। कृपया इसमें हिन्दी के "ड़" और "ढ़" को मत गिन लीजिएगा। ये दोनों स्वतंत्र अक्षर हैं और इनके नीचे लगने वाली बिन्दी के बिना इनका अस्तित्व सम्भव नहीं।

  • इसलिए पहला सूत्र यह है कि सबसे पहले यह निश्चित करें कि शब्द मूल रूप से हिन्दी का है क्या? अगर उत्तर हाँ है, तो नुक़्ता लगना ही नहीं है। आपको कई जगह "सफल" के "फ" के नीचे नुक़्ता लगा हुआ दिख जाएगा जो सरासर ग़लत है। सफल का मतलब है स+फल यानी फल सहित।
  • ध्यान दें कि केवल उन्हीं अंग्रेज़ी शब्दों में नुक़्ता लगने की सम्भावना हो सकती है, जिनमें F, PH या Z आते हों। F और PH के लिए फ के नीचे और Z के लिए ज के नीचे नुक़्ता लगा दीजिए। ध्यान रखें कि अंग्रेज़ी में "फ" का उच्चारण है ही नहीं, इसलिए वहाँ जब भी आयेगा "फ़" ही आयेगा। जिन अंग्रेज़ी शब्दों में Z हो, वहाँ "ज" के नीचे नुक़्ता लगा कर "ज़" लिखें।
  • उर्दू में नुक़्ता वाले उच्चारण सिर्फ़ ये पाँच हैं- क़, ख़, ग़, ज़, और फ़। इसलिए आपको केवल इन पाँचों पर ध्यान केन्द्रित करना है और काॅपी में इन पाँच अक्षरों से बने उर्दू शब्दों को तौलना है कि यहाँ नुक़्ता लगेगा या नहीं।
  • इस्लामी देशों के जिन नामों में अंग्रेज़ी का Q अक्षर आता हो, वहाँ Q के स्थान पर नुक़्ते वाला "क़" लगायें। जैसे-
    • QAZI क़ाज़ी
    • QAIDA क़ायदा
    • QAISER क़ैसर
    • TARIQ तारिक़
    • SAQLAIN सक़लैन
    • QUTUB क़ुतुब
    • IRAQ इराक़

लेकिन इसके एकाध अपवाद भी हैं, जैसे पाकिस्तान का QUETTA शहर, जिसका उच्चारण है क्वेटा और इसमें "क" के नीचे नुक़्ता नहीं लगता।

  • दूसरा उच्चारण है "ख़"। अंग्रेज़ी में प्रायः इस उच्चारण को KH से व्यक्त करते हैं। जैसे-
    • KHAN ख़ान
    • AKHTAR अख़्तर
    • BAKHT बख़्त
    • KHUSHBU ख़ुशबू
    • KHADIM ख़ादिम

KHAR इसका अपवाद है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी का सरनेम है खर, जिसे अंग्रेज़ी में KHAR ही लिखा जायेगा। लेकिन उर्दू में एक और शब्द है ख़ार, इसे भी अंग्रेज़ी में KHAR ही लिखेंगे। इसी तरह, एक नाम है निकहत। अंग्रेज़ी में इसे NIKHAT ही लिखेंगे, इसलिए इसे "निख़त" या "निखत" न लिखें।

  • तीसरा उच्चारण है "ग़" का, जिसे अंग्रेज़ी में GH से व्यक्त करते हैं। जैसे-
    • GHULAM ग़ुलाम
    • GHAZANFAR ग़ज़नफ़र
    • GHAUS ग़ौस
    • GHALIB ग़ालिब
    • GHAZALA ग़ज़ाला
    • GHAZAL ग़ज़ल
    • SAGHIR/ SAGHEER सग़ीर
    • ASGHAR असग़र

ध्यान रखें कि GH के लिए "ग़" केवल नामों के लिए ही लिखा जायेगा।

  • चौथा उच्चारण है "ज़" का, जिसके लिए अंग्रेज़ी के Z अक्षर का प्रयोग होता है। जैसे-
    • ZAIN ज़ैन
    • ZOHRA ज़ोहरा
    • ZULFIQAR ज़ुल्फ़िक़ार
    • HAZRAT हज़रत
    • AZHAR अज़हर
    • MUZAFFAR मुज़फ़्फ़र.
  • पाँचवाँ और अन्तिम उच्चारण है "फ़" का। ध्यान रखें कि उर्दू नामों में केवल F ही "फ़" का उच्चारण देता है। PH से उर्दू में "फ" का उच्चारण ही होगा और नुक़्ता नहीं लगेगा। इसलिए
    • AFROZ अफ़रोज़
    • FIRDAUS फ़िरदौस
    • FASIH/FASEEH फ़सीह
    • FAISAL फ़ैसल
    • FAIZAL फ़ैज़ल
    • TUFAIL तुफ़ैल लिखा जायेगा।[2]


बाहरी कड़ियाँ

टीका-टिप्पणी और संदर्भ

  1. पुस्तक- हिंदी की वर्तनी | लेखक- संत समीर | पृष्ठ संख्या- 168
  2. नक़्वी, क़मर वाहिद। कहाँ लगेगा नुक़्ता? (हिंदी) फ़ॅसबुक डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 7 जुलाई, 2014।