भिण्डी: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('भिण्डी भारत की एक लोकप्रिय सब्जी है जो देश के लगभग ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 17: | Line 17: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category: | [[Category:शाक-सब्ज़ी]] | ||
[[Category:वनस्पति कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Revision as of 06:16, 27 August 2010
भिण्डी भारत की एक लोकप्रिय सब्जी है जो देश के लगभग सभी भागों में उगायी जाती है। भिण्डी हरे रंग की होती है। भिण्डी का वानस्पतिक नाम एबलमोस्कस एसकुलेन्टस है। इस समय निर्यात की जाने वाली सब्जियों में लगभग 60 प्रतिशत भिन्डी निर्यात की जाती है। भिन्डी की अच्छी उपज के लिए उन्नतशील प्रजातियों एवं वैज्ञानिक तरीके से खेती करनी चाहिए।[1] भिंण्डी गर्मी की ऋतु में प्रयोग की जाने वाली एक महत्तवपूर्ण सब्जी है। इसके अपरिपक्व फल ही मुख्य रूप से सब्जी के लिए प्रयोग किये जाते हैं इसके बीजों को पीसकर मंजन तथा काफी के रूप में प्रयोग करते हैं। इसका फल रेशा सहित कागज उद्योग में भी प्रयोग किया जाता है।[2]
भिण्डी का वृक्ष
भिण्डी का वृक्ष छोटा होता है। भिण्डी गर्म मौसम की सब्जी है भिण्डी के पौधे पाले को सहन करने में असमर्थ होते है 32.22 डिग्री सेल्सियस भिण्डी के बीज के अंकुरण के लिए अनुपयुक्त माना गया है।[3]
उत्पत्ति
भिण्डी के मूल उत्पत्ति स्थल के बारे में विद्वानों के दो मत हैं। एक मत के अनुसार इसका जन्म-स्थान अफ्रीका का उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र है, जहाँ इसे अमेरिका की खोज से भी कई शताब्दी पहले से उगाया जा रहा है, दूसरे मत के अनुसार इसका जन्म-स्थल भारत ही है बारहवीं शताब्दी में इसका उल्लेख स्पेन के ग्रन्थों में मिलता है। तेरहवीं शताब्दी में मिस्र के लोग इसका उपयोग सब्जी के रुप में इस्तेमाल करते थे। इनका जन्म-स्थान अफ्रीका होने के प्रमाण अधिक मिलते हैं।[4]
भिण्डी के फायदे
- भिण्डी की तरकारी भंरवा और भुंजियाँ दोनों प्रकार से बहुत स्वादिष्ट बनती है और अरूचि को दूर करती है।
- भिण्डी की जड का चूर्ण बराबर शक्कर के साथ धातुदौर्बल्य और आमवात को दूर करता है।
- भिण्डी कच्चे हरे फल के लिए ही नहीं बल्कि इसकी जड़ और तना, गुड़ और शक्कर साफ करने में भी प्रयोग किया जाता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ