चिन्तपूर्णी देवी की आरती: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "७" to "7") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "८" to "8") |
||
Line 26: | Line 26: | ||
सुमर चरन ध्यानू जस गावे, | सुमर चरन ध्यानू जस गावे, | ||
भक्तां दी पज निभाओ, भोली माँ || | भक्तां दी पज निभाओ, भोली माँ || 8 || | ||
</poem></span></blockquote> | </poem></span></blockquote> | ||
Latest revision as of 11:36, 1 November 2014
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
चिन्तपूर्णी चिन्ता दूर करनी,
जन को तारो भोली माँ |
काली दा पुत्र पवन दा घोडा,
सिंह पर भई असवार, भोली माँ || 1 ||
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूलसम्भालो, भोली माँ || 2 ||
चौथे हथ चक्कर गदा पांचवे,
छठे मुण्डों दी माल भोली माँ || 3 ||
सातवें से रुण्ड-मुण्ड बिदारे,
आठवें से असुर संहारे, भोली माँ || 4 ||
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाय, भोली माँ || 5 ||
हरि हर ब्रह्मा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान, भोली माँ || 6 ||
औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया, भोली माँ || 7 ||
सुमर चरन ध्यानू जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ, भोली माँ || 8 ||
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ