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Revision as of 12:01, 29 June 2015

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
भारत की जाति-वर्ण व्यवस्था

right|100px|border|link=भारतकोश सम्पादकीय 3 मार्च 2015

        एक राजा जिसका नाम चंद्रप्रभा था, पिंडदान करने नदी के किनारे पहुँचा। पिंड को हाथ में लेकर वह नदी में प्रवाहित करने को ही था कि नदी से तीन हाथ पिंड लेने को निकले। राजा आश्चर्य में पड़ गया। ब्राह्मण ने कहा: राजन! इन तीन हाथों में से एक हाथ किसी सूली पर चढ़ाए व्यक्ति का है क्योंकि उसकी कलाई पर रस्सी से बांधने का चिह्न बना है, दूसरा हाथ किसी ब्राह्मण का है क्योंकि उसके हाथ में दूब (घास) है और तीसरा किसी राजा का है क्योंकि उसका हाथ राजसी प्रतीत होता है साथ ही उसकी उंगली में राजमुद्रिका है।” पूरा पढ़ें

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